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Pushyabhuti Dynasty or Vardhan Dynasty |पुष्यभूति वंश या वर्धन वंश


Pushyabhuti Dynasty or Vardhan Dynasty (पुष्यभूति वंश या वर्धन वंश)

 

 पुष्यभूति वंश (वर्धन वंश) – उत्पत्ति और प्रारंभिक इतिहास

वंश परिचय

  • पुष्यभूति वंश, जिसे वर्धन वंश भी कहा जाता है, प्राचीन भारत का एक महत्वपूर्ण राजवंश था।
  • इसका शासन क्षेत्र वर्तमान हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों तक फैला था।
  • इस वंश का उत्कर्ष 7वीं शताब्दी ईस्वी में हुआ, विशेषकर हर्षवर्धन के शासनकाल में।

 

उत्पत्ति और प्रारंभिक केंद्र

  • इस वंश का उदय थानेसर (Thanesar) से हुआ, जो आधुनिक हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में है।
  • प्रारंभिक शासक संभवतः पुष्यभूति नामक राजा थे, जिनसे वंश का नाम पड़ा।
  • वंश की सत्ता का विस्तार धीरे-धीरे आस-पास के राज्यों में हुआ।

 

प्रारंभिक शासक

(i) पुष्यभूति

  • वंश के संस्थापक माने जाते हैं, पर इनके बारे में विस्तृत ऐतिहासिक साक्ष्य सीमित हैं।

(ii) प्रभाकरवर्धन

  • इस वंश के एक शक्तिशाली राजा।
  • उन्होंने हूणों और अन्य विदेशी आक्रमणकारियों से सफलतापूर्वक रक्षा की।
  • गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद उत्तर भारत में स्थिरता लाने में योगदान।
  • उनकी दो संतानें इतिहास में प्रसिद्ध हुईं —

1.   राज्यवर्धन (बड़े पुत्र)

2.   हर्षवर्धन (छोटे पुत्र)

    • पुत्री राज्यश्री का विवाह मौखरी वंश के राजा ग्रहरवर्मन से हुआ।

 

राजनीतिक पृष्ठभूमि

  • गुप्त साम्राज्य के पतन (6वीं शताब्दी के अंत) के बाद उत्तर भारत में राजनीतिक अस्थिरता थी।
  • छोटे-छोटे राज्यों के बीच संघर्ष और हूणों के आक्रमण से स्थिति अस्थिर।
  • ऐसे में पुष्यभूति वंश ने सत्ता का केंद्रीकरण किया और एक शक्तिशाली साम्राज्य खड़ा किया।

 

प्रारंभिक संघर्ष

  • प्रभाकरवर्धन के समय हूणों से युद्ध हुआ, जिसमें विजय प्राप्त हुई।
  • मौखरी वंश के साथ वैवाहिक संबंध स्थापित करके राजनीतिक सहयोग बढ़ाया गया।

 

पुष्यभूति वंश (वर्धन वंश) – हर्षवर्धन का उदय और साम्राज्य विस्तार

राज्यवर्धन का शासन और मृत्यु

  • प्रभाकरवर्धन की मृत्यु के बाद उनका ज्येष्ठ पुत्र राज्यवर्धन गद्दी पर बैठा।
  • उस समय राजनीतिक परिस्थिति जटिल थी —
    • मौखरी वंश के राजा ग्रहरवर्मन (राज्यवर्धन की बहन राज्यश्री के पति) की मालवा के गौड़ राजा शशांक ने हत्या कर दी।
    • राज्यश्री को बंदी बना लिया गया।
  • राज्यवर्धन ने प्रतिशोध के लिए गौड़ और मालवा के विरुद्ध अभियान छेड़ा।
  • लेकिन युद्ध के दौरान शशांक ने धोखे से राज्यवर्धन की हत्या कर दी (लगभग 606 ई.)।

 

हर्षवर्धन का गद्दी पर आना

  • राज्यवर्धन की मृत्यु के बाद 16 वर्ष के हर्षवर्धन को थानेसर का शासक बनाया गया।
  • हर्ष ने पहले अपनी बहन राज्यश्री को बंदीगृह से मुक्त कराया।
  • फिर अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिए युद्ध अभियान शुरू किया।

 

साम्राज्य विस्तार

  • हर्ष ने धीरे-धीरे उत्तर भारत के अनेक राज्यों को अपने अधीन कर लिया।
  • कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया (थानेसर से स्थानांतरण)।
  • बंगाल, बिहार, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, मालवा, और नेपाल तक अपना प्रभाव स्थापित किया।
  • दक्षिण भारत पर विजय का प्रयास किया, लेकिन पुलकेशिन द्वितीय (चालुक्य शासक) से नर्मदा नदी के पास पराजित हुए।
    • नर्मदा को दोनों साम्राज्यों की सीमा माना गया।

 

कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंध

  • हर्ष ने विदेशों के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए।
  • चीनी यात्री ह्वेनसांग (Xuanzang) उनके शासनकाल में भारत आए और विस्तार से विवरण दिया।
  • श्रीलंका के राजा मग्धित ने हर्ष के दरबार में दूत भेजे।

 

शासन की विशेषताएँ

  • हर्ष ने 41 वर्षों तक शासन किया (606–647 ई.)।
  • उनके शासन में राजनीतिक स्थिरता, धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक उन्नति हुई।
  • प्रारंभ में शैव धर्म के अनुयायी, बाद में बौद्ध धर्म की ओर झुकाव।

 

पुष्यभूति वंश (वर्धन वंश) – हर्षवर्धन का प्रशासन, संस्कृति और वंश का पतन

प्रशासन व्यवस्था

  • राजनीतिक ढाँचा:
    • राजा सर्वोच्च था, लेकिन मंत्रियों की परिषद उसकी सहायता करती थी।
    • शासन प्रांतो, जिलों और गाँवों में विभाजित था।
  • राजधानी: कन्नौज (थानेसर से स्थानांतरित)।
  • सेना:
    • बड़ी स्थायी सेना थी जिसमें पैदल, घुड़सवार, हाथी और रथ शामिल थे।
    • ह्वेनसांग के अनुसार सेना में 60,000 पैदल सैनिक, 5,000 हाथी और 2,000 घोड़े थे।
  • कानून और व्यवस्था:
    • अपराधों के लिए कठोर दंड।
    • भूमि और व्यापार पर कर वसूली होती थी, लेकिन कर दरें अधिक नहीं थीं।

 

आर्थिक स्थिति

  • कृषि: राज्य की आय का मुख्य स्रोत कृषि कर था।
  • व्यापार: आंतरिक और बाहरी व्यापार विकसित था।
  • सड़कें और नगर: व्यापारिक मार्गों की सुरक्षा और मरम्मत पर ध्यान।
  • मुद्रा: सोने, चाँदी और ताँबे के सिक्के प्रचलित थे।

 

धर्म

  • प्रारंभ में हर्ष शैव धर्म के अनुयायी थे, बाद में महायान बौद्ध धर्म की ओर झुक गए।
  • हर पाँच वर्ष में महामोक्ष परिषद (प्रयाग महोत्सव) आयोजित करते थे, जिसमें राजा अपनी अधिकांश संपत्ति दान कर देते थे।
  • सभी धर्मों के प्रति सहिष्णु नीति अपनाई।

 

कला और साहित्य

  • हर्ष स्वयं एक विद्वान लेखक थे —
    • रत्नावली (नाटक)
    • प्रियदर्शिका (नाटक)
    • नागानंद (नाटक)
  • उनके दरबार में प्रसिद्ध संस्कृत कवि बाणभट्ट थे, जिन्होंने
    • हर्षचरित (जीवनी)
    • कादंबरी (उपन्यास) लिखी।
  • चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भारत की शिक्षा, धर्म, समाज और राजनीति का वर्णन किया।

 

शिक्षा

  • नालंदा विश्वविद्यालय और वलभी विश्वविद्यालय को संरक्षण मिला।
  • विद्या, दर्शन, धर्म और चिकित्सा पर अध्ययन।

 

हर्षवर्धन की मृत्यु और वंश का पतन

  • हर्ष की मृत्यु 647 ईस्वी में हुई, और उनकी कोई योग्य उत्तराधिकारी नहीं था।
  • उनकी मृत्यु के बाद कन्नौज पर बंगाल के गौड़ वंश का अधिकार हो गया।
  • साम्राज्य छोटे-छोटे राज्यों में बिखर गया।

 

ऐतिहासिक महत्व

  • हर्षवर्धन उत्तर भारत के अंतिम महान सम्राट माने जाते हैं।
  • उनके शासनकाल में कला, साहित्य, धर्म और राजनीति का उत्कर्ष हुआ।
  • उनकी मृत्यु के बाद लगभग पाँच शताब्दियों तक उत्तर भारत में कोई बड़ा साम्राज्य नहीं बन पाया।

 

 Note:-

  •  गुप्त वंश के पतन के बाद जिन नये राजवंशों का उद्भव हुआ, उनमें मैत्रक, मौखरि, पुष्यभूति, परवर्ती गुप्त और गौड़  प्रमुख हैं। इन राजवंशों में पुष्यभूति वंश के शासकों ने सबसे विशाल साम्राज्य स्थापित किया।
  • पुष्यभूति वंश के संस्थापक पुष्यभूति था इनकी राजधानी थानेश्वर  (हरियाणा प्रांत के कुरुकषेत्र जिले में स्थित वर्तमान थानेसर स्थान) थी।
  • प्रभाकरवर्द्धन इस वंश की स्वतंत्रता का जन्मदाता था तथा प्रथम प्रभावशाली शासक था, जिसने परमभट्टारक और महाराजाधिराज जैसी सम्मानजनक उपाधियों धारण की।
  • प्रभाकरव्द्धन की पत्नी यशोमती से दो पुत्र राज्यवर्द्धन और हर्षव्द्धन तथा एक कन्या राज्यश्री उत्पन्न हुई। राज्यश्री का विवाह कन्नौज के मौखरि राजा ग्रहवम्मा के साथ हुआ।
  • मालवा के शासक देवगुप्त ने ग्रहवर्मा की हत्या कर दी और राज्यश्री को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया।
  • राज्यव्द्धन ने देवगुप्त को मार डाला, परंतु देवगुप्त के मित्र गौड़ नरेश शशांक ने थोखा देकर राज्यवर्द्धन की हत्या कर दी।

 

नोट शशांक शैव धर्म का अनुयायी था। इसने बोधिवृक्ष (बोधगया) को कटया विया।

  • राज्यव्द्धन की मृत्यु के बाद 606 ई. में 16 वर्ष की अवस्था में हर्षवर्द्धन थानेश्वर की गगद्दी पर बैठा। हर्ष को शिलादित्य के नाम से भी जाना जाता था। इसने परमभटटारक नरेश की उपाधि धारण की थी।
  • हर्ष ने शशांक को पराजित करके कन्नौज पर अधिकार कर लिया तथा उसे अपनी राजधानी बनाया।
  • हर्ष और पुलकेशिन-1I के बीच नर्मदा नदी के तट पर युद्ध हुआ. जिसमें हर्ष की पराजय हुई ।
  • चीनी यात्री ह्वेनसांग हर्व्धन के शासनकाल में भारत आया।

 

नोट ह्वेनसांग को यात्रियों में राजकुमार, नीति का पंडित एवं वर्तमान शाक्यमुनि कहा जाता है। वह नालंदा विश्वविद्यालय में पढ़ने एवं बोध ग्रन्थ  संग्रह करने के उद्देश्य से भारत आया था।

  • हर्ष 641 ई. में अपने दूत चीन भेजे तथा 643 ई. एवं 645 ई. में दो चीनी दूत उसके दरबार में आए।
  • हर्ष ने कश्मीर के शासक से बुद्ध के दंत अवशेष बलपूर्वक प्राप्त किए।
  • हर्ष के पूर्वज भगवान शिव और सूर्य के अनन्य उपासक थे।
  • प्रारंभ में हर्ष भी अपने कुलदेवता शिव का परम भक्त था चीनी यात्री हेनसाँग से मिलने के बाद उसने बीद्ध धर्म की महायान शाखा को राज्याश्रय प्रदान किया तथा वह पूर्ण बौद्ध बन गया।
  • हर्ष के समय में नालंदा महाविहार महायान बौद्ध धर्म की शिक्षा का प्रधान केंद्र था।
  • हर्ष के समय में प्रयाग में प्रति पाँचवें वर्ष एक समारोह आयोजित किया जाता था जिसे महामोक्षपरिषद कहा जाता था। हेनसौंग स्वयं 6 ठे समारोह में सम्मिलित हुआ।
  • बाणभट्ट हर्ष के दरबारी कवि थे। उन्होंने हर्षचरित एवं कादम्बरी की रचना की।
  • प्रियदर्शिका, रत्नावली तथा नागानन्द नामक तीन संस्कृत नाटक ग्रंथों की रचना हर्ष ने की थी। कहा जाता है कि धावक नामक कवि ने हर्ष से पुरस्कार लेकर उसके नाम से ये तीनों नाटक लिख दिए।
  • हर्ष को भारत का अंतिम हिन्दू सम्राट् कहा गया है, लेकिन वह न तो कट्टर हिन्दू था और न ही सारे देश का शासक ही।
  • हर्ष के अधीनस्थ शासक महाराज अथवा महासामन्त कहे जाते थे।
  • हर्ष के मंत्रीपरिषद के मंत्री को सचिव या आमात्य कहा जाता था।
  • प्रशासन की सुविधा के लिए हर्ष का साम्राज्य कई प्रांतों में विभाजित था। प्रांत को भूक्ति कहा जाता था प्रत्येक भूक्ति का शासक राजस्थानीय, उपरिक अथवा राष्ट्रीय कहलाता था।

 

नोट : हर्यचरित में प्रान्तीय शासक के लिए 'लोकपाल' शब्द आया है।

 

  • भूक्ति का विभाजन जिलों में हुआ था । जिले की संज्ञा थी विषय, जिसका प्रधान विषयपति होता था विषय के अन्तर्गत कई पाठक (आधुनिक तहसील ) होते थे
  • पुलिस कर्मियों को चाट या भाट कहा गया है। दण्डपाशिक तथा दाण्डिक पुलिस विभाग के अधिकारी होते थे ।
  • अश्व सेना के अधिकारियों को बृहदेश्वर, पैदल सेना के अधिकारियों को बलाधिकृत या महाबलाधिकृत कहा जाता था ।
  • हर्षचरित में सिंचाई के साधन के रूप में तुलायंत्र ( जलपंप) का उल्लेख मिलता है।
  • हर्ष के समय मथुरा सूती वस्त्रों के निर्माण के लिए प्रसिद्ध था।

 

पुष्यभूति वंश (वर्धन वंश) MCQ

पुष्यभूति वंश की उत्पत्ति कहाँ हुई थी?
a)
कन्नौज
b)
थानेसर
c)
पाटलिपुत्र
d)
उज्जैन
उत्तर: b) थानेसर

 

पुष्यभूति वंश का संस्थापक कौन था?
a)
प्रभाकरवर्धन
b)
हर्षवर्धन
c)
पुष्यभूति
d)
राज्यवर्धन
उत्तर: c) पुष्यभूति

 

प्रभाकरवर्धन किस वंश से संबंधित थे?
a)
मौखरी
b)
पुष्यभूति
c)
गुप्त
d)
चालुक्य
उत्तर: b) पुष्यभूति

 

प्रभाकरवर्धन ने किन आक्रमणकारियों को पराजित किया?
a)
शक
b)
हूण
c)
कुषाण
d)
ग्रीक
उत्तर: b) हूण

 

प्रभाकरवर्धन की पुत्री कौन थी?
a)
वसुमति
b)
राज्यश्री
c)
कादंबरी
d)
रत्नावली
उत्तर: b) राज्यश्री

 

राज्यश्री का विवाह किससे हुआ था?
a)
शशांक
b)
ग्रहरवर्मन
c)
पुलकेशिन द्वितीय
d)
भास्करवर्मन
उत्तर: b) ग्रहरवर्मन

 

प्रभाकरवर्धन की राजधानी कहाँ थी?
a)
कन्नौज
b)
थानेसर
c)
उज्जैन
d)
पाटलिपुत्र
उत्तर: b) थानेसर

 

गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद उत्तर भारत में कौन-सा वंश प्रमुख हुआ?
a)
मौर्य
b)
वर्धन
c)
चालुक्य
d)
पाल
उत्तर: b) वर्धन

 

राज्यवर्धन की हत्या किसने करवाई थी?
a)
शशांक
b)
पुलकेशिन द्वितीय
c)
भास्करवर्मन
d)
बलादित्य
उत्तर: a) शशांक

 

राज्यवर्धन किसके भाई थे?
a)
पुलकेशिन द्वितीय
b)
हर्षवर्धन
c)
स्कंदगुप्त
d)
कुमारगुप्त
उत्तर: b) हर्षवर्धन

 

हर्षवर्धन का सिंहासनारोहण किस वर्ष हुआ?
a) 590
ई.
b) 606
ई.
c) 620
ई.
d) 630
ई.
उत्तर: b) 606 ई.

 

हर्षवर्धन की राजधानी प्रारंभ में कहाँ थी?
a)
थानेसर
b)
कन्नौज
c)
पाटलिपुत्र
d)
उज्जैन
उत्तर: a) थानेसर

 

हर्षवर्धन ने अपनी राजधानी कन्नौज कब बनाई?
a) 606
ई.
b) 612
ई.
c) 620
ई.
d) 630
ई.
उत्तर: b) 612 ई.

 

हर्षवर्धन के समय बंगाल का शासक कौन था?
a)
शशांक
b)
देवगुप्त
c)
भास्करवर्मन
d)
पुलकेशिन द्वितीय
उत्तर: a) शशांक

 

हर्षवर्धन ने दक्षिण में किसके विरुद्ध अभियान किया?
a)
चालुक्य पुलकेशिन द्वितीय
b)
पल्लव महेंद्रवर्मन
c)
पांड्य नन्दिवर्मन
d)
चोल करिकाल
उत्तर: a) चालुक्य पुलकेशिन द्वितीय

 

पुलकेशिन द्वितीय ने किस नदी के किनारे हर्ष को हराया?
a)
कृष्णा
b)
नर्मदा
c)
गोदावरी
d)
तुंगभद्रा
उत्तर: b) नर्मदा

 

हर्षवर्धन का धार्मिक झुकाव प्रारंभ में किस ओर था?
a)
बौद्ध धर्म
b)
जैन धर्म
c)
शैव धर्म
d)
वैष्णव धर्म
उत्तर: c) शैव धर्म

 

बाद में हर्षवर्धन किस धर्म का अनुयायी हो गया?
a)
बौद्ध धर्म
b)
जैन धर्म
c)
शैव धर्म
d)
वैष्णव धर्म
उत्तर: a) बौद्ध धर्म

 

हर्षवर्धन ने बौद्ध धर्म का कौन-सा संप्रदाय अपनाया था?
a)
हीनयान
b)
महायान
c)
वज्रयान
d)
थेरवाद
उत्तर: b) महायान

 

हर्षवर्धन की मृत्यु किस वर्ष हुई?
a) 641
ई.
b) 648
ई.
c) 655
ई.
d) 657
ई.
उत्तर: b) 648 ई.

 

 

हर्षवर्धन के दरबार में आया चीनी यात्री कौन था?
a)
इत्सिंग
b)
फाह्यान
c)
ह्वेनसांग
d)
मार्कोपोलो
उत्तर: c) ह्वेनसांग

 

ह्वेनसांग भारत कब आया?
a) 602
ई.
b) 629
ई.
c) 640
ई.
d) 648
ई.
उत्तर: b) 629 ई.

 

ह्वेनसांग भारत से कब लौटा?
a) 641
ई.
b) 644
ई.
c) 648
ई.
d) 650
ई.
उत्तर: c) 648 ई.

 

हर्षवर्धन किस भाषा में नाटक लिखते थे?
a)
प्राकृत
b)
संस्कृत
c)
पाली
d)
अपभ्रंश
उत्तर: b) संस्कृत

 

हर्षवर्धन द्वारा रचित प्रसिद्ध नाटक कौन-से हैं?
a)
रत्नावली, प्रियदर्शिका, नागानंद
b)
रत्नावली, मृच्छकटिक, कादंबरी
c)
मृच्छकटिक, अभिज्ञानशाकुंतलम, नागानंद
d)
नागानंद, उत्तररामचरित, रत्नावली
उत्तर: a) रत्नावली, प्रियदर्शिका, नागानंद

 

हर्षवर्धन ने प्रयाग में कौन-सा धार्मिक आयोजन किया?
a)
महापरिनिर्वाण महोत्सव
b)
महामोक्ष सभा
c)
महामोक्ष परिषद
d)
महामोक्ष यज्ञ
उत्तर: b) महामोक्ष सभा

 

प्रयाग महोत्सव कितने वर्ष में एक बार होता था?
a) 5
वर्ष
b) 6
वर्ष
c) 10
वर्ष
d) 12
वर्ष
उत्तर: b) 6 वर्ष

 

हर्षकाल में प्रयाग का महोत्सव किस नदी के तट पर होता था?
a)
गंगा
b)
यमुना
c)
सरस्वती
d)
त्रिवेणी संगम
उत्तर: d) त्रिवेणी संगम

 

हर्षवर्धन की मृत्यु के बाद उसका साम्राज्य किसके पास गया?
a)
उसका पुत्र
b)
उसके मंत्री
c)
बंगाल के राजा
d)
कन्नौज के अफसर
उत्तर: d) कन्नौज के अफसर

 

हर्षवर्धन की मृत्यु के बाद उत्तर भारत में कौन-सा काल शुरू हुआ?
a)
प्राचीन काल
b)
उत्तर-गुप्त काल
c)
प्रारंभिक मध्यकाल
d)
मुस्लिम काल
उत्तर: c) प्रारंभिक मध्यकाल

 

हर्षवर्धन की शासन प्रणाली किससे प्रभावित थी?
a)
मौर्य प्रशासन
b)
गुप्त प्रशासन
c)
चालुक्य प्रशासन
d)
पाल प्रशासन
उत्तर: b) गुप्त प्रशासन

 

हर्ष के शासनकाल में भूमि कर को क्या कहा जाता था?
a)
भूमि कर
b)
भूमिकर
c)
करभूमि
d)
भूमि शुल्क
उत्तर: b) भूमिकर

 

हर्ष के समय राज्य का सबसे बड़ा प्रशासनिक विभाग क्या कहलाता था?
a)
प्रदेश
b)
भूमि
c)
भुक्ति
d)
मंडल
उत्तर: c) भुक्ति

 

भुक्ति का प्रमुख अधिकारी कौन होता था?
a)
ग्रामाध्यक्ष
b)
आयुक्त
c)
भुक्तिपाल
d)
गृहमंत्री
उत्तर: c) भुक्तिपाल

 

हर्ष के समय सैनिकों का वेतन कैसे दिया जाता था?
a)
भूमि अनुदान देकर
b)
नकद
c)
वस्तु के रूप में
d)
सोने के सिक्के
उत्तर: a) भूमि अनुदान देकर

 

हर्ष के समय में सिक्कों पर किसका चित्र अंकित होता था?
a)
भगवान शिव
b)
हर्षवर्धन
c)
बौद्ध प्रतीक
d)
सूर्य
उत्तर: b) हर्षवर्धन

 

हर्ष के सिक्कों में किस धातु का प्रयोग अधिक था?
a)
चांदी
b)
सोना
c)
तांबा
d)
कांस्य
उत्तर: b) सोना

 

हर्ष के समय बौद्ध भिक्षुओं को किस नाम से जाना जाता था?
a)
श्रमण
b)
भिक्षु
c)
संघपति
d)
तपस्वी
उत्तर: a) श्रमण

 

हर्ष के शासन में राजस्व वसूली का मुख्य आधार क्या था?
a)
व्यापार
b)
कृषि
c)
लूट
d)
दान
उत्तर: b) कृषि

 

हर्ष के समय शिक्षा का प्रमुख केंद्र कौन-सा था?
a)
काशी
b)
नालंदा
c)
विक्रमशिला
d)
उदयगिरि
उत्तर: b) नालंदा

 

हर्षवर्धन का मित्र असम का राजा कौन था?
a)
भास्करवर्मन
b)
शशांक
c)
देवपाल
d)
कुमारपाल
उत्तर: a) भास्करवर्मन

 

हर्ष और भास्करवर्मन के बीच संबंध कैसे थे?
a)
शत्रुतापूर्ण
b)
मैत्रीपूर्ण
c)
तटस्थ
d)
वैवाहिक
उत्तर: b) मैत्रीपूर्ण

 

हर्ष का सबसे बड़ा शत्रु कौन था?
a)
पुलकेशिन द्वितीय
b)
भास्करवर्मन
c)
ग्रहरवर्मन
d)
बलादित्य
उत्तर: a) पुलकेशिन द्वितीय

 

हर्ष के समय दक्षिण में किस वंश का प्रभुत्व था?
a)
पल्लव
b)
चालुक्य
c)
चोल
d)
पांड्य
उत्तर: b) चालुक्य

 

हर्ष के जीवन का मुख्य स्रोत कौन-सी पुस्तक है?
a)
हर्षचरित
b)
राजतरंगिणी
c)
मृच्छकटिक
d)
मेघदूत
उत्तर: a) हर्षचरित

 

हर्षचरित के लेखक कौन थे?
a)
कालिदास
b)
बाणभट्ट
c)
भवभूति
d)
दंडी
उत्तर: b) बाणभट्ट

 

हर्ष का जीवनचरित लिखने वाला बाणभट्ट किस भाषा के विद्वान थे?
a)
प्राकृत
b)
पाली
c)
संस्कृत
d)
अपभ्रंश
उत्तर: c) संस्कृत

 

हर्ष के काल में चीन से कौन-सा राजदूत आया?
a)
वांग-ह्सुआन-त्से
b)
फाह्यान
c)
इत्सिंग
d)
मार्कोपोलो
उत्तर: a) वांग-ह्सुआन-त्से

 

हर्ष की मृत्यु के बाद कन्नौज पर किसका अधिकार हुआ?
a)
यशोवर्मन
b)
शशांक
c)
भास्करवर्मन
d)
पुलकेशिन द्वितीय
उत्तर: a) यशोवर्मन

 

पुष्यभूति वंश का अंतिम शासक कौन था?
a)
प्रभाकरवर्धन
b)
राज्यवर्धन
c)
हर्षवर्धन
d)
ग्रहरवर्मन
उत्तर: c) हर्षवर्धन