Skip to main content

Posts

Showing posts from October, 2020

सिक्ख एवं अंग्रेज (Sikh and Brutushers)

  सिक्ख एवं अंग्रेज (Sikh and English) > सिक्ख सम्रदाय की स्थापना का श्रेय गुरु नानक ( प्रथम गुरु) को है। गुरु नानक के अनुयायी ही सिक्ख कहलाए । ये बादशाह আबर एवं हुमायूँ के समकालीन थे । > सन् 1469 ई. की कार्तिक पूर्णिमा को नानक को आध्यात्मिक पुनर्जीवन का आभास हुआ। > गुरुनानक ने गुरु का लंगर नामक निःशुल्क सहभागी भोजनालय स्थापित किए। > गुरुनानक ने अनेक स्थानों पर संगत ( धर्मशाला) और पंगत (लंगर) स्थापित किए। > संगत और पंगत ने गुरुनानक के अनुयायियों के लिए एक संस्था का कार्य किया, जहाँ वे प्रतिदिन मिलते थे । > गुरु नानक की 1538 ई. में करतारपुर में मृत्यु हो गयी। > गुरु अंगद (1539-52 ई.) सिक्खों के दूसरे गुरु थे। इनका प्रारम्भिक नाम लहना था। > इन्होंने नानक द्वारा शुरू की गई लंगर-व्यवस्था को स्थायी बना दिया। > गुरुमुखी लिपि का आरंभ गुरु अंगद ने किया। > सिक्खों के तीसरे गुरु अमरदास (1552-1574 ई.) थे। > गुरु अमरदास ने हिन्दुओं से पृथक् होनेवाले कई कार्य किए। > हिन्दुओं से अलग विवाह पद्धति लवन को प्रचलित किया। > अकबर ने गुरु अमरदास से गोविन्दवाल जाकर भेंट

अंग्रेजों के मैसूर से संबंध (British relations with Mysore)

अंग्रेजों के मैसूर से संबंध (British relations with Mysore) > 1761 ई. में हैदर अली मैसूर का शासक बना। > हैदर अली की मृत्यु 1782 ई. में द्वितीय ऑग्ल-मैसूर युद्ध के दौरान हो गयी। > हैदर अली का उत्तराधिकारी उसका पुत्र टापू सुल्तान हुआ। > 1787 ई. में टीपू ने अपनी राजधानी श्रीरंगपट्टनम में 'पादशाह' की उपाधि धारण की। > टीपू ने अपनी राजधानी श्रीरंगपट्टेनम में स्वतंत्रता का वृक्ष लगवाया और साथ ही जैकोबिन क्लब का सदस्य बना। प्रमुख युद्ध वर्ष गवर्नर जनरल प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध 1767 - 69 ई. - द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध 1780 - 84 ई वारेन हेर्स्टिंग्स तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध 1790 - 92 ई. कार्नवालिस चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध 1799 ई. लॉर्ड वेलेजली > इस युद्ध में मराठा, हैदराबाद के निजाम एवं अंग्रेजों की संयुक्त सेना मैसूर के खिलाफ लड़ रही थी । > टीपू की मृत्यु श्रीरंगपट्टम की आखिरी युद्ध यानी चतुर्थ आँग्ल-मैसूर युद्ध के