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सीमावर्त्ती राजवंशों का अभ्युदय (Emergence of borderlands dynasties)

सीमावर्त्ती राजवंशों का अभ्युदय (Emergence of borderlands dynasties)



सीमावर्ती राजवंशों का अभ्युदय: विस्तार से अध्ययन

भाग 1: परिचय और अभ्युदय के कारण

परिचय

भारतीय इतिहास में जब बड़े साम्राज्य कमजोर पड़ने लगते हैं, तब छोटे-छोटे सीमावर्ती या क्षेत्रीय राजवंशों का उदय होता है। इन्हें सीमावर्ती इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये साम्राज्य के सीमांत या उप-क्षेत्रों में सत्ता स्थापित करते हैं, या बड़े साम्राज्यों के पतन के बाद स्वतंत्र रूप से उभरते हैं।
मध्यकालीन भारत (लगभग 6वीं से 13वीं शताब्दी) में ऐसे अनेक सीमावर्ती राजवंशों ने क्षेत्रीय शक्ति और सांस्कृतिक समृद्धि का आधार बनाया।

अभ्युदय के कारण

  1. केन्द्रीय सत्ता का पतन
    गुप्त वंश के पतन के बाद राजनीतिक एकता टूटने लगी। भारत का केन्द्रिय शासन कमजोर हुआ और इससे छोटे-छोटे राजवंशों को सत्ता स्थापित करने का अवसर मिला।

  2. विदेशी आक्रमणों का दबाव
    हूणों, तुर्क, अफगान और बाद में मुस्लिम आक्रमणकारियों के चलते बड़े साम्राज्य कमजोर हुए। स्थानीय राजाओं ने अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए स्वतंत्रता प्राप्त की।

  3. प्रशासनिक जटिलता और आर्थिक संकट
    बड़े साम्राज्यों में दूर-दराज के क्षेत्रों पर नियंत्रण रखना कठिन हो गया। कर संग्रहण में गिरावट और प्रशासनिक भ्रष्टाचार ने भी केंद्रीकृत सत्ता को कमजोर किया।

  4. सामाजिक-धार्मिक कारक
    स्थानीय जातीय, भाषा-भाषी और धार्मिक समूहों ने अपनी पहचान को सुरक्षित रखने के लिए सीमावर्ती राजवंशों का समर्थन किया।


भाग 2: प्रमुख सीमावर्ती राजवंश और उनका क्षेत्रीय विस्तार

1. गुर्जर प्रतिहार वंश

  • क्षेत्र: उत्तर-पश्चिम भारत, मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब।

  • साम्राज्य: प्रमुख साम्राज्य में से एक, जिसने मुस्लिम आक्रमणकारियों को रोकने में अहम भूमिका निभाई।

  • प्रमुख शासक: नागभट्ट II, महाराज भोज।

  • महत्त्व: उन्होंने द्वितीय पानीपत युद्ध (सीमावर्ती लड़ाई) में माघड के गुप्त successor राज्यों और अरब आक्रमणों को काबू में रखा।

2. राजपूत राजवंश

  • क्षेत्र: मुख्यतः राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से।

  • प्रमुख वंश: चोहान, राठौर, सोलंकी, परमार।

  • विशेषताएं: वीरता, किलेबंदी, और स्वतंत्रता के प्रति संघर्ष के लिए विख्यात।

  • प्रसिद्ध किले: चित्तौड़गढ़, रणथंभौर, मेवाड़।

3. पल्लव वंश

  • क्षेत्र: दक्षिण भारत, विशेष रूप से तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र।

  • काल: 3री से 9वीं शताब्दी।

  • संस्कृति: मंदिर वास्तुकला (महाबलीपुरम), साहित्य, और कला का विकास।

4. काकतीय वंश

  • क्षेत्र: आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का सीमावर्ती क्षेत्र।

  • काल: 9वीं से 14वीं शताब्दी।

  • विशेषताएं: व्यापार और शहरीकरण के केंद्र, काकतीयों ने नवाचार किया जैसे सिक्का जारी करना।

5. होयसला वंश

  • क्षेत्र: कर्नाटक।

  • काल: 10वीं से 14वीं शताब्दी।

  • संस्कृति: स्थापत्य कला (चन्नराजा मंदिर, बेलूर, हेवल्ली मंदिर)।


भाग 3: सीमावर्ती राजवंशों की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक विशेषताएं

सांस्कृतिक योगदान

  • मंदिर निर्माण: सीमावर्ती राजवंशों ने स्थानीय मंदिरों और स्थापत्य कला को बढ़ावा दिया।

  • साहित्य: क्षेत्रीय भाषाओं जैसे राजस्थानी, कन्नड़, तेलुगु, तमिल आदि का विकास।

  • धार्मिक सहिष्णुता: कई सीमावर्ती शासकों ने विभिन्न धर्मों का संरक्षण किया।

सामाजिक प्रभाव

  • स्थानीय समाजों में जातीय और क्षेत्रीय पहचान मजबूत हुई।

  • राजवंशों ने अपने क्षेत्रों में न्याय और प्रशासन के लिए पंचायत व्यवस्था को बढ़ावा दिया।

आर्थिक योगदान

  • सीमावर्ती राजवंशों ने स्थानीय वाणिज्य, व्यापार और कृषि को प्रोत्साहित किया।

  • कई राजवंश समुद्री और थल मार्गों पर नियंत्रण रख कर आर्थिक समृद्धि लाई।


भाग 4: सीमावर्ती राजवंशों का राजनीतिक महत्व और प्रभाव

राजनीतिक महत्व

  • सीमावर्ती राजवंशों ने बड़े साम्राज्यों के पतन के बाद राजनीतिक स्थिरता प्रदान की।

  • ये राजवंश स्थानीय सुरक्षा और प्रशासन का आधार बने।

  • कई बार ये राजवंश बड़े राज्यों के अधीन आते-जाते रहे लेकिन अपनी स्वायत्तता बनाए रखी।

प्रभाव

  • इन राजवंशों ने मध्यकालीन भारत को बहुराष्ट्रीय, बहुभाषी और बहुधार्मिक बनाया।

  • भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न हिस्सों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिला।

  • वे विदेशी आक्रमणकारियों के खिलाफ एक पहली पंक्ति की रक्षा थे।



यदि आप चाहें तो मैं इन प्रमुख सीमावर्ती राजवंशों का विस्तार से इतिहास, प्रमुख शासकों की सूची, युद्ध, कला-संस्कृति, प्रशासन व्यवस्था आदि पर अलग-अलग पार्ट्स में भी विस्तार से लिख सकता हूँ।
क्या मैं आगे इस विषय को पार्ट वाइज विस्तार से जारी रखूं?


पालवंश
> पालवंश का संस्थापक गोपाल (750 ई.) था। इस वंश की राजधानी मुंगेर थी ।
> गोपाल बौद्ध धर्म का अनुयायी था । इसने ओदन्तपुरी विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
> पालवंश के प्रमुख शासक थे-धर्मपाल, देवपाल, नारायणपाल, महिपाल, नयपाल आदि ।
> पालवंश का सबसे महान शासक धर्मपाल था जिसने विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
> कन्नौज के लिए त्रिपक्षीय संघर्ष पालवंश, गुर्जर प्रतिहार वंश एवं राष्ट्रकूट वंश के बीच हुआ। इसमें पालवंश की ओर से सर्वप्रथम धर्मपाल शामिल हुआ था।
> ग्यारहवीं सदी के गुजराती कवि सोड्ठल ने धर्मपाल को 'उत्तरापथ स्वामी' की उपाधि से संबोधित किया है।
 > सोमपुर महाविहार का निर्माण धर्मपाल ने करवाया था।
> ओदन्तपुरी (बिहार) के प्रसिद्ध बौद्धमठ का निर्माण देवपाल ने करवाया था।
> जावा के शैलेन्द्रवंशी शासक बालपुत्र देव के अनुरोध पर देवपाल ने उसे नालंदा में एक बौद्धविहार बनवाने के लिए पाँच गाँव दान में दिए थे।
> गौड़ीरीति नामक साहित्यिक विद्या का विकास पाल शासकों के समय में हुआ।
> पाल शासक बौद्ध धर्म के अनुयायी थे।

सेनवंश
> सेनवंश की स्थापना सामन्त सेन ने राढ़ में की थी।
> इसकी राजधानी नदिया (लखनौती) थी।
> सेनवंश के प्रमुख शासक विजयसेन, बल्लाल सेन एवं लक्ष्मण सेन थे।
> सेनवंश का प्रथम स्वतंत्र शासक विजयसेन था, जो शैवधर्म का अनुयायी था।
> दानसागर एवं अद्भुत सागर नामक ग्रंथ की रचना सेन शासक बल्लालसेन ने की थी। अद्भुत सागर को लक्ष्मण सेन ने पूर्णरूप दिया था ।
> लक्ष्मण सेन की राज्यसभा में गीतगोविन्द के लेखक जयदेव, पवनदूत के लेखक धोयी एवं ब्राह्मणसर्वस्व के लेखक हलायुद्ध रहते थे।
> हलायुद्ध लक्ष्मण सेन का प्रधान न्यायाधीश एवं मुख्यमंत्री था ।
> विजयसेन ने देवपाड़ा में प्रद्युम्नेश्वर मंदिर (शिव की विशाल मंदिर) की स्थापना की ।
> सेन राजवंश प्रथम राजवंश था, जिसने अपना अभिलेख सर्वप्रथम तिहिन्दी में उत्कीर्ण करवाया ।
> लक्ष्मण सेन बंगाल का अंतिम हिन्दू शासक था।

कश्मीर के राजवंश
> कश्मीर पर शासन करनेवाले शासक वंश कालक्रम से इस प्रकार थे-कार्कोट वंश, उत्पल वंश, लोहार वंश ।
> 627 ई. में दुर्लभवर्द्धन नामक व्यक्ति ने कश्मीर में कार्कोट वंश (हिंदू वंश) की स्थापना की थी। ह्वेनसांग ने उसके शासनकाल में कश्मीर की यात्रा की ।
> कार्कोट वंश का सबसे शक्तिशाली राजा ललितादित्य मुक्तापीड था।
> कश्मीर का मार्त्तण्ड-मंदिर का निर्माण ललितादित्य मुक्तापीड के लतदमातर द्वारा करवाया गया था।
> कार्कोट वंश के बाद कश्मीर पर उत्पल वश का शासन हुआ। इस वंश का संस्थापक अवन्तिवर्मन था । अवन्तिपुर नामक नगर की स्थापना अवन्तिवर्मन ने की थी ।
> अवन्तिवर्मन के अभियन्ता सूर्य ने सिंचाई के लिए नहरों का निर्माण करवाया।
> 980 ई. में उत्पलवंश की रानी दिद्दा एक महत्वाकांक्षिणी शासिका हुई। उत्पल वंश के बाद कश्मीर पर लोहारवश का शासन हुआ।
> लोहारवंश का संस्थापक संग्रामराज था। संग्रामराज के बाद अनन्त राजा हुआ। इसकी पत्नी सूर्यमती ने प्रशासन को सुधारने में उसकी सहायता की ।
> लोहार वंश का शासक हर्ष विद्वान, कवि तथा कई भाषाओं का ज्ञाता था ।
कल्हण हर्ष का आश्रित कवि था ।
> जयसिंह लोहार वंश का अन्तिम शासक था, जिसने 1128 ई. से 1155 ई. तक शासन किया। जयसिंह के शासन के साथ ही कल्हण की राजतरगणा का विवरण समाप्त हो जाता है ।

कामरूप का वर्मन वंश
> चौथी शताब्दी के मध्य कामरूप में वर्मनवंश का उदय हुआ। इस वंश की प्रतिष्ठा का संस्थापक पुष्यवर्मन था। इसकी राजधानी प्रागज्योतिष नामक स्थान पर थी।

> कालान्तर में कामरूप पाल साम्राज्य का एक अग बन गया।

 

बिलकुल!
यहाँ पर मैं आपको सीमावर्ती राजवंशों के अभ्युदय पर 50 महत्वपूर्ण MCQ दूँगा, जो इतिहास की प्रतियोगी परीक्षाओं में बहुत उपयोगी होंगे।
हर MCQ के साथ उसका उत्तर भी अलग से दिया गया है ताकि आपकी तैयारी में आसानी हो।


सीमावर्ती राजवंशों का अभ्युदय – 50 MCQ

  1. सीमावर्ती राजवंशों का अभ्युदय किस काल में हुआ था?
    a) प्राचीन काल
    b) मध्यकालीन काल
    c) आधुनिक काल
    d) वैदिक काल
    उत्तर: b) मध्यकालीन काल

  2. गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद किस प्रकार के राजवंशों का उदय हुआ?
    a) महाजनपद
    b) सीमावर्ती राजवंश
    c) मुगल साम्राज्य
    d) मराठा साम्राज्य
    उत्तर: b) सीमावर्ती राजवंश

  3. निम्नलिखित में से कौन सा राजवंश उत्तर-पश्चिम भारत के सीमावर्ती क्षेत्र में था?
    a) पल्लव
    b) गुर्जर प्रतिहार
    c) होयसला
    d) काकतीय
    उत्तर: b) गुर्जर प्रतिहार

  4. गुर्जर प्रतिहार वंश के प्रसिद्ध शासक कौन थे?
    a) राजेंद्र चोल
    b) नागभट्ट II
    c) विक्रमादित्य VI
    d) पृथ्वीराज चोहान
    उत्तर: b) नागभट्ट II

  5. निम्नलिखित में से कौन-सा राजपूत वंश नहीं है?
    a) चोहान
    b) सोलंकी
    c) परमार
    d) राष्ट्रकूट
    उत्तर: d) राष्ट्रकूट

  6. पल्लव वंश मुख्य रूप से किस क्षेत्र में स्थित था?
    a) उत्तर भारत
    b) दक्षिण भारत
    c) पश्चिम भारत
    d) पूर्व भारत
    उत्तर: b) दक्षिण भारत

  7. काकतीय वंश का क्षेत्र कौन सा था?
    a) कर्नाटक
    b) आंध्र प्रदेश और तेलंगाना
    c) राजस्थान
    d) गुजरात
    उत्तर: b) आंध्र प्रदेश और तेलंगाना

  8. होयसला वंश किस क्षेत्र में था?
    a) महाराष्ट्र
    b) कर्नाटक
    c) पंजाब
    d) गुजरात
    उत्तर: b) कर्नाटक

  9. निम्नलिखित में से कौन-सा सीमावर्ती राजवंश समुद्री व्यापार में प्रवीण था?
    a) गुर्जर प्रतिहार
    b) काकतीय
    c) पल्लव
    d) होयसला
    उत्तर: b) काकतीय

  10. सीमावर्ती राजवंशों के उदय का प्रमुख कारण क्या था?
    a) गुप्त साम्राज्य की बढ़ती शक्ति
    b) बड़े साम्राज्यों का पतन
    c) विदेशी व्यापार का विकास
    d) कृषि उत्पादन में वृद्धि
    उत्तर: b) बड़े साम्राज्यों का पतन

  11. राजपूत राजवंश मुख्यतः किस क्षेत्र में विकसित हुए?
    a) दक्षिण भारत
    b) राजस्थान और मध्य भारत
    c) पूर्वी भारत
    d) पंजाब
    उत्तर: b) राजस्थान और मध्य भारत

  12. गुर्जर प्रतिहारों ने किस आक्रमणकारी को मुख्य रूप से रोका?
    a) तुर्क
    b) हूण
    c) मंगोल
    d) अरब
    उत्तर: d) अरब

  13. पल्लव वंश के काल का प्रमुख स्थापत्य स्थल कौन-सा है?
    a) महाबलीपुरम
    b) खजुराहो
    c) कांचीपुरम
    d) तंजावुर
    उत्तर: a) महाबलीपुरम

  14. काकतीय वंश के प्रमुख शासक कौन थे?
    a) रुद्रदेव
    b) नागभट्ट
    c) भोज
    d) हर्षवर्धन
    उत्तर: a) रुद्रदेव

  15. होयसला वंश के काल में किस मंदिर का निर्माण हुआ?
    a) चन्नराजा मंदिर
    b) मीनाक्षी मंदिर
    c) कांचीपुरम मंदिर
    d) कश्मीर मंदिर
    उत्तर: a) चन्नराजा मंदिर

  16. सीमावर्ती राजवंशों ने किस धर्म का संरक्षण किया?
    a) केवल हिंदू धर्म
    b) केवल बौद्ध धर्म
    c) धार्मिक सहिष्णुता का पालन किया
    d) केवल जैन धर्म
    उत्तर: c) धार्मिक सहिष्णुता का पालन किया

  17. गुर्जर प्रतिहारों ने किस युद्ध में मुस्लिम आक्रमणकारियों का सफलतापूर्वक मुकाबला किया?
    a) पानीपत युद्ध
    b) तलासी युद्ध
    c) कुरुक्षेत्र युद्ध
    d) कर्नाटक युद्ध
    उत्तर: b) तलासी युद्ध

  18. सीमावर्ती राजवंशों की भाषा में किस प्रकार का विकास हुआ?
    a) केवल संस्कृत
    b) क्षेत्रीय भाषाओं का विकास
    c) फारसी भाषा
    d) अरबी भाषा
    उत्तर: b) क्षेत्रीय भाषाओं का विकास

  19. पल्लव वंश का सबसे प्रसिद्ध स्थापत्य मंदिर कौन-सा है?
    a) कैलासनाथ मंदिर
    b) मीनाक्षी मंदिर
    c) महाबलीपुरम का पंच रत्न मंदिर
    d) कांदी मंदिर
    उत्तर: c) महाबलीपुरम का पंच रत्न मंदिर

  20. काकतीय वंश के काल में जारी किया गया प्रमुख सिक्का क्या था?
    a) टंका
    b) पानम
    c) रूपया
    d) दिरहम
    उत्तर: b) पानम

  21. होयसला वंश ने किस कला शैली का विकास किया?
    a) द्रविड़ शैली
    b) नागर शैली
    c) वेसर शैली
    d) इंडो-इस्लामिक शैली
    उत्तर: a) द्रविड़ शैली

  22. गुर्जर प्रतिहारों ने किस क्षेत्र पर अपना नियंत्रण स्थापित किया?
    a) गुजरात
    b) राजस्थान, हरियाणा, पंजाब
    c) तमिलनाडु
    d) बंगाल
    उत्तर: b) राजस्थान, हरियाणा, पंजाब

  23. राजपूतों की विशेषता क्या थी?
    a) प्रशासनिक कुशलता
    b) धार्मिक सहिष्णुता
    c) युद्धकौशल और वीरता
    d) समुद्री व्यापार
    उत्तर: c) युद्धकौशल और वीरता

  24. पल्लव वंश का मुख्य शत्रु कौन था?
    a) चोल वंश
    b) गुर्जर प्रतिहार
    c) होयसला
    d) काकतीय
    उत्तर: a) चोल वंश

  25. सीमावर्ती राजवंशों की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार क्या था?
    a) कृषि और व्यापार
    b) उद्योग
    c) मछली पकड़ना
    d) पशुपालन
    उत्तर: a) कृषि और व्यापार

  26. गुर्जर प्रतिहारों का मुख्य केंद्र कौन सा था?
    a) लखनौ
    b) जयपुर
    c) मथुरा
    d) कन्नौज
    उत्तर: d) कन्नौज

  27. राजपूत वंशों का सामाजिक संगठन किस पर आधारित था?
    a) जाति व्यवस्था
    b) आर्थिक वर्ग
    c) धार्मिक मतभेद
    d) भाषा
    उत्तर: a) जाति व्यवस्था

  28. पल्लव वंश की राजधानी कहाँ थी?
    a) तंजावुर
    b) महाबलीपुरम
    c) कांचीपुरम
    d) मदुरै
    उत्तर: c) कांचीपुरम

  29. काकतीय वंश का पतन किस कारण हुआ?
    a) मुग़ल आक्रमण
    b) दिल्ली सल्तनत के हमले
    c) चोल वंश की विजय
    d) अन्य सीमावर्ती राज्यों के हमले
    उत्तर: b) दिल्ली सल्तनत के हमले

  30. होयसला वंश के पतन के बाद किसका शासन स्थापित हुआ?
    a) विजयनगर साम्राज्य
    b) मुग़ल साम्राज्य
    c) मराठा साम्राज्य
    d) दिल्ली सल्तनत
    उत्तर: a) विजयनगर साम्राज्य

  31. गुर्जर प्रतिहार वंश का शासनकाल लगभग कब था?
    a) 6वीं से 11वीं शताब्दी
    b) 3री से 6ठी शताब्दी
    c) 12वीं से 15वीं शताब्दी
    d) 1ली से 3री शताब्दी
    उत्तर: a) 6वीं से 11वीं शताब्दी

  32. राजपूत वंशों ने किस प्रमुख युद्ध में दिल्ली सल्तनत को चुनौती दी?
    a) प्रथम पानीपत
    b) खिज़र खान के साथ युद्ध
    c) रणथंभौर युद्ध
    d) सारागढ़ युद्ध
    उत्तर: c) रणथंभौर युद्ध

  33. पल्लव वंश के धार्मिक दृष्टिकोण में मुख्य कौन-सा देवता था?
    a) विष्णु
    b) शिव
    c) इंद्र
    d) सूर्य
    उत्तर: b) शिव

  34. काकतीय वंश के संस्थापक कौन थे?
    a) प्रथु
    b) विजयराजेंद्र
    c) हरिदत्त
    d) प्रथाप
    उत्तर: a) प्रथु

  35. होयसला वंश की राजधानी कहाँ थी?
    a) बेलूर
    b) मयूरम
    c) नंदी हिल्स
    d) मदुरै
    उत्तर: a) बेलूर

  36. गुर्जर प्रतिहारों ने किस प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण करवाया?
    a) खजुराहो के मंदिर
    b) काशी विश्वनाथ मंदिर
    c) मथुरा के कृष्ण मंदिर
    d) मन्दसौर के शिव मंदिर
    उत्तर: d) मन्दसौर के शिव मंदिर

  37. राजपूत वंशों की राजनीति में “अग्निपथ” का क्या महत्व था?
    a) युद्ध नीति
    b) युवा सैनिकों की भर्ती प्रणाली
    c) धार्मिक अनुष्ठान
    d) राजसिंहासन का नाम
    उत्तर: b) युवा सैनिकों की भर्ती प्रणाली

  38. पल्लव वंश का पतन किस कारण हुआ?
    a) चोलों के हमले
    b) मुगल आक्रमण
    c) मुस्लिम आक्रमण
    d) प्राकृतिक आपदाएं
    उत्तर: a) चोलों के हमले

  39. काकतीय वंश ने किस प्रमुख शहर का निर्माण किया?
    a) हैदराबाद
    b) विजयवाड़ा
    c) वारंगल
    d) मदुरै
    उत्तर: c) वारंगल

  40. होयसला वंश की कला का प्रमुख उदाहरण क्या है?
    a) मीनाक्षी मंदिर
    b) चिक्कलसूरु मंदिर
    c) बेलूर के मंदिर
    d) तंजावुर मंदिर
    उत्तर: c) बेलूर के मंदिर

  41. गुर्जर प्रतिहारों की आर्थिक व्यवस्था का मुख्य स्त्रोत क्या था?
    a) कर संग्रहण और व्यापार
    b) युद्ध लूट
    c) विदेशी अनुदान
    d) मंदिर दान
    उत्तर: a) कर संग्रहण और व्यापार

  42. राजपूतों ने किस युद्ध में मुगलों का सामना किया?
    a) पानीपत का पहला युद्ध
    b) खानवा युद्ध
    c) तलवंडी युद्ध
    d) बहादुरशाह की लड़ाई
    उत्तर: b) खानवा युद्ध

  43. पल्लव वंश के शासनकाल में कौन-सी भाषा प्रमुख थी?
    a) संस्कृत
    b) तमिल
    c) कन्नड़
    d) तेलुगु
    उत्तर: b) तमिल

  44. काकतीय वंश के पतन के बाद उनका क्षेत्र किसके अधीन आया?
    a) विजयनगर साम्राज्य
    b) मुग़ल साम्राज्य
    c) दिल्ली सल्तनत
    d) मराठा साम्राज्य
    उत्तर: c) दिल्ली सल्तनत

  45. होयसला वंश की सेना की प्रमुख विशेषता क्या थी?
    a) तीरंदाजी
    b) घुड़सवारी
    c) हाथी सेना
    d) नौसेना
    उत्तर: b) घुड़सवारी

  46. गुर्जर प्रतिहार वंश के समय किस धर्म का प्रबल प्रचार हुआ?
    a) इस्लाम
    b) जैन धर्म
    c) हिंदू धर्म
    d) बौद्ध धर्म
    उत्तर: c) हिंदू धर्म

  47. राजपूत वंशों की राजनीतिक प्रणाली किस प्रकार की थी?
    a) केंद्रीकृत साम्राज्य
    b) राजपरिवार आधारित छोटे-छोटे राज्य
    c) लोकतंत्र
    d) गणतंत्र
    उत्तर: b) राजपरिवार आधारित छोटे-छोटे राज्य

  48. पल्लव वंश के शासकों ने किस देवता का विशेष पूजन किया?
    a) विष्णु
    b) शिव
    c) ब्रह्मा
    d) गणेश
    उत्तर: b) शिव

  49. काकतीय वंश ने किस प्रकार की मुद्रा जारी की?
    a) तांबा सिक्के
    b) सोने के सिक्के
    c) चांदी के सिक्के
    d) टिका मुद्राएँ
    उत्तर: b) सोने के सिक्के

  50. होयसला वंश का पतन किस कारण हुआ?
    a) मुगल आक्रमण
    b) विजयनगर साम्राज्य का उदय
    c) चोल वंश के हमले
    d) मुस्लिम आक्रमण
    उत्तर: b) विजयनगर साम्राज्य का उदय