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Showing posts from May, 2022

नालंदा विश्वविद्यालय|Nalanda University Bihar

    नालंदा विश्वविद्यालय Nalanda University छती शताब्दी ई. पू. में भगवान महावीर एवं बुद्ध के काल से ही नालन्दा की ऐतिहासिकता के प्रमाण प्राप्त होते हैं। बुद्ध के परम प्रिय शिष्यों में से एक सारिपुत्र के जन्म एवं निर्वाण स्थल के रूप में भी इसे जाना जाता है। प्राच्य कला व संस्कृति के विख्यात शिक्षा संस्थान व महाविहार के रूप में इसकी पहचान पाँचवी शती में स्थापित हुई जब चीन सहित अनेक सुदूरवर्तीों देशों से बौद्ध भिक्षु ज्ञानार्जन हेतु यहाँ आते थे। इस संस्थान से जुड़े विद्वानों में नागार्जुन, आर्यदेव, वसुबन्धु धर्मपाल सविष्णु असंग शीलभद्र, धर्मकीर्ति शान्तरक्षित इत्यादि प्रमुख हैं। इनके अतिरिक्त प्रसिद्ध चीनी यात्रियों देन सांग एवं इल्सिंग के नाम विशेष उल्लेखनीय हैं, जिन्होंने अपने यात्रा वृतान्त में नालन्दा के महाविहारों मंदिरों तथा भिक्षुओं की जीवनचर्या आदि का विशद वर्णन किया है। धर्मशास्त्र, व्याकरण, तर्कशास्त्र, खगोलिकी, तत्वज्ञान चिकित्सा एवं दर्शनशास्त्र आदि इस शिक्षा केन्द्र में अध्ययन के प्रमुख विषय थे। अभिलेखीय प्रमाणों के अनुसार समकालीन शासकों द्वारा दान किये गये अनेकों ग्रामों के