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सिक्ख एवं अंग्रेज (Sikh and Brutushers)

  सिक्ख एवं अंग्रेज (Sikh and English) > सिक्ख सम्रदाय की स्थापना का श्रेय गुरु नानक ( प्रथम गुरु) को है। गुरु नानक के अनुयायी ही सिक्ख कहलाए । ये बादशाह আबर एवं हुमायूँ के समकालीन थे । > सन् 1469 ई. की कार्तिक पूर्णिमा को नानक को आध्यात्मिक पुनर्जीवन का आभास हुआ। > गुरुनानक ने गुरु का लंगर नामक निःशुल्क सहभागी भोजनालय स्थापित किए। > गुरुनानक ने अनेक स्थानों पर संगत ( धर्मशाला) और पंगत (लंगर) स्थापित किए। > संगत और पंगत ने गुरुनानक के अनुयायियों के लिए एक संस्था का कार्य किया, जहाँ वे प्रतिदिन मिलते थे । > गुरु नानक की 1538 ई. में करतारपुर में मृत्यु हो गयी। > गुरु अंगद (1539-52 ई.) सिक्खों के दूसरे गुरु थे। इनका प्रारम्भिक नाम लहना था। > इन्होंने नानक द्वारा शुरू की गई लंगर-व्यवस्था को स्थायी बना दिया। > गुरुमुखी लिपि का आरंभ गुरु अंगद ने किया। > सिक्खों के तीसरे गुरु अमरदास (1552-1574 ई.) थे। > गुरु अमरदास ने हिन्दुओं से पृथक् होनेवाले कई कार्य किए। > हिन्दुओं से अलग विवाह पद्धति लवन को प्रचलित किया। > अकबर ने गुरु अमरदास से गोविन्दवाल जाकर भेंट