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पल्लव वंश|Pallawa Vansh|पल्लव वंश– उत्पत्ति और प्रारंभिक इतिहास|Pallava Dynasty- Origin and Early History

 
पल्लव वंश(Pallawa Vansh)


पल्लव वंश– उत्पत्ति और प्रारंभिक इतिहास

उत्पत्ति

पल्लव वंश दक्षिण भारत का एक महत्वपूर्ण राजवंश था, जिसने लगभग 3वीं से 9वीं शताब्दी ईस्वी तक शासन किया।

  • इसका मुख्य क्षेत्र तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश का दक्षिणी भाग था।
  • पल्लवों की उत्पत्ति को लेकर मतभेद हैं—कुछ इतिहासकार उन्हें आंध्र-नाग जाति का मानते हैं, जबकि कुछ उन्हें उत्तर भारत के पल्लवक वंश से जोड़ते हैं।
  • कुछ विद्वान पल्लवों को सातवाहनों के सामंत मानते हैं जिन्होंने बाद में स्वतंत्रता प्राप्त की।

राजधानी

  • प्रारंभ में राजधानी कांची (कांचीपुरम) थी, जो आगे चलकर पल्लव साम्राज्य का सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र बनी।

प्रारंभिक शासक

  • प्रारंभिक पल्लव शासकों के नाम अस्पष्ट हैं, लेकिन सिंहविष्णु और महेंद्रवर्मन प्रथम जैसे राजा इस वंश को बड़े साम्राज्य में बदलने वाले माने जाते हैं।


पल्लव वंश – प्रमुख शासक और उपलब्धियाँ


सिंहविष्णु (लगभग 575–600 ई.)

  • पल्लव वंश के पुनरुत्थान और विस्तार के लिए प्रसिद्ध।
  • कांची को राजधानी के रूप में सुदृढ़ किया।
  • चालुक्यों और पांड्यों के साथ संघर्ष किया।
  • उनके समय में पल्लव शक्ति तमिलनाडु और आंध्र के बड़े हिस्से तक फैल गई।


महेंद्रवर्मन प्रथम (लगभग 600–630 ई.)

  • सिंहविष्णु का पुत्र।
  • कला, साहित्य और स्थापत्य के महान संरक्षक।
  • प्रारंभ में जैन धर्म का अनुयायी थे, बाद में बौद्धों और शैव मत से प्रभावित हुए।
  • उन्होंने चट्टानों को काटकर बने मंदिर (रॉक-कट टेम्पल) का निर्माण शुरू करवाया।
  • प्रसिद्ध ग्रंथ "मत्तविलास प्रहसन" के रचयिता।
  • चालुक्य राजा पुलकेशिन द्वितीय से संघर्ष हुआ, जिसमें पल्लवों को पराजय का सामना करना पड़ा।


नरसिंहवर्मन प्रथम (लगभग 630–668 ई.)

  • महेंद्रवर्मन प्रथम के पुत्र और सबसे शक्तिशाली पल्लव शासक।
  • पुलकेशिन द्वितीय को 642 ई. में पराजित कर उनकी राजधानी वातापी (बादामी) को नष्ट किया — इसलिए उन्हें "वातापीकोंडा" (वातापी विजेता) की उपाधि मिली।
  • महाबलीपुरम (मामल्लापुरम) में भव्य शैल-निर्मित मंदिर और रथ मंदिरों का निर्माण करवाया।
  • प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग उनके समय में पल्लव राज्य आया।


परमेश्वरवर्मन प्रथम (लगभग 670–695 ई.)

  • नरसिंहवर्मन प्रथम के पुत्र।
  • चालुक्यों और पांड्यों से युद्ध जारी रखा।
  • उनके समय में पल्लव शक्ति कुछ हद तक कमजोर हुई, पर कला-निर्माण की परंपरा जारी रही।


नरसिंहवर्मन द्वितीय (राजसिंह) (लगभग 695–722 ई.)

  • प्रसिद्ध शोर मंदिर (महाबलीपुरम) का निर्माण करवाया।
  • कांची में कैलासनाथ मंदिर का निर्माण — पल्लव स्थापत्य की उत्कृष्ट कृति।
  • श्रीलंका के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित किए और वहाँ बौद्ध विहारों के निर्माण में सहायता दी।


नंदीवर्मन द्वितीय (पल्लवमल्ल) (लगभग 731–796 ई.)

  • वंश की सत्ता पुनः मजबूत करने वाले शासक।
  • लंबे संघर्षों के बावजूद पल्लव संस्कृति और स्थापत्य को संरक्षित रखा।


अपराजितवर्मन (लगभग 9वीं शताब्दी का अंत)

  • पल्लव वंश के अंतिम प्रमुख शासक।
  • 9वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में पल्लवों को चोलों ने पराजित कर दिया, और उनका साम्राज्य समाप्त हो गया।


पल्लव वंश – संस्कृति, कला, स्थापत्य और पतन

पल्लव संस्कृति और धर्म

  • पल्लव शासक मुख्य रूप से हिंदू धर्म (विशेषकर शैव और वैष्णव) के अनुयायी थे, लेकिन बौद्ध और जैन धर्म का भी संरक्षण किया।
  • महेंद्रवर्मन प्रथम के समय जैन धर्म का प्रभाव था, बाद में शैव मत का प्रभुत्व हो गया।
  • बौद्ध विहार और स्तूपों के निर्माण में भी पल्लवों ने योगदान दिया।


स्थापत्य और कला

पल्लव स्थापत्य को दो प्रमुख चरणों में बांटा जाता है:

1.   रॉक-कट चरण (चट्टान-निर्मित मंदिर)

o   महेंद्रवर्मन प्रथम और नरसिंहवर्मन प्रथम के समय।

o   उदाहरण: महाबलीपुरम के पांच रथ (धर्मराज, भीम, अर्जुन, नकुल-सहदेव और द्रौपदी रथ)।

2.   संरचनात्मक मंदिर चरण (पत्थरों से निर्मित स्वतंत्र मंदिर)

o   नरसिंहवर्मन द्वितीय (राजसिंह) के समय।

o   उदाहरण: महाबलीपुरम का शोर मंदिर, कांची का कैलासनाथ मंदिर।

साहित्य

  • संस्कृत, तमिल और तेलुगु भाषा में पल्लव काल में उल्लेखनीय साहित्य रचा गया।
  • महेंद्रवर्मन प्रथम का नाटक "मत्तविलास प्रहसन" व्यंग्यात्मक और हास्यप्रधान था।
  • कवि भारवि (किरातार्जुनीयम) और दंडी (दशकुमारचरित) भी पल्लव दरबार से जुड़े थे।


पतन के कारण

  • लगातार चालुक्य, पांड्य और चोल शासकों के साथ युद्धों ने पल्लव साम्राज्य को कमजोर कर दिया।
  • 9वीं शताब्दी के अंत में चोलों के उदय (अदित्य प्रथम चोल) ने पल्लव सत्ता का अंत कर दिया।
  • आंतरिक उत्तराधिकार संघर्ष और सामंतों की बढ़ती शक्ति भी पतन का कारण बनी।


पल्लवों की विरासत

  • पल्लवों ने दक्षिण भारत को एक नई स्थापत्य शैली दी — द्रविड़ शैली का प्रारंभिक रूप
  • उनके द्वारा निर्मित मंदिर आज भी यूनESCO विश्व धरोहर स्थल (महाबलीपुरम) के रूप में संरक्षित हैं।
  • उन्होंने दक्षिण भारत में संस्कृति, धर्म और कला का स्वर्णयुग स्थापित किया।
  •  
  • पल्लव वंश का संस्थापक सिंहविष्णु (575-600 ई.) था । इसकी राजधानी काँची (तमिलनाडु में काँचीपुरम) थी । वह वैष्णव धर्म का अनुयायी था।
  • किरातार्जुनीयम के लेखक भारवि सिंहविष्णु के दरबार में रहते थे।
  • पल्लव वंश के प्रमुख शासक हुए : क्रमशः महेन्द्र वर्मन प्रथम (600-630 ई.), नरसिंह वर्मन प्रथम (630-668 ई.), महेन्द्र वर्मन द्वितीय (668-670 ई.), परमेश्वर वर्मन प्रथम (670-700 ई.), नरसिंहवर्मन-II (700-728 ई.), नंदिवर्मन-II (730-800 ई.)।
  • पल्लव वंश का अंतिम (महत्वपूर्ण) शासक अपराजितवर्मन (80-903 ई.) हुआ।
  • मतविलास प्रहसन की रचना महेन्द्रवर्मन ने की थी।
  • महेन्द्रवर्भन शुरू में जैन- मतावलंबी था, परन्तु बाद में तमिल संत अप्पर के प्रभाव में आकर शैव बन गया था।
  • महाबलीपुरम् के एकाश्म मंदिर जिन्हें रथ कहा गया है, का निर्माण पल्लव राजा नरसिंह वर्मन प्रथम के द्वारा करवाया गया था। रथ मंदिरों की संख्या सात है । रथ मंदिरों में सबसे छोटा द्रोपदी रथ है जिसमें किसी प्रकार का अलंकरण नहीं मिलता है।
  • वातपीकोण्ड और महामल्ल की उपाधि नरसिंहवर्मन प्रथम ने धारण की थी। इसी के शासन काल में चीनी यात्री हुएन सांग काँची आया था।
  • परमेश्वर वर्मन प्रथम शैवमतानुयायी था । उसने लोकादित्य, एकमल्ल, रणंजय, अत्यन्तकाम, उग्रदण्ड, गुणभाजन आदि की उपाधियाँ ग्रहण की थी। इसने मामल्लपुरम में गणेश मंदिर का निर्माण करवाया था।
  • परमेश्वर वर्मन प्रथम विद्याप्रेमी भी था और उसने विद्याविनीत की उपाधि भी ली थी।
  • अरबों के आक्रमण के समय पल्लवों का शासक नरसिंहवर्मन-II था। उसने 'राजासिंह' (राजाओं में सिंह), 'आगमप्रिय' (शास्त्रों काnप्रेमी) और शंकरभक्त (शिव का उपासक) की उपाधियाँ धारण की। उसने काँची के कैलाशनाथ मंदिर का निर्माण करवाया जिसे राजसिद्धेश्वर मंदिर भी कहा जाता है । इसी मंदिर के निर्माण से द्रविड़ स्थापत्य कला की शुरुआत हुई। (महाबलिपुरम् में शोर मंदिर का निर्माण भी नरसिंहवर्मन-II ने किया)
  • काँची के कैलाशनाथ मंदिर में पल्लव राजाओं और रानियों की आदमकद तस्वीरें लगी हैं।
  • दशकुमारचरित के लेखक दण्डी नरसिंहवर्मन (द्वितीय) के दरबार में रहते थे ।
  • कॉँची के मुक्तेश्वर मंदिर तथा बैकुण्ठ पेरूमाल मंदिर का निर्माण नन्दिवर्मन द्वितीय ने कराया।
  • प्रसिद्ध वैष्णव संत तिरुमङ्गई अलवार नन्दिवर्मन द्वितीय के समकालीन थे।

 


पल्लव वंश –MCQ

 

पल्लव वंश की राजधानी कौन-सी थी?
a)
तंजावुर
b)
कांचीपुरम
c)
मदुरै
d)
अमरावती
उत्तर: b) कांचीपुरम


पल्लव वंश की उत्पत्ति किस क्षेत्र से मानी जाती है?
a)
कर्नाटक
b)
तमिलनाडु
c)
आंध्र प्रदेश
d)
केरल
उत्तर: c) आंध्र प्रदेश


पल्लव वंश के संस्थापक माने जाते हैं —
a)
सिंहविष्णु
b)
महेंद्रवर्मन प्रथम
c)
विष्णुगोप
d)
अपराजितवर्मन
उत्तर: c) विष्णुगोप


सिंहविष्णु ने किस वंश को पराजित किया था?
a)
चालुक्य
b)
पांड्य
c)
चोल
d)
सातवाहन
उत्तर: c) चोल


महेंद्रवर्मन प्रथम किस नाटक के लेखक थे?
a)
अभिज्ञानशाकुंतलम्
b)
मत्तविलास प्रहसन
c)
दशकुमारचरित
d)
किरातार्जुनीयम
उत्तर: b) मत्तविलास प्रहसन


नरसिंहवर्मन प्रथम ने किस चालुक्य राजा को हराया था?
a)
विक्रमादित्य प्रथम
b)
पुलकेशिन द्वितीय
c)
किर्तिवर्मन प्रथम
d)
मंगलेश
उत्तर: b) पुलकेशिन द्वितीय


नरसिंहवर्मन प्रथम को किस उपाधि से जाना जाता है?
a)
वातापीकोंडा
b)
धर्ममहादेव
c)
महासेन
d)
पल्लवमल्ल
उत्तर: a) वातापीकोंडा


ह्वेनसांग किस पल्लव शासक के समय भारत आए थे?
a)
महेंद्रवर्मन प्रथम
b)
नरसिंहवर्मन प्रथम
c)
नरसिंहवर्मन द्वितीय
d)
सिंहविष्णु
उत्तर: b) नरसिंहवर्मन प्रथम


महाबलीपुरम के रथ मंदिर किस पल्लव काल की देन हैं?
a)
महेंद्रवर्मन प्रथम
b)
नरसिंहवर्मन प्रथम
c)
नरसिंहवर्मन द्वितीय
d)
नंदीवर्मन द्वितीय
उत्तर: b) नरसिंहवर्मन प्रथम


शोर मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?
a)
नरसिंहवर्मन प्रथम
b)
नरसिंहवर्मन द्वितीय
c)
महेंद्रवर्मन प्रथम
d)
नंदीवर्मन द्वितीय
उत्तर: b) नरसिंहवर्मन द्वितीय


कांची का कैलासनाथ मंदिर किसने बनवाया?
a)
नरसिंहवर्मन प्रथम
b)
नरसिंहवर्मन द्वितीय
c)
सिंहविष्णु
d)
अपराजितवर्मन
उत्तर: b) नरसिंहवर्मन द्वितीय


नरसिंहवर्मन द्वितीय को और किस नाम से जाना जाता है?
a)
राजसिंह
b)
पल्लवमल्ल
c)
महेंद्र
d)
वातापीकोंडा
उत्तर: a) राजसिंह


महेंद्रवर्मन प्रथम प्रारंभ में किस धर्म के अनुयायी थे?
a)
बौद्ध
b)
जैन
c)
शैव
d)
वैष्णव
उत्तर: b) जैन


पल्लव वंश का प्रमुख स्थापत्य किस शैली में था?
a)
नागर शैली
b)
द्रविड़ शैली
c)
वेसर शैली
d)
इंडो-इस्लामिक शैली
उत्तर: b) द्रविड़ शैली


महाबलीपुरम किसके द्वारा विकसित किया गया था?
a)
सिंहविष्णु
b)
नरसिंहवर्मन प्रथम
c)
नरसिंहवर्मन द्वितीय
d)
नंदीवर्मन द्वितीय
उत्तर: b) नरसिंहवर्मन प्रथम


पल्लवों के पतन का मुख्य कारण था —
a)
बौद्ध धर्म का प्रसार
b)
चोलों का उदय
c)
चालुक्यों का आक्रमण
d)
पांड्यों का प्रभुत्व
उत्तर: b) चोलों का उदय


अपराजितवर्मन किसका अंतिम प्रमुख शासक था?
a)
पल्लव वंश
b)
चोल वंश
c)
पांड्य वंश
d)
सातवाहन वंश
उत्तर: a) पल्लव वंश


पल्लव काल का प्रसिद्ध कवि दंडी किस भाषा के लेखक थे?
a)
तमिल
b)
संस्कृत
c)
तेलुगु
d)
कन्नड़
उत्तर: b) संस्कृत


किरातार्जुनीयम किस कवि की रचना है?
a)
भारवि
b)
दंडी
c)
कालिदास
d)
माघ
उत्तर: a) भारवि


पल्लव शासकों में ‘पल्लवमल्ल’ की उपाधि किसने धारण की?
a)
नंदीवर्मन द्वितीय
b)
नरसिंहवर्मन द्वितीय
c)
महेंद्रवर्मन प्रथम
d)
सिंहविष्णु
उत्तर: a) नंदीवर्मन द्वितीय


पल्लव स्थापत्य का प्रारंभिक चरण किसके शासन में शुरू हुआ?
a)
सिंहविष्णु
b)
महेंद्रवर्मन प्रथम
c)
नरसिंहवर्मन प्रथम
d)
नरसिंहवर्मन द्वितीय
उत्तर: b) महेंद्रवर्मन प्रथम


पल्लव काल में चट्टान-निर्मित मंदिरों का निर्माण कहाँ हुआ?
a)
तंजावुर
b)
महाबलीपुरम
c)
मदुरै
d)
बदामी
उत्तर: b) महाबलीपुरम


पल्लव वंश के समय विदेशी यात्री ह्वेनसांग किस देश से आए थे?
a)
जापान
b)
चीन
c)
श्रीलंका
d)
मंगोलिया
उत्तर: b) चीन


शोर मंदिर किस प्रकार का मंदिर है?
a)
रॉक-कट मंदिर
b)
संरचनात्मक पत्थर का मंदिर
c)
स्तूप
d)
गुफा मंदिर
उत्तर: b) संरचनात्मक पत्थर का मंदिर


पल्लव स्थापत्य में महाबलीपुरम के रथ किससे निर्मित हैं?
a)
संगमरमर
b)
ग्रेनाइट
c)
बलुआ पत्थर
d)
ईंट
उत्तर: b) ग्रेनाइट


महेंद्रवर्मन प्रथम का शासनकाल लगभग कब था?
a) 500–525
ई.
b) 600–630
ई.
c) 650–680
ई.
d) 700–730
ई.
उत्तर: b) 600–630 ई.


नरसिंहवर्मन प्रथम का शासनकाल —
a) 575–600
ई.
b) 600–630
ई.
c) 630–668
ई.
d) 668–695
ई.
उत्तर: c) 630–668 ई.


नरसिंहवर्मन द्वितीय का शासनकाल —
a) 670–695
ई.
b) 695–722
ई.
c) 722–750
ई.
d) 750–780
ई.
उत्तर: b) 695–722 ई.


पल्लव शासकों ने किस लिपि का विकास किया?
a)
ब्राह्मी
b)
ग्रंथ लिपि
c)
कन्नड़
d)
तेलुगु
उत्तर: b) ग्रंथ लिपि


ग्रंथ लिपि का मुख्य प्रयोग किस भाषा को लिखने में होता था?
a)
संस्कृत
b)
तमिल
c)
तेलुगु
d)
कन्नड़
उत्तर: a) संस्कृत


पल्लव वंश के समय श्रीलंका के साथ किस प्रकार के संबंध थे?
a)
युद्ध
b)
व्यापार और धार्मिक सहयोग
c)
उपनिवेशीकरण
d)
कोई संबंध नहीं
उत्तर: b) व्यापार और धार्मिक सहयोग


पल्लव शासक कला और स्थापत्य के संरक्षक क्यों कहलाते हैं?
a)
उन्होंने विशाल महल बनाए
b)
उन्होंने मंदिर और मूर्तिकला को प्रोत्साहन दिया
c)
उन्होंने किलों का निर्माण किया
d)
उन्होंने नगरों का निर्माण किया
उत्तर: b) उन्होंने मंदिर और मूर्तिकला को प्रोत्साहन दिया


पल्लवों के पतन के समय चोलों का शासक कौन था?
a)
राजराज चोल प्रथम
b)
अदित्य प्रथम
c)
कुलोतुंग चोल
d)
राजेंद्र चोल
उत्तर: b) अदित्य प्रथम


महासेन’ किसकी उपाधि थी?
a)
सिंहविष्णु
b)
नरसिंहवर्मन प्रथम
c)
महेंद्रवर्मन प्रथम
d)
नंदीवर्मन द्वितीय
उत्तर: b) नरसिंहवर्मन प्रथम


महाबलीपुरम किस जलस्रोत के किनारे बसा है?
a)
कृष्णा नदी
b)
बंगाल की खाड़ी
c)
कावेरी नदी
d)
गोदावरी नदी
उत्तर: b) बंगाल की खाड़ी


पल्लव स्थापत्य में “पंच रथ” क्या हैं?
a)
पाँच प्रकार के मंदिर
b)
पाँच रथ के आकार के गुफा-मंदिर
c)
पाँच युद्ध वाहन
d)
पाँच राजा
उत्तर: b) पाँच रथ के आकार के गुफा-मंदिर


पल्लव शासकों की प्रमुख भाषा कौन-सी थी?
a)
संस्कृत और तमिल
b)
कन्नड़ और तेलुगु
c)
संस्कृत और कन्नड़
d)
तमिल और मलयालम
उत्तर: a) संस्कृत और तमिल


महेंद्रवर्मन प्रथम के समय कौन-सा चालुक्य शासक शक्तिशाली था?
a)
पुलकेशिन द्वितीय
b)
विक्रमादित्य प्रथम
c)
किर्तिवर्मन द्वितीय
d)
मंगलेश
उत्तर: a) पुलकेशिन द्वितीय


द्रविड़ शैली’ का प्रारंभिक विकास किसके समय हुआ?
a)
पल्लव वंश
b)
चोल वंश
c)
पांड्य वंश
d)
विजयनगर वंश
उत्तर: a) पल्लव वंश


पल्लव वंश का अंतिम शासक कौन था?
a)
नंदीवर्मन द्वितीय
b)
अपराजितवर्मन
c)
सिंहविष्णु
d)
महेंद्रवर्मन प्रथम
उत्तर: b) अपराजितवर्मन


पल्लव शासकों ने किस धर्म का सर्वाधिक संरक्षण किया?
a)
जैन धर्म
b)
बौद्ध धर्म
c)
शैव और वैष्णव
d)
इस्लाम
उत्तर: c) शैव और वैष्णव


पल्लवों ने अपनी शक्ति को सबसे पहले किस दिशा में बढ़ाया?
a)
उत्तर
b)
दक्षिण
c)
पूर्व
d)
पश्चिम
उत्तर: b) दक्षिण


नरसिंहवर्मन प्रथम ने वातापी किस वर्ष जीता?
a) 620
ई.
b) 642
ई.
c) 650
ई.
d) 668
ई.
उत्तर: b) 642 ई.


महाबलीपुरम किसके नाम पर रखा गया है?
a)
महेंद्रवर्मन
b)
नरसिंहवर्मन
c)
पौराणिक बलि राजा
d)
अपराजितवर्मन
उत्तर: c) पौराणिक बलि राजा


दशकुमारचरित’ किसकी रचना है?
a)
दंडी
b)
भारवि
c)
बाणभट्ट
d)
कालिदास
उत्तर: a) दंडी


पल्लव काल में किस धातु का सबसे अधिक प्रयोग मूर्तिकला में हुआ?
a)
सोना
b)
कांसा
c)
लोहा
d)
चाँदी
उत्तर: b) कांसा


पल्लव कला का प्रमुख विषय क्या था?
a)
युद्ध दृश्य
b)
धार्मिक और पौराणिक कथा
c)
प्राकृतिक दृश्य
d)
विदेशी जीवन
उत्तर: b) धार्मिक और पौराणिक कथा


महाबलीपुरम के शिलालेख किस भाषा में लिखे हैं?
a)
संस्कृत और तमिल
b)
तेलुगु और कन्नड़
c)
तमिल और ग्रंथ लिपि
d)
संस्कृत और ग्रंथ लिपि
उत्तर: d) संस्कृत और ग्रंथ लिपि


पल्लव काल में किस प्रकार के स्तूप बने?
a)
लकड़ी के
b)
ईंट के
c)
पत्थर के
d)
धातु के
उत्तर: b) ईंट के


पल्लव काल का स्वर्णयुग किस शासक के समय माना जाता है?
a)
महेंद्रवर्मन प्रथम
b)
नरसिंहवर्मन प्रथम
c)
नरसिंहवर्मन द्वितीय
d)
नंदीवर्मन द्वितीय
उत्तर: b) नरसिंहवर्मन प्रथम