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Yavan states of india (भारत के यवन राज्य)

Yavan states of india(भारत के यवन राज्य)



*  भारत पर आक्रमण करनेवाले विदेशी आक्रमणकारियों का क्रम है-हिन्द यूनानी शक -पहल्व ,कुषाण  

*  सेल्यूकस के द्वारा स्थापित पश्चिमी तथा मध्य एशिया के विशाल साम्राज्य को इसके उत्तराधिकारी एन्टिओकस प्रथम ने अक्षुण्ण बनाए रखा। 

* एन्टिओकस-II के शासनकाल में विद्रोह के फलस्वरूप उसके अनेक प्रांत स्वतंत्र हो गए।

*  बैक्ट्रिया के विद्रोह का नेतृत्व डियोडोट्स प्रथम ने किया था। बैक्ट्रिया पर डियोडोट्स प्रथम के साथ इन राजाओं ने क्रमशः शासन किया-डियोडोट्स-II, यूथिडेमस्, डेमिट्रियस, मिनाण्डर, युक्रेटाइडस, एण्टी आलकीडस तथा हम्मिक्स ।

* भारत पर सबसे पहले आक्रमण बैक्ट्रिया के शासक डेमिट्रियस ने किया। इसने 190 ईसा पूर्व में भारत पर आक्रमण कर अफगानिस्तान, पंजाब एवं सिंध के बहुत बड़े भाग पर अधिकार कर लिया। इसने शाकल को अपनी राजधानी बनायी। इसे ही हिन्द-यूनानी या बैक्ट्रियाई यूनानी कहा गया।


*  हिन्द-यूनानी शासकों में सबसे अधिक विख्यात मिनान्डर (165-145 ईसा पूर्व)हुआ। इसकी राजधानी शाकल (आधुनिक सियालकोट) शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था।

*  मिनान्डर ने नागसेन (नागार्जुन) से बौद्ध धर्म की दीक्षा ली।

* मिनान्डर के प्रश्न एवं नागसेन द्वारा दिए गए उत्तर एक पुस्तक के रूप में संगृहीत हैं, जिसका नाम मिलिन्दपन्हो अर्थात् मिलिंद के प्रश्न या मिलिन्दप्रश्न' है।

* हिन्द-यूनानी भारत के पहले शासक हुए जिनके जारी किये सिक्कों के बारे में निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि सिक्के किन- किन राजाओं के हैं।

* भारत में सबसे पहले हिन्द-यूनानियों ने ही सोने के सिक्के जारी किये।

* हिन्द-यूनानी शासकों ने भारत के पश्चिमोत्तर सीमा-प्रांत में यूनान की प्राचीन कला चलाई, जिसे हेलेनिस्टिक आर्ट कहते हैं। भारत में गंधार कला इसका उत्तम उदाहरण है।

नोट : यूनानियों ने परदे का प्रचलन आरंभ कर भारतीय नाट्यकला के विकास में योगदान किया। चूँकि परदा यूनानियों की देन था इसलिए वह यवनिका के नाम से प्रसिद्ध हुआ।


भारत का इतिहास प्राचीन भारत 
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