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अंग्रेजी शासन के विरुद्ध महत्वपूर्ण विद्रोह (Significant rebellion against British rule)

अंग्रेजी शासन के विरुद्ध महत्वपूर्ण विद्रोह (Significant rebellion against British rule)


आन्दोलन (विद्रोह)

 

प्रभावित क्षेत्र

 

संबंवित नेता, नेतृत्व

 

समय

 

1. संन्यासी विद्रोह

बिहार, बंगाल

केना सरकार, दिर्जिनारायण

1760-1800 ई.

2. फकीर विद्रोह

बंगाल

मजनुनशाह एवं चिराग अली

1776-77 ई.

3. पहाड़िया विद्रोह

बिहार (भागलपुर)

तिलका मांझी

1779 ई.

4. चुआरो विद्रोह

बाँकुड़ा (बंगाल)

करणगढ़ की रानी सिरोमणी एवं दुर्जन सिंह

1798 ई.

5. चेरो विद्रोह

झारखंड (पलामू)

भूषण सिंह

1800 ई.

6. पॉलीगरों का विद्रोह

तमिलनाडु

वीर. पी. काट्टावाम्मान

1799-01 ई.

7. वेलाटम्पी विद्रोह

ट्रावणकोर

मेलुथाम्पी

1808-09 ई.

. भील विद्रोह

पश्चिमी घाट

सेवाराम

1825-31 ई.

9. रामोसी विद्रोह

पश्चिमी घाट

चित्तर सिंह

1822-29

10. पागलपंथी विद्रोह

असम

टीपू

1825-27 ई.

11. अहोम विद्रोह

असम

गोमधर कुँवर

1828 ई.

12. बहावी आन्दोलन

बिहार, उत्तर प्रदेश

सैय्यद अहमद तुतीमीर

1831 ई.

13. कोल आन्दोलन

छोटानागपुर (झारखंड)

गोमधर कुँवर

1831-32 ई.

14. भूमिज विद्रोह

झारखंड (राँची)

गंगा नारायण हंगामा

1832 ई.

15. खासी विद्रोह

असम

तीरत सिंह

1833 ई.

16. कंध विद्रोह

उड़ीसा

चक्र बिसोई

1837 ई.

17. फरायजी आन्दोलन

बंगाल

शरीयातुल्ला टूटू मियां

1838-48 ई.

18. नील विद्रोह

बंगाल, बिहार

तिरुत सिंह

1854-62 ई.

19. संथाल विद्रोह

बंगाल एवं बिहार

सिद्धू-कान्हू

1855-56 ई.

20. मुंडा विद्रोह

 

झारखंड

बिरसा मुंडा

1899-1900 ई.

21. पाइक विद्रोह

उड़ीसा

वख्शी जगबन्धु

1817-1825 ई.

22. नील आन्दोलन

बंगाल

दिगम्बर

1859-60 ई.

23. पाबना विद्रोह

पावना (बंगाल)

ईशानचन्द्र राय एवं शंभूपाल

1873-76 . ई.

24. दक्कन विद्रोह

महाराष्ट्र

-

1874-75 ई.

25. मोपला विद्रोह

मालाबार (केरल)

अली मुसलियार

1920-22 ई.

26. कूका आन्दोलन

पंजाब

भगत जवाहर मल

 

27. रंपाओ का विद्रोह

आन्ध्र प्रदेश

सीताराम राजू

1879-1922 ई.

28. ताना भगत आन्दोलन

बिहार

जतरा भगत

1914 ई.

29. तेभागा आन्दोलन

बंगाल

कम्पाराम सिंह एवं भवन सिंह

1946 ई.

30. तेलंगाना आन्दोलन

आन्ध्र प्रदेश

-

1946 ई.


> तिलका मांझी ने भागलपुर के प्रथम कलक्टर अगस्टस क्लेबलैंड को 1784 ई. में तीर एवं धनुष से जख्मी कर दिया था जिससे उसकी मृत्यु हो गयी। इसी कारण उसे गिरफ्तार कर 1785ई. में के बीच चौराहे पर बरगद के पेड़ से लटकाकर फाँसी दे दी गई ।
> भागलपुर से राजमहल के बीच का क्षेत्र, जो दामन-ए-कोह के नाम से जाना जाता था, संथाल बहुल क्षेत्र था। गैर आदिवासी एवं अंग्रेजों के अत्याचार से तंग आकर यहाँ के संथालों ने अपने आपको संगठित कर लिया। संथालों को उद्प्रेरित करने का कार्य भगनाडीह गाँव के चुलू संथाल के चार पुत्र-सिद्ध, कान्हू, चाँद और भैरव ने किया।
> सिद्धू ने अपने आप को ठाकुर का अवतार घोषित किया। जुलाई 1855 में संथाल विद्रोह प्रारंभ हुआ । सशस्त्र विद्रोह के प्रारंभ दीसी नामक स्थान में अत्याचारी दरोगा महेश लाल की हत्या से हुआ।
> बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर, 1875 ई. को पलामू जिले के तमाड़ के निकट उलीहातू नामक गाँव में हुआ था। 1895 में बिरसा ने अपने आप को ईश्वर का दूत घोषित किया।

1857 ई. की महान क्रांति
> 1856 में अंग्रेजों ने पुरानी बंदूक ब्राऊन बैस के स्थान पर नई एनफील्ड राइफल को प्रयोग करने का निर्णय लिया। उसके लिए जो कारतूस बनाए गए उन्हें राइफल में भरने से पहले मुँह से खोलना पड़ता था। इन कारतूसों में गाय और सुअर की चर्बी का प्रयोग किया गया था ।
> यह चर्बी वाला कारतूस ही 1857 की क्रांति का प्रमुख कारण बना।
> 29 मार्च, 1857 ई. को मंगल पांडे नामक एक सैनिक ने बैरकपुर में गाय की चर्बी मिले कारतूसों को मुँह से काटने से स्पष्ट मना कर दिया था, फलस्वरूप उसे गिरफ्तार कर 8 अप्रैल, 1857 को

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