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| Brahmin empire (ब्राह्मण साम्राज्य) | 
ब्राह्मण साम्राज्य: एक संपूर्ण परिचय
ब्राह्मण
साम्राज्य भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण कालों में से एक था, जिसने मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद भारत में
पुनः राजनीतिक और सांस्कृतिक पुनरुत्थान की नींव रखी। इसे शुंग वंश या ब्राह्मण
वंश भी कहा जाता है, जो लगभग 185 ई.पू. से लेकर 75 ई.पू. तक भारत के विभिन्न भागों में शासन करता रहा। इस साम्राज्य ने
धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में
महत्वपूर्ण योगदान दिया।
ब्राह्मण
साम्राज्य की स्थापना मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद हुई। मौर्य साम्राज्य के अंत
में 185 ई.पू. शुंग वंश के संस्थापक पुष्यमित्र शुंग ने मौर्य वंश के अंतिम शासक ब्रह्मदत्त को हराकर
सत्ता अपने हाथ में ली। पुष्यमित्र शुंग एक ब्राह्मण थे, इसलिए इस वंश को ब्राह्मण साम्राज्य भी कहा जाता
है। पुष्यमित्र ने लगभग 185 से 149 ई.पू. तक शासन किया।
पुष्यमित्र शुंग की विजय
पुष्यमित्र
शुंग ने मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद अनेक छोटे-छोटे राज्यों को एकीकृत किया और
भारत का बड़ा भाग अपने नियंत्रण में ले लिया। उन्होंने अपने राज्य की राजधानी
पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) को पुनः सुदृढ़ किया। पुष्यमित्र ने विदेशी आक्रमणों का
सफलतापूर्वक मुकाबला किया और अपने साम्राज्य का विस्तार किया।
शासन व्यवस्था
ब्राह्मण
साम्राज्य की शासन व्यवस्था मौर्य काल की तुलना में अधिक लचीली और केंद्रीकृत थी।
पुष्यमित्र ने साम्राज्य के अंदर निहित प्रांतीय संस्थाओं को अधिक स्वायत्तता दी।
उन्होंने कई छोटे-छोटे राज्यों को अपने अधीन रखा परंतु स्थानीय शासकों को भी
पर्याप्त अधिकार दिए।
प्रशासन
- राजा सर्वोच्च अधिकारी था।
- उसके नीचे मंत्रीमंडल और अधिकारी कार्य करते
     थे।
- प्रशासन में ब्राह्मणों का महत्वपूर्ण स्थान
     था।
- सेना का प्रबंध कड़ा था, जिसमें पैदल सेना, अश्व सेना, और हाथी सेना शामिल थे।
सांस्कृतिक और धार्मिक योगदान
ब्राह्मण
साम्राज्य ने धर्म, संस्कृति, और कला के क्षेत्र में विशेष योगदान दिया।
पुष्यमित्र शुंग ने वैदिक धर्म के प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दिया। कहा जाता है
कि उन्होंने बौद्ध और जैन संप्रदायों के खिलाफ कुछ कठोर कदम उठाए, हालांकि कुछ इतिहासकार इसे विवादास्पद मानते हैं।
धार्मिक गतिविधियाँ
- वेदों और वेदांगों का संरक्षण।
- ब्राह्मणों को राज्य में विशेष सम्मान।
- मंदिरों और वेदिक यज्ञों का प्रोत्साहन।
- वेदों के अध्ययन के लिए केंद्रों की
     स्थापना।
आर्थिक व्यवस्था
ब्राह्मण
साम्राज्य की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित थी। सिंचित खेतों में धान, गेहूं, जौ जैसी फसलों की खेती होती थी। इसके अलावा व्यापार, शिल्पकला और कर संग्रह भी अर्थव्यवस्था के
महत्वपूर्ण स्तंभ थे।
कृषि
- सिंचाई की प्रणालियाँ विकसित की गईं।
- विभिन्न प्रकार की अनाज की खेती।
व्यापार
- आंतरिक और बाहरी व्यापार में वृद्धि।
- मनीपुर, Taxila, Mathura जैसे व्यापारिक केंद्र सक्रिय थे।
- विभिन्न धातुओं और वस्त्रों का उत्पादन।
कला और साहित्य
ब्राह्मण
साम्राज्य के समय कला और साहित्य में विशेष प्रगति हुई। संस्कृत भाषा ने पुनः एक
प्रमुख स्थान प्राप्त किया। ग्रंथों, नाटकों, और धार्मिक साहित्य की रचना हुई।
साहित्य
- महाकवि कालिदास जैसे कवि और नाटककारों का
     उदय।
- संस्कृत साहित्य में वृद्धि।
- धर्म, दर्शन, और राजनीति पर ग्रंथों की रचना।
कला
- मौर्य कला से प्रभावित लेकिन अधिक धार्मिक
     विषयों वाली कला।
- स्तूपों और मंदिरों का निर्माण।
- मूर्तिकला और शिल्पकला में प्रगति।
पतन
ब्राह्मण
साम्राज्य लगभग 75 ई.पू. तक रहा। इसके पतन के कई कारण
माने जाते हैं:
- अंदरूनी अस्थिरता और प्रशासनिक कमजोरी।
- बौद्ध और अन्य धार्मिक संप्रदायों के उभार।
- बाहरी आक्रमण, विशेषकर कूशाण वंश के हमले।
- आर्थिक समस्याएं।
इसके बाद भारत में कूशाण और अन्य वंशों का उदय हुआ।
ब्राह्मण
साम्राज्य ने मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद भारत में राजनीतिक और सांस्कृतिक
पुनरुत्थान की नींव रखी। इस वंश ने वैदिक धर्म और संस्कृति को संरक्षित किया और
संस्कृत साहित्य को पुनर्जीवित किया। इसका शासन व्यवस्था और प्रशासनिक सुधार भी
महत्वपूर्ण थे। हालांकि इसका पतन हो गया, लेकिन इसकी विरासत ने भारतीय इतिहास पर गहरा प्रभाव डाला।
ब्राह्मण साम्राज्य (शुंग वंश) — प्रमुख शासक, युद्ध और अन्य तथ्य
प्रमुख शासक
पुष्यमित्र शुंग (लगभग 185–149 ई.पू.)
- शुंग वंश के संस्थापक।
- मौर्य वंश के अंतिम सम्राट ब्रह्मदत्त को
     हराकर सत्ता प्राप्त की।
- पाटलिपुत्र को अपनी राजधानी बनाया।
- बौद्ध और जैन संप्रदायों के खिलाफ कथित कठोर
     कदम उठाए।
- यवनों (ग्रीकों) के आक्रमणों का सफलतापूर्वक
     मुकाबला किया।
- वेद यज्ञों का आयोजन कर वैदिक धर्म का
     पुनरुद्धार किया।
अग्निमित्र शुंग (लगभग 149–141 ई.पू.)
- पुष्यमित्र का पुत्र और उत्तराधिकारी।
- अपने शासनकाल में भी यवनों के विरुद्ध युद्ध
     किए।
- कई धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को
     प्रोत्साहन दिया।
- भरहुत स्तूप का निर्माण और नवीनीकरण कराया।
देवभूतिदेव
- अग्निमित्र के बाद के शासकों में से एक।
- ब्राह्मण वंश की स्थिरता बनाए रखने में लगा
     रहा।
- ऐतिहासिक विवरण कम उपलब्ध।
धनवन्ति
- शुंग वंश के अंतिम शासकों में से एक।
- शासन कमजोर पड़ने लगा, जिससे अन्य छोटे राज्यों का उदय हुआ।
प्रमुख युद्ध और सैन्य अभियान
पुष्यमित्र शुंग और यवनों के युद्ध
- यवन (ग्रीक) सिकंदर के बाद भारत के पश्चिमी
     क्षेत्रों में बने थे।
- पुष्यमित्र ने पश्चिमी सीमाओं की रक्षा के
     लिए यवनों के विरुद्ध कई युद्ध लड़े।
- यवनों को परास्त कर पश्चिमी भारत में अपनी
     प्रभुता कायम रखी।
यवनों के विरुद्ध अग्निमित्र शुंग के युद्ध
- यवनों ने पुनः आक्रमण की कोशिश की, जिसका अग्निमित्र ने सफलतापूर्वक मुकाबला
     किया।
- इन युद्धों ने ब्राह्मण साम्राज्य की सीमाओं
     की रक्षा की।
प्रशासन और शासन व्यवस्था
- केंद्र में राजा सर्वोच्च शक्ति रखता था।
- मंत्रिपरिषद के माध्यम से प्रशासन चलता था।
- प्रांतों में स्थानीय शासकों को कुछ
     स्वायत्तता थी।
- सेना में पैदल, अश्व, और हाथी सेना प्रमुख थे।
- कर व्यवस्था कृषि उत्पादों और व्यापार पर
     आधारित थी।
- न्याय व्यवस्था में धार्मिक और राजकीय दोनों
     प्रकार के न्यायालय थे।
धार्मिक और सांस्कृतिक पहल
- पुष्यमित्र ने वैदिक धर्म का पुनरुद्धार
     किया।
- उन्होंने वेद यज्ञों का आयोजन कर ब्राह्मणों
     को बढ़ावा दिया।
- कुछ इतिहासकारों के अनुसार, उन्होंने बौद्ध विहारों को नष्ट करने के
     प्रयास किए, लेकिन
     इस बात का प्रमाण विवादित है।
- संस्कृत साहित्य का विकास हुआ।
- कला और स्थापत्य में मंदिरों, स्तूपों और मूर्तियों का निर्माण हुआ।
- सांची और भरहुत स्तूप ब्राह्मण वंश के
     प्रमुख स्थापत्य उदाहरण हैं।
आर्थिक स्थिति
- कृषि ब्राह्मण साम्राज्य की अर्थव्यवस्था का
     आधार थी।
- सिंचाई प्रणालियाँ विकसित की गईं।
- आंतरिक व्यापार में वृद्धि हुई।
- विदेशों के साथ भी व्यापार था, खासकर यवनों के साथ।
- कर प्रणाली व्यवस्थित थी, और कृषि तथा व्यापार से राजस्व प्राप्त होता
     था।
पतन के कारण
- कई छोटे राज्यों का उदय और आंतरिक विद्रोह।
- यवनों (ग्रीकों) और बाद में कूशाणों के
     आक्रमण।
- आर्थिक और प्रशासनिक कमजोरी।
- साम्राज्य के विभिन्न हिस्सों में
     स्वतंत्रता की चाह।
- लगभग 75 ई.पू. तक शुंग वंश का पतन हो गया।
अन्य तथ्य
- शुंग वंश के काल में बौद्ध धर्म ने भी विकास
     किया; बाद
     के काल में गांधार कला की शुरुआत हुई।
- यवनों और शुंगों के बीच सांस्कृतिक
     आदान-प्रदान हुआ।
- शुंग कालीन मूर्तिकला और स्थापत्य कला मौर्य
     कला से प्रभावित थी, लेकिन
     अधिक धार्मिक थी।
- तक्षशिला और नालंदा शिक्षा के केंद्र थे, जहां शिक्षा दी जाती थी।
प्रशासन व्यवस्था
- केंद्र में राजा सर्वोच्च शासक था।
- मंत्रिपरिषद के माध्यम से शासन चलता था।
- प्रांतीय स्तर पर स्थानीय शासकों को सीमित
     स्वायत्तता मिली थी।
- सेना में पैदल सेना, अश्व सेना और हाथी सेना शामिल थे।
- कर प्रणाली कृषि और व्यापार पर आधारित थी।
- न्याय व्यवस्था धार्मिक और राजकीय दोनों
     प्रकार की न्यायिक संस्थाओं पर आधारित थी।
प्रमुख युद्ध और सैन्य अभियान
- पुष्यमित्र शुंग ने यवनों के कई आक्रमणों को
     रोका।
- यवनों के साथ कई युद्ध हुए, जिनमें शुंगों ने अपनी सीमाओं की रक्षा की।
- यवनों के आक्रमण के कारण पश्चिमी भारत के
     अनेक क्षेत्रों में संघर्ष हुआ।
धर्म, संस्कृति
और कला
- वैदिक धर्म का पुनरुद्धार इस वंश के शासनकाल
     की प्रमुख विशेषता थी।
- पुष्यमित्र ने ब्राह्मणों को विशेष सम्मान
     दिया और वेद यज्ञ करवाए।
- बौद्ध धर्म और जैन धर्म के विरुद्ध कथित
     प्रयास किए गए (ऐतिहासिक प्रमाण विवादित हैं)।
- संस्कृत साहित्य का विकास हुआ।
- कला एवं स्थापत्य में मंदिरों, स्तूपों, और मूर्तिकला का विकास हुआ।
- सांची और भरहुत स्तूप प्रमुख स्थापत्य
     स्मारक हैं।
आर्थिक स्थिति
- कृषि प्रमुख आर्थिक गतिविधि थी।
- सिंचाई व्यवस्था में सुधार हुआ।
- आंतरिक और विदेशी व्यापार फल-फूल रहा था।
- यवनों और अन्य विदेशी देशों के साथ व्यापार
     था।
- कराधान व्यवस्थित था, जिससे राज्य को राजस्व प्राप्त होता था।
अन्य तथ्य
- शुंग कालीन मूर्तिकला में धार्मिक विषयों की
     प्रधानता थी।
- तक्षशिला शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र था।
- शुंग वंश के बाद कूशाण वंश भारत में सत्ता
     में आया।
- शुंग कालीन स्तूप और मंदिर भारतीय स्थापत्य कला के महत्वपूर्ण उदाहरण हैं।
ब्राह्मण
साम्राज्य या शुंग वंश ने भारतीय इतिहास में वैदिक धर्म की पुनर्स्थापना की और
सांस्कृतिक, धार्मिक तथा प्रशासनिक सुधार किए।
इसके शासनकाल में कला, साहित्य, और धार्मिक गतिविधियों का विकास हुआ, जबकि सैन्य संघर्षों में सफलता प्राप्त की।
आर्थिक रूप से यह वंश कृषि और व्यापार पर आधारित था। आंतरिक समस्याओं और बाहरी
आक्रमणों के कारण इस साम्राज्य का पतन हुआ, लेकिन इसकी सांस्कृतिक विरासत आज भी भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण
मानी जाती है।
सारांश सारणी
| विषय | विवरण | 
| स्थापना | पुष्यमित्र
  शुंग (लगभग 185 ई.पू.) | 
| राजधानी | पाटलिपुत्र | 
| प्रमुख
  शासक | पुष्यमित्र
  शुंग, अग्निमित्र
  शुंग, देवभूतिदेव, धनवन्ति | 
| प्रमुख
  युद्ध | यवनों
  के विरुद्ध युद्ध | 
| धर्म | वैदिक
  धर्म का पुनरुद्धार | 
| प्रशासन | केंद्रीकृत
  शासन, प्रांतीय
  स्वायत्तता | 
| आर्थिक
  स्थिति | कृषि
  आधारित, व्यापार में
  वृद्धि | 
| कला
  एवं संस्कृति | स्तूप, मंदिर निर्माण, संस्कृत साहित्य | 
| पतन
  कारण | आंतरिक
  संघर्ष, विदेशी
  आक्रमण, प्रशासनिक
  कमजोरियां | 
| पतन
  काल | लगभग
  75 ई.पू. | 
शुंग एवं कण्व राजबंश
· पुष्यमित्र शुंग, जिसने मगध पर शुंग वंश की नींव डाली, ब्राह्मण जाति का था।
· शुंग शासकों ने अपनी राजधानी विदिशा में स्थापित की ।
· इण्डो-यूनानी शासक मिनांडर को पुष्यमित्र शुंग ने पराजित किया।
· पुष्यमित्र शुंग ने दो बार अश्वमेध यज्ञ किया इनके लिए पतंजलि ने अश्वमेध यज्ञ कराए ।
· भरहूत स्तूप का निर्माण पुष्यमित्र शुंग ने करवाया।
· शुंग वंश का अंतिम शासक देवभूति था इसकी हत्या 73ईसा पूर्व में
· वासुदेव ने कर दी और मगध की गह्दी पर कण्व वंश की स्थापना की।
· कण्व वंश का अंतिम राजा सुशरमा हुआ।
सातवाहन राजवंश
· सातवाहन वंश के प्रमुख शासक थे सिमुक, शातकर्णी, गौतमीपुत्र शातकर्णी, वशिष्ठीपुत्र, पुलुमावी तथा यज्ञ श्री शातकर्णी ।
· शातकर्णी ने दो अवश्मेध तथा एक राजसूय यज्ञ किया
- सातवाहन शासकों के समय के प्रसिद्ध साहित्यकार हाल एवं गुणाद्य थे। हाल ने (गाथासप्तशती) तथा गुणाद्य ने वृहत्कथा नामक पुस्तकों की रचना की ।
- सातवाहन शासकों ने चाँदी, ताँबे, सीसा. पोटीन और काँसे की मुद्राओं का प्रचलन किया। सातवाहन अपना सिक्का ढालने में जिस सीसे का इस्तेमाल करते थे, उसे रोम से मंगाया जाता था । सातवाहनों के समय सर्वाधिक सिक्के सीसा के ही बने थे ।
- ब्राह्मणों को भूमि-अनुदान देने की प्रथा का आरंभ सातवाहन शासकों ने ही सर्वप्रथम किया। भूमिदान का सर्वप्राचीन पुरालेखीय प्रमाण शताब्दी ई. पू. के सातवाहनों के नानाघाट अभिलेख में मिलता है, जिसमें अश्वमेघ यज्ञ में एक गाँव देने का उल्लेख है।
- सातवाहनों की राजकीय भाषा प्राकृत एवं लिपि ब्राह्मी थी।
- सातवाहनों में हमें मातृतंत्रात्मक ढाँचे का आभास मिलता है उनके राजाओं के नाम उनकी माताओं के नाम पर रखने की प्रथा थी, जैसे-गौतमीपुत्र, वासिष्ठीपुत्र आदि। लेकिन सातवाहन राजकुल पितृतंत्रात्मक था, क्योंकि राजसिंहासन का उत्तराधिकारी पुत्र ही होता था।
- सातवाहन शासकों ने ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन का काम गौल्मिक को सौंपा। गौल्मिक एक सैनिक टुकड़ी का प्रधान होता था जिसमें नौ रथ, नौ हाथी, पच्चीस घोड़े और पैंतालीस पैदल सैनिक होते थे।
- सातवाहनों की महत्वपूर्ण स्थापत्य कृतियाँ हैं-कार्ले का चैत्य, अजंता एवं एलोरा की गुफाओं का निर्माण एवं अमरावती कला का विकास। शातकर्णी एवं अन्य सभी सातवाहन शासक दक्षिणापथ के स्वामी कहे जाते थे।
नोट : सातवाहन राज्य ने उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सेतु का काम किया।
·    
अशोक
की मृत्यु के उपरांत संभवत : प्रथम शताब्दी ई.पू. में कलिंग में चेदी राजवंश का
उदय हुआा। इसकी जानकारी हमें हाथी गुण्फा अभिलेख (भुवनेश्वर, उड़ीसा) से मिलती है। खारवेल इस वंश का एक
प्रतापी राजा था।
·    
खारवेल
जैन धर्म का अनुयायी था और उसने जैन मुनियों के  लिए उदयगिरि की पहाड़ी में गुफा का निर्माण करवाया था ।
ब्राह्मण साम्राज्य (शुंग वंश) MCQ
ब्राह्मण
साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
A) पुष्यमित्र शुंग
B) मौर्य चंद्रगुप्त
C) अशोक
D) गुप्त चंद्रगुप्त
उत्तर: A) पुष्यमित्र शुंग
पुष्यमित्र
शुंग ने किस वंश के अंतिम शासक को परास्त किया था?
A) गुप्त वंश
B) मौर्य वंश
C) नंद वंश
D) कुषाण वंश
उत्तर: B) मौर्य वंश
ब्राह्मण
साम्राज्य की राजधानी क्या थी?
A) Taxila
B) पाटलिपुत्र
C) उज्जैन
D) काशी
उत्तर: B) पाटलिपुत्र
ब्राह्मण
साम्राज्य को किस नाम से भी जाना जाता है?
A) मौर्य वंश
B) शुंग वंश
C) कुषाण वंश
D) गुप्त वंश
उत्तर: B) शुंग वंश
पुष्यमित्र
शुंग का धर्म क्या था?
A) बौद्ध धर्म
B) जैन धर्म
C) वैदिक धर्म (ब्राह्मण धर्म)
D) ईसाई धर्म
उत्तर: C) वैदिक धर्म (ब्राह्मण धर्म)
ब्राह्मण
साम्राज्य ने किस धर्म के प्रचार को बढ़ावा दिया?
A) बौद्ध धर्म
B) जैन धर्म
C) वैदिक धर्म
D) इस्लाम
उत्तर: C) वैदिक धर्म
पुष्यमित्र
शुंग के शासनकाल में किस प्रकार की धार्मिक गतिविधियाँ प्रचलित हुईं?
A) वेद यज्ञ और ब्राह्मण पूजा
B) बौद्ध संघ की स्थापना
C) जैन मंदिर निर्माण
D) ईसाई मिशनरियां
उत्तर: A) वेद यज्ञ और ब्राह्मण पूजा
ब्राह्मण
साम्राज्य के समय किस कला का विकास हुआ?
A) मौर्य कला
B) गुप्त कला
C) मंदिर और स्तूप निर्माण
D) मुगल कला
उत्तर: C) मंदिर और स्तूप निर्माण
ब्राह्मण
साम्राज्य की स्थापना कब हुई थी?
A) 321 ई.पू.
B) 185 ई.पू.
C) 75 ई.पू.
D) 500 ई.पू.
उत्तर: B)
185 ई.पू.
पुष्यमित्र
शुंग ने किस प्राचीन शहर को पुनः स्थापित किया था?
A) उज्जैन
B) पाटलिपुत्र
C) वाराणसी
D) लुंबिनी
उत्तर: B) पाटलिपुत्र
ब्राह्मण
साम्राज्य के बाद किस वंश का उदय हुआ?
A) गुप्त वंश
B) कुषाण वंश
C) मौर्य वंश
D) शुंग वंश
उत्तर: B) कुषाण वंश
पुष्यमित्र
शुंग ने किससे लड़ाई लड़ी थी?
A) यवनों से
B) हूणों से
C) ग्रीकों से
D) मंगोलों से
उत्तर: A) यवनों से
पुष्यमित्र
शुंग ने किसे विरोध किया था?
A) बौद्ध और जैन संप्रदायों को
B) हिंदू धर्म को
C) वैदिक धर्म को
D) कोई नहीं
उत्तर: A) बौद्ध और जैन संप्रदायों को
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान किस भाषा का प्रचार हुआ?
A) संस्कृत
B) प्राकृत
C) पाली
D) फारसी
उत्तर: A) संस्कृत
ब्राह्मण
साम्राज्य में प्रशासन की मुख्य भाषा क्या थी?
A) फारसी
B) संस्कृत
C) ग्रीक
D) तमिल
उत्तर: B) संस्कृत
पुष्यमित्र
शुंग ने किस प्रकार की सेना का उपयोग किया?
A) पैदल सेना, अश्व सेना, हाथी सेना
B) केवल पैदल सेना
C) केवल अश्व सेना
D) केवल नाविक सेना
उत्तर: A) पैदल सेना, अश्व सेना, हाथी
सेना
पुष्यमित्र
शुंग के शासनकाल में किस प्रसिद्ध स्तूप का निर्माण हुआ?
A) सारनाथ स्तूप
B) सांची स्तूप
C) भरहुत स्तूप
D) अजंता स्तूप
उत्तर: B) सांची स्तूप
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान किस प्रकार के यज्ञों का प्रचलन था?
A) अग्निहोत्र यज्ञ
B) सूर्य यज्ञ
C) वज्रयज्ञ
D) समस्त उपर्युक्त
उत्तर: D) समस्त उपर्युक्त
ब्राह्मण
साम्राज्य का पतन कब हुआ?
A) 75 ई.पू.
B) 150 ई.पू.
C) 300 ई.पू.
D) 50 ई.पू.
उत्तर: A) 75
ई.पू.
ब्राह्मण
साम्राज्य के पतन के बाद किस वंश का उदय हुआ?
A) मौर्य वंश
B) कुषाण वंश
C) गुप्त वंश
D) मल्ल वंश
उत्तर: B) कुषाण वंश
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान सबसे अधिक किस धर्म का संरक्षण हुआ?
A) बौद्ध धर्म
B) जैन धर्म
C) वैदिक धर्म
D) ईसाई धर्म
उत्तर: C) वैदिक धर्म
पुष्यमित्र
शुंग का पुत्र कौन था जिसने शुंग वंश का शासन संभाला?
A) अग्निमित्र शुंग
B) ब्रह्मदत्त
C) बिंदुसार
D) अशोक
उत्तर: A) अग्निमित्र शुंग
ब्राह्मण
साम्राज्य का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र कौन सा था?
A) नालंदा
B) पाटलिपुत्र
C) सांची
D) वाराणसी
उत्तर: C) सांची
ब्राह्मण
साम्राज्य के शासनकाल में किस शिलालेख या ग्रंथ का महत्व बढ़ा?
A) वेद
B) रामायण
C) महाभारत
D) अर्थशास्त्र
उत्तर: A) वेद
ब्राह्मण
साम्राज्य में किस प्रकार की सामाजिक व्यवस्था थी?
A) जाति व्यवस्था
B) वर्ग व्यवस्था
C) लोकतंत्र
D) कोई नहीं
उत्तर: A) जाति व्यवस्था
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान किस क्षेत्र में कला का विकास हुआ?
A) मूर्तिकला
B) स्थापत्य कला
C) संगीत और नृत्य
D) सभी उपर्युक्त
उत्तर: D) सभी उपर्युक्त
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान किस प्रकार के शिल्पकारों का विकास हुआ?
A) धातु शिल्पकार
B) पत्थर शिल्पकार
C) लकड़ी के शिल्पकार
D) सभी प्रकार के
उत्तर: D) सभी प्रकार के
ब्राह्मण
साम्राज्य में शिक्षा का प्रमुख केंद्र कहाँ था?
A) तक्षशिला
B) नालंदा
C) पाटलिपुत्र
D) उज्जैन
उत्तर: A) तक्षशिला
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान कृषि प्रणाली में किसकी प्रगति हुई?
A) सिंचाई प्रणाली
B) नई बीजों का उपयोग
C) हल का विकास
D) सभी उपर्युक्त
उत्तर: D) सभी उपर्युक्त
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान किस विदेशी शक्ति के साथ संघर्ष हुआ?
A) यवन (ग्रीक)
B) हूण
C) मंगोल
D) फारस
उत्तर: A) यवन (ग्रीक)
ब्राह्मण
साम्राज्य के अंत के बाद किस वंश ने भारत पर अधिकार किया?
A) गुप्त वंश
B) मौर्य वंश
C) कुषाण वंश
D) मल्ल वंश
उत्तर: C) कुषाण वंश
पुष्यमित्र
शुंग के शासनकाल में किस प्रकार के धार्मिक उत्सव मनाए जाते थे?
A) वेदिक यज्ञ
B) भक्ति आंदोलन
C) जैन महोत्सव
D) कोई नहीं
उत्तर: A) वेदिक यज्ञ
ब्राह्मण
साम्राज्य के शासन में सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी कौन था?
A) सेनापति
B) मंत्री
C) राजा
D) न्यायाधीश
उत्तर: C) राजा
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान कितनी सेना थी?
A) छोटी सेना
B) बड़ी सेना जिसमें हाथी, अश्व, और पैदल सेना शामिल थी
C) केवल पैदल सेना
D) केवल अश्व सेना
उत्तर: B) बड़ी सेना जिसमें हाथी, अश्व, और पैदल सेना शामिल थी
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान धार्मिक ग्रंथों का संरक्षण किसने किया?
A) राजा और ब्राह्मण
B) केवल ब्राह्मण
C) केवल राजा
D) जनता
उत्तर: A) राजा और ब्राह्मण
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान किस तरह की कला का विकास हुआ?
A) चित्रकला
B) मूर्तिकला
C) स्थापत्य कला
D) सभी उपर्युक्त
उत्तर: D) सभी उपर्युक्त
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान किस प्रकार की भाषा का प्रयोग प्रशासन में होता था?
A) संस्कृत
B) प्राकृत
C) पाली
D) फारसी
उत्तर: A) संस्कृत
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान किस धर्म के विरोधी गतिविधियाँ हुईं?
A) बौद्ध और जैन
B) हिन्दू
C) ईसाई
D) इस्लाम
उत्तर: A) बौद्ध और जैन
ब्राह्मण
साम्राज्य के पतन के प्रमुख कारण क्या थे?
A) आंतरिक कलह और विदेशी आक्रमण
B) आर्थिक संकट
C) प्रशासनिक कमजोरी
D) उपरोक्त सभी
उत्तर: D) उपरोक्त सभी
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान किस प्रकार के सामाजिक सुधार हुए?
A) जाति व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण
B) महिला शिक्षा का विकास
C) जाति भेद का उन्मूलन
D) कोई सुधार नहीं
उत्तर: A) जाति व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण
ब्राह्मण
साम्राज्य के शासनकाल में किस प्रकार के मंदिर बनाए गए?
A) पत्थर के मंदिर
B) ईंट के मंदिर
C) लकड़ी के मंदिर
D) सभी प्रकार के
उत्तर: A) पत्थर के मंदिर
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान धार्मिक शिक्षा का प्रचार किसने किया?
A) ब्राह्मण
B) बौद्ध भिक्षु
C) जैन साधु
D) सभी उपर्युक्त
उत्तर: A) ब्राह्मण
ब्राह्मण
साम्राज्य में किसने कर संग्रह किया?
A) कराधिकारी
B) राजा स्वयं
C) मंत्री
D) सैनिक
उत्तर: A) कराधिकारी
ब्राह्मण
साम्राज्य में किस प्रकार का न्याय व्यवस्था थी?
A) राजकीय न्याय
B) सामुदायिक न्याय
C) धार्मिक न्याय
D) उपरोक्त सभी
उत्तर: D) उपरोक्त सभी
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान आर्थिक गतिविधियों में सबसे अधिक कौन सी भूमिका थी?
A) कृषि
B) व्यापार
C) शिल्पकार
D) सभी उपर्युक्त
उत्तर: D) सभी उपर्युक्त
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान किसने विदेशी व्यापार को बढ़ावा दिया?
A) राजा
B) मंत्री
C) व्यापारी वर्ग
D) सभी
उत्तर: D) सभी
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान किस भाषा का साहित्यिक विकास हुआ?
A) संस्कृत
B) प्राकृत
C) पाली
D) फारसी
उत्तर: A) संस्कृत
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन कहाँ होता था?
A) मंदिरों में
B) राजसभा में
C) नगरों के बाजार में
D) विद्यालयों में
उत्तर: A) मंदिरों में
ब्राह्मण
साम्राज्य के दौरान किस प्रकार के त्योहार मनाए जाते थे?
A) धार्मिक त्योहार
B) कृषि त्योहार
C) युद्ध उत्सव
D) सभी उपर्युक्त
उत्तर: D) सभी उपर्युक्त
ब्राह्मण
साम्राज्य का इतिहास मुख्य रूप से किन स्रोतों से ज्ञात होता है?
A) प्राचीन ग्रंथ
B) शिलालेख और अभिलेख
C) चीनी यात्रियों के लेख
D) उपरोक्त सभी
उत्तर: D) उपरोक्त सभी

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