मगध राज्य का उत्कर्ष |
मगध के सबसे प्राचीन वंश के संस्थापक वृहद्रथ था। इसकी राजधानी गिरिब्रज (राजगृह) थी। जरासंध वृहद्रथ का पुत्र था ।
* हर्यक वंश के संस्थापक बिम्बिसार मगध की गद्दी पर 544 ई.पू. (बौद्ध ग्रंथों के अनुसार) में बैठा था। वह बौद्ध धर्म का अनुयायी था यह प्रथम भारतीय राजा था जिसने प्रशासनिक व्यवस्था पर बल दिया।
* बिम्थिसारत्त को हराकर अंग राज्य को मगध में मिला लिया।
* बिम्बिसार ने राजगृ ने ब्रह्मदह का निर्माण कर उसे अपनी राजधानी बनाया।
* बिम्बिसार ने मगध पर करीब 52 वर्षों तक शासन किया।
* महात्मा बुद्ध की सेवा में बिम्बिसार ने राजवैद्य जीवक को भेजा। अवन्ति के राजा प्रद्योत जब पाण्डु रोग से ग्रसित थे उस समय भी बिम्बिसार ने जीवक को उनकी सेवा-सुश्रूषा के लिए भेजा था । विम्बिसार ने वैवाहिक संबंध स्थापित कर अपने साम्राज्य का विस्तार किया। इसने कोशल नरेश प्रसेनजित की बहन महाकोशला से, वैशाली के चेटक की पुत्री चेल्लना से तथा मद्र देश (आधुनिक पंजाब) की राजकुमारी क्षेमा से शादी की ।
* बिम्बिसार की हत्या उसके पुत्र अजातशत्रु ने कर दी और वह 493 ईसा पूर्व में मगध की गही पर बैठा।
* अजातशत्रु का उपनाम कुणिक था । वह प्रारंभ में जैनधर्म का अनुयायी था । अजातशत्रु ने 32 वर्षों तक मगध पर शासन किया।
* अजातशत्रु के सुयोग्य मंत्री का नाम वर्षकार (वरस्कार) था । इसी की सहायता से अजातशत्रु ने वैशाली पर विजय प्राप्त की ।
* 461ई.पू. में अपने पिता की हत्या कर उदायिन मगध की गद्दी पर बैठा ।
* उदायिन ने पाटिलग्राम की स्थापना की । वह जैनधर्म का अनुयायी था।
* हर्यक वंश का अंतिम राजा उदायिन का पुत्र नागदशक था।
* नागदशक को उसके अमात्य शिशुनाग ने 412 ईसा पूर्व में अपदस्थ करके मगध पर शिशुनाग वंश की स्थापना की ।
* शिशुनाग ने अपनी राजधानी पाटलिपुत्र से हटाकर वैशाली में स्थापित की।
* शिशुनाग का उत्तराधिकारी कालाशोक पुनः राजधानी को पाटलिपुत्र ले गया।
* शिशुनाग वंश का अंतिम राजा नंदिवर्धन था ।
* नंदवंश का संस्थापक महापद्मनंद था।
* नंदवंश का अंतिम शासक घनानंद था। यह सिकन्दर का समकालीन था। इसे चन्द्रगुप्त मौर्य ने युद्ध में पराजित किया और मगध पर एक नये वंश 'मौर्य वंश' की स्थापना की ।
भारत का इतिहास , प्राचीन भारत
अन्य जानकारी
- कंप्यूटर ज्ञान
- जीव विज्ञान
- भौतिक विज्ञान
- रसायन विज्ञान
- भूगोल
- इतिहास
- उत्तराखंड सामान्य ज्ञान
- करंट अफेयर
- भारतीय फौज के बहादुरों की कहानी
- धार्मिक स्थल
- दर्शनीय स्थल
- उत्तराखंड समाचार
- उत्तराखंड की फोटो
- नई शिक्षा निति
- भरतु की ब्वारी के किस्से - नवल खाली
- ACTRESS PHOTO
- UTTRAKHAND PHOTO GALLERY
- UTTRAKHANDI VIDEO
- JOB ALERTS
- FORTS IN INDIA
- THE HINDU NEWS IN HINDI
- उत्तराखंड से सम्बंधित अन्य कोई भी जानकारी (euttra.com)
Comments
Post a Comment