Total Count

Subscribe Us

सूफी आन्दोलन (Sufi Movement)


सूफी आन्दोलन (Sufi Movement)


> जो लोग सूफी संतों से शिष्यता ग्रहण करते थे, उन्हें मुरीद कहाजाता था। सूफी जिन आश्रमों में निवास करते थे, उन्हें खानकाह  या मठ कहा जाता था।
> सूफियों के धर्मसंघ बा-शारा (इस्लगमी सिद्धान्त के समर्थक) और बे-शारा (इस्लामी सिद्धान्त से बँधे नहीं) में विभाजित थे ।
> भारत में चिश्ती एवं सुहरावर्दी सिलसिले की जड़ें काफी गहरी थीं ।
> ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती ने भारत में चिश्ती सिलसिला की शुरुआत की। चिश्ती सिलसिला का मुख्य केन्द्र अजमेर था ।
> चिश्ती सिलसिला के कुछ अन्य महत्वपूर्ण संत थे-निजामुद्दीन औलिया, बाबा फरीद, बख्तियार काकी एवं शेख बुरहानुद्दीन गरीब। बाबा फरीद बख्तियार काकी के शिष्य थे ।
> बाबा फरीद की रचनाएँ गुरुग्रंथ साहिब में शामिल हैं।
> बाबा फरीद के दो महत्वपूर्ण शिष्य थे-निजामुद्दीन औलिया एवं अलाउद्दीन साबिर ।
> हजरत निजामुद्दीन औलिया ने अपने जीवनकाल में दिल्ली के सात सुल्तानों का शासन देखा था । इनके प्रमुख शिष्य थे-शेख सलीम चिश्ती, अमीर खुसरो, अमीर हसन देहलवी।
> शेख बुरहानुद्दीन गरीब ने 1340 ई. में दक्षिण भारत के क्षेत्रों में चिश्ती सम्प्रदाय की शुरुआत की और दौलताबाद को मुख्य केन्द्र बनाया।
> सूफियों के सुहरावर्दी धर्मसंघ या सिलसिला की स्थापना शेख शिहाबुद्दीन उमर सुहरावर्दी ने की, किन्तु 1262 ई. में इसके सुदृढ़ | संचालन का श्रेय शेख बदरुद्दीन जकारिया को है । इन्होंने सिंध एवं मुल्तान को मुख्य , को मुख्य केन्द्र बनाया। सुहरावर्दी धर्मसंघ के अन्य प्रमुख संत थे-जलालुद्दीन तबरीजी, सैय्यद सुर्ख जोश, बुरहान आदि।
सुहरावर्दी सिलसिला ने राज्य के संरक्षण को स्वीकार किया था ।
> शेख अब्दुल्ला सत्तारी ने सत्तारी सिलसिले की स्थापना की थी ।इसका मुख्य केन्द्र बिहार था ।
> कादरी धर्मसंघ या सिलसिला की स्थापना सैय्यद अबुल कादिर अल जिलानी ने बगदाद में की थी। भारत में इस सिलसिला के प्रवर्तक मुहम्मद गौस थे इस सिलसिले के अनुयायी गाने बजाने के विरोधी थे। ये लोग शिया मत के विरुद्ध थे ।
> राजकुमार दारा (शाहजहाँ का ज्येष्ठ पुत्र) कादिरी सिलसिला के मुल्लाशाह का शिष्य था।
> नक्शबन्दी धर्मसंघ या सिलसिला की स्थापना ख्वाजा उबेदुल्ला ने की थी। भारत में इस सिलसिला की स्थापना ख्वाजा बकी बिल्लाह ने की थी। भारत में इसके व्यापक प्रचार का श्रेय बकी बिल्लाह के शिष्य अकबर के समकालीन 'शेख अहमद' सरहिन्दी को था।
> फिरदौसी, सुहरावर्दी सिलसिला की ही एक शाखा थी, जिसका कार्य-क्षेत्र बिहार था । इस सिलसिले को शेख शरीफउद्दीन याह्या ने लोकप्रिय बनाया। याह्या ख्वाजा निजामुद्दीन के शिष्य थे।


 अन्य विषय 

अन्य जानकारी