पहला भाग: संगम युग का परिचय और समय
अवधि
संगम
युग क्या है?
संगम युग (Sangam Age)
प्राचीन तमिल साहित्य और संस्कृति का
वह काल है जिसमें तमिल भाषा और साहित्य ने अपनी चरम उत्कर्षता प्राप्त की। यह
दक्षिण भारत के तमिल क्षेत्र का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक युग माना जाता है।
इस युग का नाम “संगम” शब्द से पड़ा
है, जिसका अर्थ होता है ‘सभा’ या ‘सभा का
समूह’। माना जाता है कि इस काल में तमिल कवियों और विद्वानों की तीन बड़ी सभाएं
(संगम) हुई थीं, जिनमें वे अपने काव्यों, साहित्य और ज्ञान का आदान-प्रदान करते थे।
संगम
युग की समय अवधि
संगम युग की समय सीमा निश्चित रूप से
ज्ञात नहीं है, लेकिन प्राचीन तमिल इतिहासकारों और
विद्वानों के अनुसार यह लगभग ईसा पूर्व 3री
शताब्दी से लेकर ईसा के बाद 3री शताब्दी तक का काल माना जाता है। यानी लगभग 600-700 वर्षों तक यह युग चला।
- प्रथम संगम - इसका अस्तित्व पौराणिक माना जाता है, जिसके बारे में बहुत कम जानकारी है।
- द्वितीय संगम - इसके विषय में भी सीमित प्रमाण उपलब्ध हैं।
- तृतीय संगम - यह युग ऐतिहासिक और साहित्यिक दृष्टि से
     सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसके तमिल साहित्य के सबसे प्राचीन ग्रंथ
     मौजूद हैं।
संगम
युग का क्षेत्रफल
संगम युग के दौरान तमिल सभ्यता मुख्य
रूप से तामिलनाडु, केरल के कुछ हिस्से, कर्नाटक के दक्षिणी हिस्से और आंध्र प्रदेश के
कुछ दक्षिणी इलाके तक
फैली हुई थी। यह क्षेत्र तमिलनाडु के पूर्वी और पश्चिमी घाटों के बीच स्थित था।
संगम
साहित्य
संगम युग के दौरान लिखा गया साहित्य
तमिल भाषा का सर्वश्रेष्ठ साहित्य माना जाता है। इसमें मुख्य रूप से दो भाग होते
हैं:
- एकरीक साहित्य (Akkaṛam
     - बाहरी
     विषय) - जैसे
     युद्ध, वीरता, शौर्य, इतिहास आदि।
- पुलक्कू साहित्य (Pulikam
     - आंतरिक
     विषय) - जैसे
     प्रेम, प्रकृति, समाज, जीवन आदि।
राजनीतिक
जीवन
- राज्य और शासक:
 संगम युग के तमिल क्षेत्र में तीन मुख्य राज्य थे, जिन्हें 'त्रिमूर्ति' कहा जाता है:
- चोल राज्य
      (Chola)
- पांड्य राज्य
      (Pandya)
- चेयर राज्य
      (Chera)
 ये तीनों राज्य अपने-अपने क्षेत्र में शक्तिशाली और स्वतंत्र थे। इनके शासकों को संगम साहित्य में वीर, न्यायप्रिय और दानी बताया गया है।
- राजा का कर्तव्य:
 राजा को अपने राज्य की रक्षा, कानून व्यवस्था बनाए रखना, न्याय करना, धर्म की रक्षा करना और जनकल्याण करना प्रमुख कर्तव्य माना जाता था।
- युद्ध और साम्राज्य विस्तार:
 संगम युग में शासक अपने राज्य के विस्तार के लिए युद्ध करते थे। कई युद्धों का उल्लेख संगम काव्यों में मिलता है। युद्धों में वीरता, रणनीति, और शौर्य का विशेष महत्व था।
सामाजिक
जीवन
- समाज की संरचना:
 समाज में चार प्रमुख वर्ग या जातियाँ थीं - ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र, लेकिन संगम साहित्य में ज्यादा ध्यान कृषि, व्यापार, और काव्य संस्कृति पर था। सामाजिक व्यवहार में समानता और सहयोग की भावना भी दिखाई देती है।
- नारी स्थिति:
 महिलाओं को समाज में सम्मानित माना जाता था। वे शिक्षा ग्रहण करती थीं, स्वतंत्रता से अपने विचार प्रकट करती थीं और काव्य-कला में भी पारंगत थीं। कई संगम काव्यों में नारी पात्रों का उल्लेख मिलता है जो प्रेम, त्याग, और साहस की मिसाल हैं।
- धार्मिक विश्वास:
 संगम युग में प्राकृतिक तत्वों की पूजा होती थी, जैसे सूर्य, चंद्रमा, अग्नि, नदियाँ आदि। शिव और विष्णु की आराधना भी प्रारंभिक रूप में देखने को मिलती है। जाति-धर्म का प्रभाव कम था, और लोगों का जीवन प्रकृति और समाज से जुड़ा हुआ था।
आर्थिक
जीवन
- कृषि:
 संगम युग में कृषि ही मुख्य आजीविका का स्रोत था। नदियों के किनारे और उपजाऊ मैदानों में धान, जौ, ज्वार आदि की खेती होती थी। सिंचाई के लिए नदियों और तालाबों का उपयोग किया जाता था।
- व्यापार और वाणिज्य:
 समुद्री और स्थलीय व्यापार दोनों ही फल-फूल रहे थे। संगम काल के तमिल क्षेत्र का व्यापार रोमन साम्राज्य, ग्रीस, और अन्य पश्चिमी देशों से भी जुड़ा था। मसाले, रेशमी वस्त्र, मोती आदि वस्तुओं का निर्यात होता था।
- शिल्प और उद्योग:
 वस्त्र निर्माण, धातु कारीगरी, जड़ाऊ आभूषण बनाना, और मूर्तिकला भी संगम युग की प्रमुख आर्थिक गतिविधियाँ थीं।
संगम
साहित्य का परिचय
संगम युग का साहित्य तमिल भाषा का
सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण साहित्य माना जाता है। इसे मुख्यतः दो भागों में बांटा
गया है:
- एगम (Akam) – यह प्रेम, परिवार, और व्यक्तिगत जीवन के भावों पर आधारित है।
- पुरम (Puram) – यह युद्ध, वीरता, समाज, और राज्य के विषयों पर केंद्रित है।
संगम साहित्य में इन दोनों विषयों का
सूक्ष्म और भावपूर्ण वर्णन मिलता है।
संगम
साहित्य के प्रमुख ग्रंथ
संगम साहित्य में लगभग 2381 कविताएं शामिल हैं जो विभिन्न कवियों द्वारा रचित
हैं। प्रमुख ग्रंथ इस प्रकार हैं:
- इत्तैतुकुथोक्कई (Ettuthokai) – आठ संग्रह जिनमें विभिन्न कविताएँ हैं।
- पत्तुप्पाई (Pattuppāṭṭu) – दस लंबी कविताओं का संग्रह।
- पुरानानुरु (Purananuru) – सामाजिक और युद्ध संबंधी कविताओं का संग्रह।
- अकनानुरु (Akananuru) – प्रेम और पारिवारिक विषयों की कविताएं।
- कुरुनतुकुथोक्कई (Kuruntokai) – छोटे प्रेम कविताओं का संग्रह।
संगम
साहित्य की विशेषताएँ
- सजीव और प्राकृतिक वर्णन: संगम
     कविताओं में प्रकृति के दृश्य, मौसम, और नदियों का सुंदर चित्रण मिलता है।
- भावपूर्ण भाषा: भाषा सरल लेकिन बहुत प्रभावशाली और भावनाओं
     से ओत-प्रोत होती है।
- सामाजिक और नैतिक मूल्य: कविताओं
     में समाज के आदर्श, वीरता, न्याय, प्रेम, और त्याग की महत्ता बताई गई है।
- युद्ध और वीरता: पुरम काव्यों में युद्ध की रणनीति, वीरों की बहादुरी, और राजाओं के गुणों का वर्णन मिलता है।
- प्रेम और संवेदनाएँ: अकम
     काव्यों में प्रेम के विभिन्न रंग और भावों को विस्तार से व्यक्त किया गया
     है।
कला और
संस्कृति
- संगीत और नृत्य: संगम काल में संगीत और नृत्य का विशेष विकास
     हुआ था। कविताओं में संगीत वाद्ययंत्रों जैसे ढोलक, मृदंग, और वीणा का उल्लेख मिलता है।
- मूर्ति और चित्रकला: संगम युग
     के समय मूर्तिकला और चित्रकला भी विकसित थी, हालांकि ज्यादा प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं।
- धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव: उत्सवों, धार्मिक अनुष्ठानों, और मेलों का वर्णन संगम साहित्य में मिलता
     है, जिससे
     उस काल की संस्कृति की झलक मिलती है।
संगम
युग के प्रमुख शासक
संगम युग के तीन प्रमुख तमिल
राजवंशों के शासक अपनी वीरता, न्यायप्रियता
और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए प्रसिद्ध थे। कुछ उल्लेखनीय शासक निम्न हैं:
- चोल राजवंश के शासक:
- कारिकाल चोलन – संगम युग के प्रसिद्ध शासकों में से एक, जो अपनी सैन्य कुशलता और शासन के लिए जाना
      जाता था।
- कुन्नताई कुतालियन – चोल राजाओं में एक प्रसिद्ध योद्धा और कवि
      भी।
- पांड्य राजवंश के शासक:
- नेलकेतुकुडुमन – पांड्य शासक जो अपने न्यायप्रिय शासन और
      संगम कवियों के संरक्षक थे।
- कोट्टुमलई योद्धा – प्रसिद्ध पांड्य योद्धा और कवि।
- चेयर राजवंश के शासक:
- सेनेरी – चेयर शासक जिन्होंने अपने राज्य की समृद्धि
      और सांस्कृतिक विकास में योगदान दिया।
- उतुमलाई – चेयर राजा, जो युद्ध कौशल और शासन के लिए जाने जाते
      थे।
संगम
युग के प्रमुख युद्ध
संगम काल में तीनों राजवंशों के बीच
लगातार युद्ध होते रहते थे। इसके अलावा बाहरी आक्रमणों से भी राज्य सुरक्षित रहते
थे। प्रमुख युद्ध:
- चोल-पांड्य युद्ध:
 इन दोनों शक्तिशाली राजवंशों के बीच सत्ता और क्षेत्र विस्तार के लिए कई युद्ध हुए। संगम साहित्य में इन युद्धों का विस्तृत वर्णन मिलता है।
- पांड्य-चेयर युद्ध:
 पांड्य और चेयर राजवंश के बीच भी क्षेत्रीय नियंत्रण को लेकर युद्ध होते थे।
- बाहरी आक्रमण:
 कभी-कभी बाहरी शक्तियाँ जैसे यवन (ग्रीक-रोमन) और अन्य समुद्री जातियाँ भी आक्रमण करती थीं, जिनका सफलतापूर्वक सामना किया गया।
संगम
युग के ऐतिहासिक पहलू
- सांस्कृतिक और साहित्यिक संरक्षण:
 संगम काल के शासक अपने दरबार में कवियों और विद्वानों को संरक्षण देते थे, जिससे साहित्य और कला का विकास हुआ।
- व्यापारिक सम्पर्क:
 इस काल में तमिल क्षेत्र के व्यापारिक सम्पर्क दूर-दूर तक फैले थे। समुद्री मार्गों से रोमन, यूनानी और अन्य पश्चिमी देशों के साथ व्यापार होता था।
- सामाजिक समरसता:
 जाति और वर्ग के भेद कम थे और लोगों के बीच मेलजोल और सहयोग की भावना थी।
धार्मिक
जीवन
- प्राकृतिक तत्वों की पूजा:
 संगम युग के लोग प्रकृति के विभिन्न तत्वों जैसे सूर्य, चंद्रमा, अग्नि, पेड़-पौधे, नदियों और पर्वतों की पूजा करते थे। ये तत्व उनकी जीवनशैली का हिस्सा थे और उनका सम्मान करते थे।
- देवताओं की आराधना:
 संगम साहित्य में शिव, विष्णु, इंद्र, काली, मुरुगन (कार्तिकेय) जैसे देवताओं का उल्लेख मिलता है। मुरुगन को विशेष रूप से तमिलों का प्रिय देव माना जाता था।
- आध्यात्मिकता और नैतिकता:
 धर्म का अर्थ केवल पूजा-आराधना तक सीमित नहीं था, बल्कि नैतिकता, कर्तव्य और समाज के प्रति उत्तरदायित्व भी धर्म का हिस्सा थे।
त्योहार
और सांस्कृतिक आयोजन
- संगीत और नृत्य:
 त्योहारों के दौरान संगीत और नृत्य का विशेष आयोजन होता था। ढोलक, मृदंग, वीणा जैसे वाद्ययंत्रों का प्रयोग होता था।
- मेले और उत्सव:
 नदी घाटों, मंदिरों के आसपास मेले लगते थे जहां लोग मिलते, खरीदारी करते और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते थे।
- काव्य और नाटक:
 धार्मिक और सामाजिक विषयों पर काव्य पाठ और नाटक प्रस्तुत किए जाते थे। ये आयोजन सामाजिक मेलजोल और शिक्षा का माध्यम थे।
सांस्कृतिक
विरासत
- साहित्य का अमूल्य धरोहर:
 संगम युग का साहित्य आज भी तमिल संस्कृति का आधार है और इसके अध्ययन से उस युग के जीवन, समाज और विचारों की गहराई से समझ मिलती है।
- भाषा और कला का विकास:
 तमिल भाषा ने संगम युग में अपनी परिपक्वता और समृद्धि प्राप्त की। उस काल की काव्य शैली, भाषाई विन्यास और शिल्पकला अद्वितीय हैं।
- प्रेरणा स्रोत:
 संगम युग की वीरता, प्रेम, नैतिकता और सामाजिक एकता की कथाएँ आज भी तमिल और अन्य भारतीय साहित्य में प्रेरणा का स्रोत हैं।
संगम युग के प्रमुख कवि और उनकी
रचनाएँ
कुरुनतुकई (Kuruntokai) के कवि
कुरुनतुकई संगम साहित्य का एक
महत्वपूर्ण काव्य संग्रह है, जिसमें
प्रेम और प्राकृतिक भावनाओं पर छोटी-छोटी कविताएँ हैं। इस संग्रह के कई कवि
प्रसिद्ध थे, जिनमें से कुछ नाम इस प्रकार हैं:
- अव्वईयर (Avvaiyar)
 अव्वईयर को संगम युग की प्रमुख महिला कवि माना जाता है। उनकी कविताओं में जीवन के नैतिक और दार्शनिक संदेश मिलते हैं। वे सरल और प्रभावी भाषा में अपने विचार प्रकट करती थीं।
- प्रमुख रचना: अव्वईयर की कई छोटी कविताएँ
      कुरुनतुकई, अक्कनानुरु और पत्तुप्पाई में मिलती हैं।
- इलंगोदर (Ilango
     Adigal)
 इलंगोदर ने ‘सिलप्पधिक्कारम’ नामक महाकाव्य की रचना की, जो संगम साहित्य के बाद का महत्त्वपूर्ण तमिल ग्रंथ है, लेकिन वे संगम युग से जुड़े माने जाते हैं।
अक्कनानुरु
(Akananuru) के कवि
अक्कनानुरु प्रेम और जीवन के आंतरिक
पहलुओं पर आधारित कविताओं का संग्रह है। इस संग्रह के प्रमुख कवि थे:
- पुलिप्पानी (Pulippani)
 उन्होंने प्रेम की गहराई और विविध भावनाओं को सुंदरता से प्रस्तुत किया।
- नट्टियार (Nattar)
 सामाजिक जीवन और मानवीय संवेदनाओं को अपनी कविताओं में दर्शाया।
पुरानानुरु
(Purananuru) के कवि
पुरानानुरु संगम साहित्य का एक बड़ा
संग्रह है, जिसमें युद्ध, वीरता, राजनीति, और
समाज के विषयों पर कविताएँ हैं। इसके कुछ प्रमुख कवि हैं:
- काविरिप्पाडु (Kaviripaddhu)
 वे एक महान कवि और राजदूत थे, जिन्होंने कई युद्धों और शासकों का वर्णन किया।
- अरुल्मी (Arulmi)
 उनकी कविताएँ शौर्य और वीरता के गुणों को समर्पित हैं।
- पातालिच्चेरी (Patalicceri)
 राजनीतिक और सामाजिक घटनाओं पर केंद्रित कविताओं के लिए प्रसिद्ध।
पत्तुप्पाई
(Pattuppāṭṭu) के कवि
पत्तुप्पाई दस लंबी कविताओं का
संग्रह है जो वीरता, प्रेम और प्रकृति का बखान करती हैं।
प्रमुख कवि:
- कालावैयन (Kālavāyan)
 वीरता और युद्ध के वर्णन में दक्ष।
- अक्कनार (Akkanar)
 प्रेम और सौंदर्य का चित्रण।
अन्य
प्रसिद्ध कवि
- नागक्कुनीर (Nāgakkunīr)
 प्रेम और प्रकृति के वर्णन के लिए प्रसिद्ध।
- मारुतान (Māruttan)
 युद्ध और सामाजिक विषयों पर रचनाएँ।
संगम कविताओं की विशेषता
- प्रत्येक कवि ने अपनी कविताओं के माध्यम से
     समाज के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया।
- कविताएँ आमतौर पर छोटे आकार की होती थीं और
     भावनाओं की गहराई से भरी होती थीं।
- कविताओं में प्रकृति, प्रेम, युद्ध, न्याय, और नैतिकता के विषय प्रमुख थे।
Note:-
· ऐतिहासिक युग के प्रारंभ में दक्षिणण भारत का क्रमवद्ध इतिहास हमे जिस साहित्य से ज्ञात होता है उसे संगम साहित्य कहा जाता है। संगम शब्द का अर्थ परिषद् अथवा गोष्टी होता है जिनमें तमिल कवि एवं विद्वान एकत्र होते थे। प्रत्येक कवि अथवा लेखक अपनी रचना ओ को संगम के समक्ष प्रस्तुत करता था तथा इसकी स्वीकृति प्राप्त हो जाने के बाद ही किसी भी रचना का प्रकाशन सभव था।
- सर्वप्रथम सातवीं सदी के प्रारंभ में शैव सन्त (नायनार) तिरूनावुक्क रशु (अष्यार) ने किया।
- परम्परा के अनुसार अति प्राचीन समय
में पाण्ड्य राजाओं संरक्षण में कुल तीन संगम आयोजित किए गए इनमें संकलित साहित्य
को ही संगम साहित्य की संज्ञा प्रदान की गयी। उपलब्ध संगम साहित्य का विभाजन तीन
भागों में किया जाता है। 
- पत्युष्पानु 
- इत्युयोकै तथा 
- पादिनेन कीलकन्क्कु।
· तिरुवल्लुवर कृत कुराल तमिल साहित्य का एक आधारभूत ग्रंथ बताया जाता है। इसके विषय त्रिवर्ग आचारशास्त्र, राजनीति आर्थिक जीवन एवं प्रणय से संबंधित है
· इलांगो कृत शिल्पादिकारम् एक उल्कृष्ट रचना है जो तमिल जनता में राष्ट्रीय काव्य के रूप में मानी जाती है। इसमें कावेरीपट्टन के कोवलन उसकी पत्नी कण्णगि एवं नर्तकी माधवी की प्रेम कहानी है।
· मदुरा के बौद्ध धर्मावलंबी व्यापारी सीतलैसलनार ने मणिमेकलै की रचना की। इसमें राजकुमार उदयकुमारन् एवं मणिमेकले (कोवलन एवं नर्तकी माधवी की पुत्री) की प्रेम कहानी है इस ग्रंथ की कहानी दार्शनिक एवं शास्त्रार्थ संबंधी बातों के लिए बनाई गई है इसका महत्व मुख्यतः धार्मिक है। नीलकंठ शास्त्री के अनुसार यह बौद्ध लेखक दिङनाथ (पांचवीं शती) की कृति न्याय प्रवेश' पर आधारित है।
· जीवकचिन्तामणि संगमकाल के बाहुत बाद की रचना है इसकी रचना का श्रेय जैन भिक्षु तिरुत्तक्क देवर को दिया जाता है। कहा जाता है कि तिरुतक्क देवर पहले चोल राजकुमार था जो बाद में जैन भिक्षु बन गया।
· संगम साहित्य में हमें तमिल प्रदेश के तीन राज्यों चोल, चेर, तथा पाण््य का विवरण प्राप्त होता है। उत्तर-पूर्व में चोल दक्षिण-पश्चिम में चेर तथा दक्षिण-पूर्व में पाण्ड्य राज्य स्थित था।
· संगम युगीन राज्यों में सर्वाधिक शक्तिशाली चोलों का राज्य था । यह पेन्नार तथा दक्षिणी वेल्लारू नदियों के बीच स्थित था। इसका सबसे प्रतापी राजा करिकाल था ।
· करिकाल ब्राह्मण मतानुयायी था और इसे ब्राह्मण धर्म को राजकीय संरक्षण प्रदान किया। पुहार पत्तन का निर्माण इसी इसने कावेरी नदी के मुहाने पर बाँथ बनवाया तथा सिंचाई करने के लिए नहरों का निर्माण करवाया। पेरूनानुन्नुपादे में करिकाल को संगीत के सप्तस्वरों का विशेषज्ञ बताया गया है।
· संगम युग का दूसरा राज्य चेरों का था जो आधुनिक केरल प्रान्त में स्थित था। इस राज्य के कुछ प्रमुख राजा हुए-उदियंजीरल (लगभग 130 ई.), नेदुंजीरल आदन (155ई.) एवं सेनगुट्टुवन (180 ई.)।
· सेनगुट्टुवन ने अधिराज की उपाधि ग्रहण की। इसने पत्तिनी नामक धार्मिक सम्प्रदाय को समाज में प्रतिष्ठित किया।
· संगम युग का तीसरा राज्य पाण्यों का या जो कावेरी के दक्षिण में स्थित था। इसकी राजधानी मदुरा में थी पाण्ड्य राजाओं में नेडुंजेलियन (लगभग 210 ई.) सबसे शक्तिशाली था
· संगम युग में मंत्रियों को अमाइच्यान या अमाइच्यार कहा जाता था।
· राजधानी में एक राजसभा होती थी जिसे नालवै कहा जाता था । यह राजा के साथ न्याय का कार्य करता था। राजा देश का प्रधान न्यायाधीश तथा सभी प्रकार के मामलों की सुनवाई की अंतिम अदालत होता था। राजा के न्यायालय को मन्म कहा जाता था।
· चोरी तथा व्यभिचार के अपराध के लिए मृत्युदण्ड दिया जाता था। झूठी गवाही देने पर जीभ काट ली जाती थी।
· भूमिकर नकद तथा अनाज दोनों रूपों में अदा किया जाता था संभवतः यह उपज का छठा भाग होता था, किन्तु कभी कभी इसे बढ़ाया जाता था। व्यापारियों से सीमा शुल्क एवं चुंगी वसूल की जाती थी।
· सेना चतुरंगिणी होती थी जिसमें अश्व, गज, रथ तथा पैदल सिपाही सम्मिलित थे। नागड़ा एवं शंख बजाकर सैनिकों को बुलाया जाता था। युद्ध भूमि में वीरगति पाने वाले सैनिकों के सम्मान में पत्थर की मूर्ति बनवाए जाने की प्रथा थी।
· राजा अपने आवास की रक्षा के लिए सशस्त्र महिलाओं को तैनात करता था।
· संगम काल में समय जानने के लिए जल घड़ी का प्रयोग किया जाता था।
· तमिल प्रदेश में ब्राह्मणों का उदय सर्वप्रथम संगम काल में हुआ जो समय का सबसे प्रतिष्ठित वर्ग था। इसकी हत्या को सबसे बड़ा अपराध माना जाता था। संगम कालीन ब्राह्मण मांस भक्षण करते थे तथा सूरा पिते थे।
· ब्राह्मणों के पश्चात् संगम युगीन समाज में वेल्लार वर्ग का स्थान था। इसका मुख्य पेशा कृषि कर्म था ।
· संगम साहित्य में व्यापारी वर्ग को वेनिगर कहा गया है।
· संगम साहित्य में दास प्रथा के अस्तित्व का प्रमाण नहीं मिलता है।
· तोल्काप्पियम नामक तमिल रचना से ज्ञात होता है कि संगम काल में विवाह को संस्कार के रूप में मान्यता प्रदान की गयी थी। इसमें हिन्दू धर्मशास्त्रों में वर्णित विवाह के आठ प्रकारों (ब्रह्म, दैव, आर्ष, प्रजापत्य, असुर, गान्धर्व, राक्षस तथा पैशाच) का उल्लेख मिलता है।
· प्रणय विवाह की मान्यता दी गई थी जिसे पंचतिणै कहा गया है एक पक्षीय प्रणय को कैक्किणै व अनुचित प्रणय को पेरून्दिणी कहा गया है।
· संगम काल में चावल मुख्य खाद्यान्न था। इसे दूध में मिलाकर सांभर नामक खाद्यान्न तैयार किया जाता था।
· नर्तक, नर्तकियों व गायकों के दल धूम-धूम कर लोगों का मनोरनजन किया करते थे। संगम साहित्य में इन्हें पाणर व विडैलियर कहा गया है।
· तमिल साहित्य में मच्चेलियर तथा ओवैयर जैसी कवियित्रियों की चर्चा हुई है जिससे स्पष्ट है कि इस काल की स्त्रियाँ सुशिक्षिता होती थी।
· संगम काल के लोग कौवे को शुभ पक्षी मानते थो जो अतिथियों के आगमन की सूचना देता था। कौवे नाविकों को सही दिशा का भी बोध कराते थे। इस कारण सागर के मध्य चलने वाले जहाजों के साथ उन्हें ले जाया जाता था।
· संगम काल में समाधियों के स्थान पर पत्थर गाड़ने की प्रथा थी। इन्हें वीरगल अथवा वीरप्रस्तर कहा जाता था । इनकी पूजा भी होती थी। प्रायः युद्ध में वीरगति प्राप्त सैनिकों के सम्मान में खड़े किए जाते थे ।
· संगम काल में किसानों को वेल्लार तथा उनके प्रमुखों को वेलिर कहा जाता था।
· संगम साहित्य से पता चलता है कि समाज के निम्न वर्ग की महिलाएँ ही मुख्यतः खेती का कार्य किया करती थी । इने कडैसिवर कहा गया है।
· संगम काल में चोलों की समृद्धि का मुख्य कारण उनका सुविकसित वस्त्रोद्योग था।
· पाण्ड्य राज्य में कोर्कई, शालियूर एवं चेर राज्य में बन्दर प्रमुख बन्दरगाह था। को्कई मोती खोजने का प्रमुख पत्तन था।
· कोरोमण्डल समुद्रतट पर पदुचेरी से तीन किमी दक्षिण में स्थित अरिकमेडु चोल वंश का एक प्रमुख बन्दरगाह था इस बन्दरगाह से रोम के साथ व्यापार होता था 1945 ई. में हुई यहाँ की खुदाई से एक विशाल रोमन बस्ती का पता चला है। यहाँ मनकों के निर्माण का कारखाना भी था। पेरिष्लस में अरिकमेडु को पेडोक कहा गया है।
नोट : संगम काल में ही मिस्र के एक नाविक हिप्पोलस ने
मानसूनी हवाओं के सहारे बड़े जहाजो से सीधे समुद्र पार कर सकने की विधि खोजीं ।
· तमिल देश का प्राचीन देवता मुरुगन था। कालान्तर में उसका नाम सुब्रह्मण्य हो गया और स्कन्द-कार्तिकेय के साथ उसका तादात्म्य स्थापित कर दिया गया हिन्दू धर्म में स्कन्द-कार्तिकेय को शिव-पार्वती का पुत्र माना गया है स्कन्द का एक नाम कुमार भी है और तमिल भाषा में मुरुगन शब्द का यही अर्थ होता है। मुरुगन का प्रतीक मुर्गा माना जाता था तथा उसके विषय में यह मान्यता थी कि उसे पर्वत पर क्रीड़ा करना अत्यधिक प्रिय है। कुरवस नामक एक पर्वतीय जनजाति की स्त्री को मुरुगन की पल्नियों में माना गया है।
संगम युग के कवि और उनकी रचनाएँ - MCQ
संगम युग का मुख्य साहित्यिक भाषा कौन सी थी?
a) संस्कृत
b) तमिल
c) हिंदी
d) तेलुगु
उत्तर: b) तमिल
संगम
युग के तीन प्रमुख राज्य कौन से थे?
a) मौर्य, गुप्त, शक
b) चोल, पांड्य, चेयर
c) विक्रमादित्य, अशोक, चंद्रगुप्त
d) None of the above
उत्तर: b) चोल, पांड्य, चेयर
संगम
युग का नाम 'संगम' क्यों पड़ा?
a) तीन सभाओं के कारण
b) एक नदी के कारण
c) एक राजा के कारण
d) एक त्योहार के कारण
उत्तर: a) तीन
सभाओं के कारण
संगम
युग का सबसे महत्वपूर्ण साहित्यिक काल कौन सा था?
a) प्रथम संगम
b) द्वितीय संगम
c) तृतीय संगम
d) None of the above
उत्तर: c) तृतीय
संगम
संगम
साहित्य में ‘एगम’ किस विषय को दर्शाता है?
a) युद्ध और वीरता
b) प्रेम और व्यक्तिगत जीवन
c) राजनीति
d) धर्म
उत्तर: b) प्रेम
और व्यक्तिगत जीवन
‘पुरम’ संगम साहित्य में किससे संबंधित है?
a) प्रेम
b) युद्ध, वीरता, और सामाजिक जीवन
c) कृषि
d) None of the above
उत्तर: b) युद्ध, वीरता, और सामाजिक जीवन
संगम
युग के प्रसिद्ध महिला कवि कौन थीं?
a) तुलसीदास
b) अव्वईयर
c) कालिदास
d) मीराबाई
उत्तर: b) अव्वईयर
संगम
युग के साहित्य में किस देवता का अधिक उल्लेख है?
a) विष्णु
b) शिव
c) मुरुगन (कार्तिकेय)
d) ब्रह्मा
उत्तर: c) मुरुगन
(कार्तिकेय)
संगम
युग का साहित्य किस प्रकार का था?
a) केवल धार्मिक ग्रंथ
b) कविताओं का संग्रह
c) इतिहास ग्रंथ
d) None of the above
उत्तर: b) कविताओं
का संग्रह
संगम
युग के शासकों को क्या कहा जाता था?
a) सम्राट
b) राजाओं और चक्रवर्ती
c) मुगल
d) None of the above
उत्तर: b) राजाओं
और चक्रवर्ती
संगम
युग के कवि अपने काव्यों के लिए क्या प्राप्त करते थे?
a) धन और सम्मान
b) कोई पुरस्कार नहीं
c) केवल श्रम वेतन
d) None of the above
उत्तर: a) धन और
सम्मान
संगम
साहित्य में ‘इत्तैतुकुथोक्कई’ क्या है?
a) एक व्यक्ति का नाम
b) कविताओं का संग्रह
c) एक शहर
d) None of the above
उत्तर: b) कविताओं
का संग्रह
संगम
युग के प्रमुख शासक कौन थे?
a) अशोक
b) कारिकाल चोलन
c) सम्राट अकबर
d) None of the above
उत्तर: b) कारिकाल
चोलन
संगम
युग का प्रमुख आर्थिक व्यवसाय क्या था?
a) कृषि और समुद्री व्यापार
b) केवल उद्योग
c) केवल पशुपालन
d) None of the above
उत्तर: a) कृषि
और समुद्री व्यापार
संगम
युग के साहित्य में किस विषय का वर्णन नहीं मिलता?
a) प्रेम
b) युद्ध
c) विज्ञान
d) वीरता
उत्तर: c) विज्ञान
संगम
युग में महिलाओं की स्थिति कैसी थी?
a) सम्मानित और स्वतंत्र
b) दासता में
c) कोई भूमिका नहीं
d) None of the above
उत्तर: a) सम्मानित
और स्वतंत्र
संगम
युग की प्रमुख कविता शैली क्या थी?
a) गद्य
b) पद्य (छंदबद्ध)
c) मुक्त छंद
d) None of the above
उत्तर: b) पद्य
(छंदबद्ध)
संगम
युग में सबसे अधिक किस देवता की पूजा होती थी?
a) शिव
b) विष्णु
c) मुरुगन (कार्तिकेय)
d) इंद्र
उत्तर: c) मुरुगन
(कार्तिकेय)
संगम
युग में 'कुरुनतुकई' किस प्रकार का संग्रह है?
a) धार्मिक ग्रंथ
b) प्रेम कविताओं का संग्रह
c) युद्ध कविताओं का संग्रह
d) None of the above
उत्तर: b) प्रेम
कविताओं का संग्रह
संगम
युग की कविताओं में प्राकृतिक दृश्य कैसे प्रस्तुत होते थे?
a) जीवंत और सजीव
b) निर्जीव
c) केवल युद्ध आधारित
d) None of the above
उत्तर: a) जीवंत
और सजीव
संगम
युग का साहित्य कब तक चलता रहा?
a) ईसा पूर्व 3री शताब्दी से ईसवी 3री शताब्दी तक
b) केवल 1 शताब्दी
c) 10 शताब्दी तक
d) None of the above
उत्तर: a) ईसा
पूर्व 3री शताब्दी से ईसवी 3री शताब्दी तक
संगम
युग की कविताओं में सबसे अधिक किस प्रकार के विषय मिलते हैं?
a) गणितीय सूत्र
b) प्रेम, वीरता, और प्रकृति
c) दर्शनशास्त्र
d) None of the above
उत्तर: b) प्रेम, वीरता, और प्रकृति
संगम
युग में कौन से राजवंशों का शासन था?
a) मौर्य
b) गुप्त
c) चोल, पांड्य, चेयर
d) None of the above
उत्तर: c) चोल, पांड्य, चेयर
संगम
युग के कवि ‘काविरिप्पाडु’ किस संग्रह से सम्बंधित थे?
a) अकनानुरु
b) पुरानानुरु
c) कुरुनतुकई
d) None of the above
उत्तर: b) पुरानानुरु
संगम
युग का ‘पत्तुप्पाई’ क्या है?
a) एक महाकाव्य
b) दस लंबी कविताओं का संग्रह
c) एक गीत संग्रह
d) None of the above
उत्तर: b) दस
लंबी कविताओं का संग्रह
संगम
युग के कवि किसका वर्णन करते थे?
a) केवल शासकों का
b) प्रकृति, प्रेम, युद्ध, और समाज का
c) केवल धार्मिक विषयों का
d) None of the above
उत्तर: b) प्रकृति, प्रेम, युद्ध, और समाज का
संगम
युग के साहित्य में किसकी प्रमुख भूमिका थी?
a) शासकों का संरक्षण
b) व्यापारियों का शासन
c) किसानों का आंदोलन
d) None of the above
उत्तर: a) शासकों
का संरक्षण
संगम
युग का कौन सा राज्य समुद्री व्यापार में अग्रणी था?
a) पांड्य
b) मौर्य
c) गुप्त
d) None of the above
उत्तर: a) पांड्य
संगम
युग के साहित्य का सबसे बड़ा संग्रह कौन सा है?
a) पुरानानुरु
b) महाभारत
c) रामायण
d) None of the above
उत्तर: a) पुरानानुरु
संगम
युग के कवि अपनी कविताओं के लिए क्या प्राप्त करते थे?
a) सम्मान और पुरस्कार
b) कोई इनाम नहीं
c) केवल श्रम वेतन
d) None of the above
उत्तर: a) सम्मान
और पुरस्कार
संगम
युग की प्रमुख महिला कवि अव्वईयर ने किस प्रकार के विषय पर लिखा?
a) नैतिकता और जीवन दर्शन
b) केवल युद्ध
c) केवल प्रेम
d) None of the above
उत्तर: a) नैतिकता
और जीवन दर्शन
संगम
युग के कवि किस प्रकार की भाषा का उपयोग करते थे?
a) सरल और प्रभावशाली तमिल
b) कठिन संस्कृत
c) फारसी
d) None of the above
उत्तर: a) सरल और
प्रभावशाली तमिल
संगम
युग के कवि किस प्रकार के विषयों को काव्य में प्रस्तुत करते थे?
a) केवल युद्ध
b) प्रेम, वीरता, प्रकृति और समाज
c) केवल धार्मिक
d) None of the above
उत्तर: b) प्रेम, वीरता, प्रकृति और समाज
संगम
युग की कविताओं में किस शैली का प्रयोग होता था?
a) पद्य (छंदबद्ध)
b) मुक्त छंद
c) गद्य
d) None of the above
उत्तर: a) पद्य
(छंदबद्ध)
संगम
युग में ‘कावि’ का क्या अर्थ है?
a) गाना
b) कविता
c) नृत्य
d) None of the above
उत्तर: b) कविता
संगम
युग के साहित्य में कितनी कविताएँ मौजूद हैं?
a) लगभग 2381
b) 1000
c) 500
d) None of the above
उत्तर: a) लगभग 2381
संगम
युग के कौन से संग्रह में प्रेम पर आधारित कविताएँ मिलती हैं?
a) अकनानुरु
b) पुरानानुरु
c) पत्तुप्पाई
d) None of the above
उत्तर: a) अकनानुरु
संगम
युग में नृत्य और संगीत का क्या स्थान था?
a) महत्वपूर्ण और सांस्कृतिक
b) कोई महत्व नहीं
c) केवल धार्मिक कार्यों तक सीमित
d) None of the above
उत्तर: a) महत्वपूर्ण
और सांस्कृतिक
संगम
युग के कवि किसके संरक्षण में होते थे?
a) राजा और शासक
b) व्यापारी
c) किसान
d) None of the above
उत्तर: a) राजा
और शासक
संगम
युग के कवि किसका वर्णन अधिक करते थे?
a) प्रकृति, प्रेम, युद्ध, और नैतिकता
b) विज्ञान
c) गणित
d) None of the above
उत्तर: a) प्रकृति, प्रेम, युद्ध, और नैतिकता
संगम
युग के साहित्य में किस प्रकार की भाषा उपयोग की जाती थी?
a) भावपूर्ण और सजीव
b) कठोर और जटिल
c) वैज्ञानिक
d) None of the above
उत्तर: a) भावपूर्ण
और सजीव
संगम
युग का ‘तृतीय संगम’ किस लिए प्रसिद्ध है?
a) सबसे बड़ा साहित्यिक संकलन
b) एक राजा का नाम
c) एक नगर का नाम
d) None of the above
उत्तर: a) सबसे
बड़ा साहित्यिक संकलन
संगम
युग के कवि किस विषय पर अधिक कविताएँ लिखते थे?
a) जीवन, समाज, प्रेम, और युद्ध
b) केवल युद्ध
c) केवल प्रेम
d) None of the above
उत्तर: a) जीवन, समाज, प्रेम, और युद्ध
संगम
युग की कविताओं में कितने संग्रह मुख्य रूप से माने जाते हैं?
a) 2
b) 3
c) 5
d) None of the above
उत्तर: c) 5
संगम
युग के कवियों की कविताओं में किसकी झलक मिलती है?
a) तत्कालीन जीवनशैली और संस्कृति
b) केवल कल्पना
c) केवल धार्मिक भावना
d) None of the above
उत्तर: a) तत्कालीन
जीवनशैली और संस्कृति
संगम
युग की कविताओं में किसकी महत्ता दर्शाई गई है?
a) प्रेम, वीरता, न्याय
b) केवल प्रेम
c) केवल युद्ध
d) None of the above
उत्तर: a) प्रेम, वीरता, न्याय
संगम
युग का साहित्य किस भाषा में लिखा गया था?
a) संस्कृत
b) तमिल
c) तेलुगु
d) कन्नड़
उत्तर: b) तमिल
संगम
युग की प्रमुख महिला कवि कौन थीं?
a) अव्वईयर
b) कालिदास
c) मीराबाई
d) सुनंदा
उत्तर: a) अव्वईयर
'सिलप्पधिक्कारम' किस
कवि द्वारा रचित है?
a) इलंगोदर
b) कालिदास
c) थिरुवल्लुवर
d) वाल्मीकि
उत्तर: a) इलंगोदर
संगम
साहित्य का 'अक्कनानुरु' किस विषय पर आधारित है?
a) युद्ध
b) प्रेम
c) राजनीति
d) धर्म
उत्तर: b) प्रेम
'पुरानानुरु' किस
प्रकार की कविताओं का संग्रह है?
a) प्रेम गीत
b) युद्ध और वीरता से संबंधित कविताएँ
c) धार्मिक ग्रंथ
d) लोकगीत
उत्तर: b) युद्ध
और वीरता से संबंधित कविताएँ
संगम
युग के कौन से कवि शासकों के संरक्षण में थे?
a) केवल चोल शासक
b) केवल पांड्य शासक
c) केवल चेयर शासक
d) चोल, पांड्य और चेयर सभी
उत्तर: d) चोल, पांड्य और चेयर सभी
'कुरुनतुकई' किस
प्रकार की कविताओं का संग्रह है?
a) प्रेम कविताएं
b) युद्ध कविताएं
c) धार्मिक कविताएं
d) इतिहास
उत्तर: a) प्रेम
कविताएं
संगम
युग के कवि किस प्रकार की शैली का प्रयोग करते थे?
a) गद्य
b) पद्य
c) मुक्तक
d) दोनों b और c
उत्तर: d) दोनों b और c
संगम
युग के साहित्य में किस देवता का विशेष उल्लेख मिलता है?
a) इंद्र
b) शिव
c) मुरुगन (कार्तिकेय)
d) विष्णु
उत्तर: c) मुरुगन
(कार्तिकेय)
संगम
युग के साहित्य का सबसे बड़ा संग्रह कौन सा है?
a) पुरानानुरु
b) अकनानुरु
c) कुरुनतुकई
d) इत्तैतुकुथोक्कई
उत्तर: a) पुरानानुरु
संगम
युग का अर्थ है —
a) एक राजा
b) कई सभाओं का समूह
c) एक युद्ध
d) एक पर्व
उत्तर: b) कई
सभाओं का समूह
संगम
युग के कवि किस प्रकार के विषयों को अधिक लिखते थे?
a) प्रेम और युद्ध
b) विज्ञान
c) गणित
d) ज्योतिष
उत्तर: a) प्रेम
और युद्ध
पत्तुप्पाई
संगम साहित्य का क्या हिस्सा है?
a) छोटे प्रेम कविताओं का संग्रह
b) दस लंबी कविताओं का संग्रह
c) धार्मिक ग्रंथ
d) इतिहास की पुस्तक
उत्तर: b) दस
लंबी कविताओं का संग्रह
संगम
युग में कवियों को क्या कहते थे?
a) भस्मकार
b) कवि
c) मुग्गल
d) सिद्ध
उत्तर: b) कवि
निम्नलिखित
में से कौन सा संगम साहित्य का संग्रह नहीं है?
a) पुरानानुरु
b) अकनानुरु
c) महाभारत
d) कुरुनतुकई
उत्तर: c) महाभारत
संगम
युग के प्रमुख शासकों में से कौन था?
a) अशोक
b) कारिकाल चोलन
c) चंद्रगुप्त मौर्य
d) सम्राट अकबर
उत्तर: b) कारिकाल
चोलन
संगम
युग में किसका व्यापार काफी फला-फूला था?
a) समुद्री व्यापार
b) केवल कृषि
c) उद्योग नहीं था
d) None of the above
उत्तर: a) समुद्री
व्यापार
संगम
युग के कवि आम तौर पर किस प्रकार की भाषा का प्रयोग करते थे?
a) फारसी
b) सरल और प्रभावशाली तमिल
c) संस्कृत
d) उर्दू
उत्तर: b) सरल और
प्रभावशाली तमिल
संगम
युग में किस प्रकार की कविताएं नहीं पाई जातीं?
a) प्रेम पर आधारित
b) युद्ध पर आधारित
c) गणितीय सूत्रों पर आधारित
d) प्राकृतिक दृश्यों पर आधारित
उत्तर: c) गणितीय
सूत्रों पर आधारित
संगम
युग के कवियों ने किसका बहुत वर्णन किया?
a) युद्ध, प्रेम और प्रकृति
b) विज्ञान
c) इतिहास
d) गणित
उत्तर: a) युद्ध, प्रेम और प्रकृति
संगम
युग के प्रमुख राज्य कौन से थे?
a) मौर्य, गुप्त, चोल
b) चोल, पांड्य, चेयर
c) विक्रमादित्य, अशोक, हर्षवर्धन
d) None of the above
उत्तर: b) चोल, पांड्य, चेयर
संगम
युग की प्रमुख कविता शैली क्या थी?
a) छंदबद्ध कविता
b) मुक्त छंद
c) गद्य
d) None of the above
उत्तर: a) छंदबद्ध
कविता
संगम
साहित्य में नारी की स्थिति कैसी थी?
a) सम्मानित और स्वतंत्र
b) दासता में
c) कोई भूमिका नहीं
d) None of the above
उत्तर: a) सम्मानित
और स्वतंत्र
संगम
युग का साहित्य मुख्यतः किस पर केंद्रित था?
a) आध्यात्मिक
b) सामाजिक और सांस्कृतिक
c) वैज्ञानिक
d) None of the above
उत्तर: b) सामाजिक
और सांस्कृतिक
संगम
युग की कविताओं में प्राकृतिक दृश्य कैसे प्रस्तुत होते थे?
a) सूखे और नीरस
b) जीवंत और रंगीन
c) केवल शुष्क
d) None of the above
उत्तर: b) जीवंत
और रंगीन
संगम
युग के कवि किस प्रकार के उपकरणों का उल्लेख करते थे?
a) ढोलक, मृदंग, वीणा
b) पियानो, गिटार
c) सारंगी, तबला
d) None of the above
उत्तर: a) ढोलक, मृदंग, वीणा
संगम
युग के साहित्य में कौन सी शैली प्रमुख थी?
a) रोमांटिक और वीरता से भरपूर
b) वैज्ञानिक
c) दार्शनिक
d) None of the above
उत्तर: a) रोमांटिक
और वीरता से भरपूर
संगम
युग के कवि किससे प्रेरणा लेते थे?
a) प्रकृति और जीवन
b) राजनीतिक विचार
c) वैज्ञानिक खोजें
d) None of the above
उत्तर: a) प्रकृति
और जीवन
संगम
युग की साहित्यिक सभाओं को क्या कहा जाता था?
a) सभा
b) संगम
c) मंडल
d) None of the above
उत्तर: b) संगम
संगम
युग के कवियों ने किस प्रकार के युद्ध का वर्णन किया?
a) वीरता पूर्ण और रणनीतिक
b) केवल धार्मिक
c) केवल कल्पित युद्ध
d) None of the above
उत्तर: a) वीरता
पूर्ण और रणनीतिक
संगम
युग के कवि 'काविरिप्पाडु' किस संग्रह से जुड़े थे?
a) अकनानुरु
b) पुरानानुरु
c) कुरुनतुकई
d) None of the above
उत्तर: b) पुरानानुरु
संगम
युग की प्रमुख महिला कवि अव्वईयर ने किस विषय पर कविताएँ लिखीं?
a) जीवन के नैतिक और दार्शनिक संदेश
b) युद्ध
c) इतिहास
d) None of the above
उत्तर: a) जीवन
के नैतिक और दार्शनिक संदेश
संगम
युग की कविता में कौन से भाव अधिक पाए जाते हैं?
a) प्रेम, वीरता, प्रकृति
b) भौतिकवादी
c) वैज्ञानिक
d) None of the above
उत्तर: a) प्रेम, वीरता, प्रकृति
संगम
युग के कवि अपनी कविताओं में क्या दर्शाते थे?
a) समाज के विभिन्न पहलू
b) केवल युद्ध
c) केवल प्रेम
d) None of the above
उत्तर: a) समाज
के विभिन्न पहलू
संगम
युग की कविता में 'पुलिकाम्' किसे कहते हैं?
a) बाहरी विषय जैसे युद्ध, वीरता
b) प्रेम विषय
c) धार्मिक विषय
d) None of the above
उत्तर: a) बाहरी
विषय जैसे युद्ध, वीरता
संगम
युग की कविता में 'एगम' किसे कहते हैं?
a) प्रेम, व्यक्तिगत जीवन के विषय
b) युद्ध
c) राजनीति
d) None of the above
उत्तर: a) प्रेम, व्यक्तिगत जीवन के विषय
संगम
युग की प्रमुख कविताओं का संग्रह 'इत्तैतुकुथोक्कई' में
कितनी कविताएँ हैं?
a) 8
b) 2381
c) 100
d) 10
उत्तर: b) 2381
संगम
युग के कवि 'मारुतन' किस विषय पर अधिक लिखते थे?
a) युद्ध और सामाजिक विषय
b) प्रेम
c) विज्ञान
d) None of the above
उत्तर: a) युद्ध
और सामाजिक विषय
संगम
युग के कवि अपने काव्यों के लिए क्या प्राप्त करते थे?
a) सम्मान और संरक्षण
b) कोई पुरस्कार नहीं
c) केवल श्रमिक वेतन
d) None of the above
उत्तर: a) सम्मान
और संरक्षण
संगम
युग के कवि अपनी कविताओं में किस प्रकार की भाषा का प्रयोग करते थे?
a) प्रभावशाली और सरल तमिल
b) कठिन संस्कृत
c) फारसी
d) None of the above
उत्तर: a) प्रभावशाली
और सरल तमिल
संगम
युग की कविताओं में किस प्रकार की शैली प्रचलित थी?
a) भावपूर्ण और कलात्मक
b) सूखी और कठोर
c) वैज्ञानिक
d) None of the above
उत्तर: a) भावपूर्ण
और कलात्मक
संगम
युग के कवि किसके संरक्षक होते थे?
a) राजा और शासक
b) व्यापारी
c) किसानों
d) None of the above
उत्तर: a) राजा
और शासक
संगम
युग के कवि किसके बारे में अधिक लिखते थे?
a) वीरता, प्रेम और नैतिकता
b) केवल युद्ध
c) केवल प्रेम
d) None of the above
उत्तर: a) वीरता, प्रेम और नैतिकता
संगम
युग के कवि किस शैली का प्रयोग करते थे?
a) मुक्त छंद
b) छंदबद्ध कविता
c) गद्य
d) None of the above
उत्तर: b) छंदबद्ध
कविता
संगम
युग के कवियों की कविताओं में किस प्रकार के दृश्य मिलते हैं?
a) प्राकृतिक और जीवंत
b) निर्जीव
c) केवल युद्ध
d) None of the above
उत्तर: a) प्राकृतिक
और जीवंत
संगम
युग की कविताओं का अध्ययन किस भाषा के साहित्य में किया जाता है?
a) तमिल साहित्य
b) संस्कृत साहित्य
c) हिंदी साहित्य
d) अंग्रेजी साहित्य
उत्तर: a) तमिल
साहित्य
संगम
युग के प्रमुख कवि कौन थे?
a) अव्वईयर, काविरिप्पाडु, इलंगोदर
b) तुलसीदास, कालिदास
c) मीराबाई, सूरदास
d) None of the above
उत्तर: a) अव्वईयर, काविरिप्पाडु, इलंगोदर
संगम
युग के कवि किसकी महिमा करते थे?
a) शासकों, वीरों और प्रेम की
b) केवल शासकों
c) केवल भगवान की
d) None of the above
उत्तर: a) शासकों, वीरों और प्रेम की
संगम
युग के साहित्य की सबसे बड़ी विशेषता क्या है?
a) प्राकृतिक वर्णन और भावपूर्ण भाषा
b) कठिन भाषा
c) केवल युद्ध का वर्णन
d) None of the above
उत्तर: a) प्राकृतिक
वर्णन और भावपूर्ण भाषा
संगम
युग का 'काव्य' किस विषय पर आधारित था?
a) जीवन के विविध पहलू - प्रेम, युद्ध, प्रकृति, समाज
b) केवल इतिहास
c) केवल युद्ध
d) None of the above
उत्तर: a) जीवन
के विविध पहलू - प्रेम, युद्ध, प्रकृति, समाज


Follow Us