Pushyabhuti Dynasty or Vardhan Dynasty (पुष्यभूति वंश या वर्धन वंश) * गुप्त वंश के पतन के बाद जिन नये राजवंशों का उद्भव हुआ, उनमें मैत्रक, मौखरि, पुष्यभूति, परवर्ती गुप्त और गौड़ प्रमुख हैं। इन राजवंशों में पुष्यभूति वंश के शासकों ने सबसे विशाल साम्राज्य स्थापित किया। * पुष्यभूति वंश के संस्थापक पुष्यभूति था इनकी राजधानी थानेश्वर (हरियाणा प्रांत के कुरुकषेत्र जिले में स्थित वर्तमान थानेसर स्थान) थी। * प्रभाकरवर्द्धन इस वंश की स्वतंत्रता का जन्मदाता था तथा प्रथम प्रभावशाली शासक था, जिसने परमभट्टारक और महाराजाधिराज जैसी सम्मानजनक उपाधियों धारण की। * प्रभाकरव्द्धन की पत्नी यशोमती से दो पुत्र राज्यवर्द्धन और हर्षव्द्धन तथा एक कन्या राज्यश्री उत्पन्न हुई। राज्यश्री का विवाह कन्नौज के मौखरि राजा ग्रहवम्मा के साथ हुआ। * मालवा के शासक देवगुप्त ने ग्रहवर्मा की हत्या कर दी और राज्यश्री को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया। * राज्यव्द्धन ने देवगुप्त को मार डाला, परंतु देवगुप्त के मित्र गौड़ नरेश शशांक ने थोखा देकर राज्यवर्द्धन की हत्या कर दी। नोट शशांक शैव धर्म का अनुयायी था। इसने बोधिवृक्ष (बो