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स्वतंत्र प्रान्तीय राज्य (Independent provincial state)

स्वतंत्र प्रान्तीय राज्य (Independent provincial state)


जौनपुर
> जौनपुर की स्थापना फिरोजशाह तुगलक ने अपने भाई जौना खाँ की स्मृति में की थी।
> जौनपुर में स्वतंत्र शर्की राजवंश की स्थापना मलिक सरवर (ख्वाजा जहान) ने की थी।
> ख्वाजा जहान को मलिक-उस-शर्क ( पूर्व का स्वामी) की उपाधि 1394 ई. में फिरोजशाह तुगलक के पुत्र सुल्तान महमूद ने दी थी।
> जौनपुर के अन्य प्रमुख शासक थे : मुबारकशाह (1399-1402 ई.), शम्सुद्दीन इब्राहिमशाह (1402-1436 ई.), महमूद शाह (1436-51 ई.) एवं अंतिम शासक हुसैनशाह (1458-1500 ई.)।
> लगभग 75 वर्ष तक स्वतंत्र रहने के बाद जौनपुर पर बहलोल लोदी ने कब्जा कर लिया।
> शर्की शासन के अन्तर्गत, विशेषकर इब्राहिमशाह के समय में, जौनपुर में साहित्य एवं स्थापत्यकला के क्षेत्र में हुए विकास के कारण जौनपुर को भारत के सिराज के नाम से जाना गया।
> अटालादेवी की मस्जिद का निर्माण 1408 ई. में शर्की सुल्तान इब्राहिम शाह द्वारा किया गया था।
> अटाला देवी मस्जिद का निर्माण कन्नौज के राजा विजयचन्द्र द्वारा निर्मित अटाला देवी के मंदिर को तोड़कर किया गया था।
> जामा मस्जिद का निर्माण 1470 ई. में हुसैनशाह शर्की के द्वारा किया गया था।
> झँझरी मस्जिद 1430 ई. में इब्राहिम शर्की के द्वारा एवं लाल दरवाजा मस्जिद का निर्माण मुहम्मदशाह के द्वारा 1450 ई. में किया गया था।

कश्मीर
> सूहादेव नामक एक हिन्दू ने 1301 ई. में कश्मीर में हिन्दू राज्य की स्थापना की थी।
> 1339-40 ई. में कश्मीर में शाहमीर के द्वारा प्रथम मुस्लिम वंश की स्थापना की गयी। कश्मीर का प्रथम मुस्लिम शासक शाहमीर था, जो शम्सुद्दीन शाह मीर के नाम से गद्दी पर बैठा।
> इसने अपनी राजधानी इन्द्रकोट में स्थापित की ।
> अलाउद्दीन ने राजधानी इन्द्रकोट से हटाकर अलाउद्दीनपुर (श्रीनगर) में स्थापित की।
> हिन्दू मंदिरों एवं मूर्तियों को तोड़ने के कारण सुल्तान सिकन्दर शाह को बुतशिकन कहा गया।
> 1420 ई. में जैन-उल-आबदीन सिंहासन पर बैठा। इसकी धार्मिक सहिष्णुता के कारण इसे 'कश्मीर का अकबर' कहा गया।
> जैन-उल-आबदीन फारसी, संस्कृत, कश्मीरी, तिब्बती आदि भाषाओं का ज्ञाता था। इसने महाभारत एवं राजतरंगिणी को फारसी में अनुवाद करवाया।
> 1588 ई. में अकबर ने कश्मीर को मुगल साम्राज्य में मिला लिया।

बंगाल
> इख्तियारुद्दीन मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी ने बंगाल को दिल्ली सल्तनत में मिलाया।
> गयासुद्दीन तुगलक ने बंगाल को तीन भागों में विभाजित किया- लखनौती (उ. बंगाल),सोनारगाँव (पू. बंगाल) वसतगाँव (द. बंगाल)।
> 1345 ई. में हाजी इलियास बंगाल के विभाजन को समाप्त कर शम्सुद्दीन इलियास शाह के नाम से बंगाल का शासक बना।
> पांडुआ में अदीना मस्जिद का निर्माण 1364 ई. में सुल्तान सिकन्दर शाह ने करवाया था।
> बंगाल का शासक गयासुद्दीन आजमशाह (1389-1409 ई.) अपनी न्यायप्रियता के लिए प्रसिद्ध था।
अलाउद्दीन हुसैन शाह (1493-1518 ई.) ने राजधानी को पांडुआ से गौड़ स्थानान्तरित किया।
> महाप्रभु चैतन्य अलाउद्दीन के समकालीन थे । अलाउद्दीन ने सत्यपीर नामक आन्दोलन की शुरुआत की ।
> मालाधर बसु ने अलाउद्दीन के शासनकाल में ही श्रीकृष्ण विजय की रचना कर गुणराजखान की उपाधि धारण की इनके बेटे को सत्यराजखान की उपाधि दी गई ।
> नासिरुद्दीन नुसरत शाह ने गौड़ में बड़ासोना एवं कदम रसूल मस्जिद का निर्माण करवाया ।
> बाबर के आक्रमण के समय बंगाल का शासक नुसरत शाह था।

मालवा
> दिलावर खाँ ने 1401 ई. में मालवा को स्वतंत्र घोषित किया।
> दिलावर का पुत्र अलप खाँ, हुशंगशाह की उपाधि धारण कर 1405 ई. में मालवा का शासक बना । इसने अपनी राजधानी को धारा से मांडू स्थानान्तरित किया।
> मालवा में खिलजी वंश की स्थापना महमूद शाह ने की।
> गुजरात के शासक बहादुरशाह ने महमूद शाह II को युद्ध में परास्त कर उसकी हत्या कर दी और मालवा को गुजरात में मिला लिया।
> मांडू के किले, हिंडोला भवन या दरबार हॉल का निर्माण हुशंगशाह ने करवाया था। इस किले में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है- -दिल्ली दरवाजा।
> जहाजमहल का निर्माण गयासुद्दीन खिलजी ने मांडू में करवाया था ।
कुश्कमहल को महमूद खिलजी ने फतेहाबाद नामक स्थान पर बनवाया था।

गुजरात
> गुजरात के शासक राजाकर्ण को पराजित कर अलाउद्दीन ने 1297 ई. में इसे दिल्ली-सल्तनत में मिला लिया था।
> 1391 ई. में मुहम्मदशाह तुगलक द्वारा नियुक्त गुजरात का सूबेदार जफर खाँ ने सुल्तान मुजफ्फरशाह' की उपाधि ग्रहण कर 1407 ई. मैं गुजरात का स्वतंत्र सुल्तान बना।
> गुजरात के प्रमुख शासक थे : अहमदशाह (1411 52ई.) महमूदशाह बेगड़ा (1458-1511 ई.) और बहादुर शाह ( 15261537 ई.)।
> अहमदशाह ने असावल के निकट साबरमती नदी के किनारे अहमदाबाद नामक नगर बसाया और पाटन से राजधानी हटाकर अहमदाबाद को राजधानी बनाया।
> गुजरात का सबसे प्रसिद्ध शासक महमूद बेगड़ा था।
> महमूद बेगड़ा ने गिरनार के निकट मुस्तफाबाद नामक नगर और चम्पानेर के निकट मुहम्मदाबाद नगर बसाया ।
> 1572 ई. में अकबर ने गुजरात को मुगल साम्राज्य में मिला लिया।

मेवाड़
> अलाउद्दीन खिलजी ने 1303 ई. में मेवाड़ के गुहिलौत राजवंश के रत्नसिंह को पराजित कर मेवाड़ को दिल्ली सल्तनत में मिला लिया।
> गुहिलौत वंश की एक शाखा सिसोदिया वंश के हम्मीरदेव ने मुहम्मद तुगलक को हराकर पूरे मेवाड़ को स्वतंत्र करा लिया ।
> राणा कुम्भा ने 1448 ई. में चित्तौड़ में एक विजय-स्तंभ की स्थापना की।
> खानवा का युद्ध 1527 ई. में राणा साँगा एवं बाबर के बीच हुआ, जिसमें बाबर विजयी हुआ।
> 1576 ई. में हल्दीघाटी का युद्ध राणा प्रताप एवं अकबर के बीच हुआ, जिसमें अकबर विजयी हुआ।
> मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़गढ़ थी । जहाँगीर ने मेवाड़ को मुगल साम्राज्य में मिला लिया।

खानदेश
> तुगलक वंश के पतन के समय फिरोजशाह तुगलक के सूबेदार मलिक अहमद राजा फारूकी ने नर्मदा एवं ताप्ती नदियों के बीच 1382 ई. में खानदेश की स्थापना की।
> खानदेश की राजधानी बुरहानपुर थी। इसका सैनिक मुख्यालय असीरगढ़ था।
> 1601 ई. में अकबर ने खानदेश को मुगल साम्राज्य में मिला लिया।

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भारत का इतिहास      उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में समुद्र तक फैला यह उपमहाद्वीप भारतवर्ष के नाम से ज्ञात है, जिसे महाकाव्य तथा पुराणों में भारतवर्ष' अर्थात् 'भरतों का देश' तथा यहाँ के निवासियों को भारती अर्थात्भ रत की संतान कहा गया है। भरत एक प्राचीन कबीले का नाम था। प्राचीन भारतीय अपने देश को जम्बूद्वीप अर्थात् जम्बू (जामुन) वृक्षों का द्वीप कहते थे। प्राचीन ईरानी इसे सिन्धु नदी के नाम से जोड़ते थे, जिसे वे सिन्धु न कहकर हिन्दू कहते थे यही नाम फिर पूरे पश्चिम में फैल गया और पूरे देश को इसी एक नदी के नाम से जाना जाने लगा। यूनानी इसे "इंदे" और अरब इसे हिन्द कहते थे मध्यकाल में इस देश को हिन्दुस्तान कहा जाने लगा यह शब्द भी फारसी शब्द "हिन्दू" से बना है। यूनानी भाषा के "इंदे" के आधार पर अंग्रेज इसे "इंडिया कहने लगे।     विध्य की पर्वत-शृंखला देश को उत्तर और दक्षिण, दो भागों में बाँटती है। उत्तर में इंडो यूरोपीय परिवार की भाषाएँ बोलने वालों की और दक्षिण में द्रविड़ परिवार की भाषाएँ बोलने वालों का बहुमत है। नोट : भारत की जनसंख्या का निर्मा

Sangam era (संगम युग)

Sangam era (संगम युग) * ऐतिहासिक युग के प्रारंभ में दक्षिणण भारत का क्रमवद्ध इतिहास हमे जिस साहित्य से ज्ञात होता है उसे संगम साहित्य कहा जाता है। संगम शब्द का अर्थ परिषद् अथवा गोष्टी होता है जिनमें तमिल कवि एवं विद्वान एकत्र होते थे। प्रत्येक कवि अथवा लेखक अपनी रचना ओ को संगम के समक्ष प्रस्तुत करता था तथा इसकी स्वीकृति प्राप्त हो जाने के बाद ही किसी भी रचना का प्रकाशन सभव था। नोट : कवियों और विद्वानों की परिष के लिए ंगम नाम का प्रयोग *सर्वप्रथम सातवीं सदी के प्रारंभ में शैव सन्त (नायनार) तिरूनावुक्क रशु (अष्यार) ने किया। * परम्परा के अनुसार अति प्राचीन समय में पाण्ड्य राजाओं संरक्षण में कुल तीन संगम आयोजित किए गए इनमें संकलित साहित्य को ही संगम साहित्य की संज्ञा प्रदान की गयी। उपलब्ध संगम साहित्य का विभाजन तीन भागों में किया जाता है।  1 पत्युष्पानु  2 इत्युयोकै तथा  3. पादिनेन कीलकन्क्कु। *  तिरुवल्लुवर  कृत कुराल तमिल साहित्य का एक आधारभूत ग्रंथ बताया जाता है। इसके विषय त्रिवर्ग आचारशास्त्र, राजनीति आर्थिक जीवन एवं प्रणय से संबंधित है * इलांगो कृत शिल्पादिकारम् एक उल्कृष्ट रचना है ज

मराठों का उत्कर्ष (Marathas high)

  मराठों का उत्कर्ष (Marathas high) > मराठा साम्राज्य का संस्थापक शिवाजी थे शिवाजी का जन्म 6 अप्रैल, 1627 ई. में शिवनेर दुर्ग (जुन्नार के समीप) में हुआ था > शिवाजी के पिता का नाम शाहजी भोंसले एवं माता का नाम जीजाबाई था। > शाहजी भोंसले की दूसरी पत्नी का नाम तुकाबाई मोहिते था । > शिवाजी के आध्यात्मिक क्षेत्र में शिवाजी के आचरण पर गुरु रामदास का काफी प्रभाव था। > शिवाजी का विवाह साइबाई निम्बालकर से 1640 ई. में हुआ।  > शिवाजी के  गुरु कोंडदेव थे। > शाहजी ने शिवाजी को पूना की जागीर प्रदान कर स्वयं बीजापुर रियासत में नौकरी कर ली। > अपने सैन्य अभियान के अन्तर्गत 1644 ई. में शिवाजी ने सर्वप्रथम बीजापुर के तोरण नामक पहाड़ी किले पर अधिकार किया। > 1656 ई. में शिवाजी ने रायगढ़ को अपनी राजधानी बनाया। > शिवाजी को राजा की उपाधि औरंगजेब ने दी थी > बीजापुर के सुल्तान ने अपने योग्य सेनापति अफजल खों को सितम्बर, 1659 ई. में शिवाजी को पराजित करने के लिए भेजा। > शिवाजी ने 10 नवम्बर, 1659 को अफ़जल खाँ की हत्या कर दी। > शिवाजी ने सूरत को 1664 ई. एवं 1670 ई. में लूटा । &g

Maurya Empire (मौर्य साम्राज्य)

 Maurya Empire (मौर्य साम्राज्य)  * मौर्य वंश का संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य का जन्म 345 ई. पू. में हुआ था। जस्टिन ने चन्द्रगुप्त मौर्य को सेन्ड्रोकोट्टस कहा है, जिसकी पहचान विलियम जोन्स ने चन्द्रगुप्त मौर्य से की है। * विशाखदत्त कृत मुद्राराक्षस में चन्द्रगुप्त मौर्य के लिए वृषल (आशय-निम्न कुल में उत्पन्न) शब्द का प्रयोग किया गया * घनानंद को हराने में चाणक्य (कौटिल्य/विष्णुगुप्त) ने चन्द्रगुप्त मौर्य की मदद की थी, जो बाद में चन्द्रगुप्त का प्रधानमंत्री बना। इसके द्वारा लिखित पुस्तक अर्थशास्त्र है, जिसका संबंध राजनीति से है। * चन्द्रगुप्त मगध की राजगद्दी पर 322 ईसा पूर्व में बैठा। चन्द्रगुप्त जैनधर्म का अनुयायी था । * चन्द्रगुप्त ने अपना अंतिम समय कर्नाटक के श्रवणबेलगोला नामक स्थान पर बिताया । * चन्द्रगुप्त ने 305 ईसा पूर्व में सेल्यूकस निकेटर को हराया। * सेल्यूकस निकेटर ने अपनी पुत्री कार्नेलिया की शादी चन्द्रगुप्त मौर्य के साथ कर दी और युद्ध की संधि शर्तो के अनुसार चार प्रांत काबुल, कन्यार, हेरात एवं मकरान चन्द्रगुप्त को दिए। * चन्द्रगुप्त मौर्य  ने जैनी गुरु भद्रबाहु से जैनधर्म की दी

Sikander Mahan (सिकंदर महान)

Sikander Mahan (सिकंदर महान) *  सिकन्दर का जन्म 356 ईसा पूर्व में हुआ। *  सिकन्दर के पिता का नाम फिलिप था। *  फिलिप 359 ईसा पूर्व में मकदूनिया का शासक बना। इसकी हत्या 329 ईसा पूर्व में कर दी गयी। *  सिकन्दर अरस्तू का शिष्य था। * सिकन्दर ने भारत-विजय का अभियान 326 ईसा पूर्व में प्रारंभ किया। * सिकन्दर का सेनापति सेल्यूकस निकेटर था। * सिकन्दर को पंजाब के शासक पीरस के साथ युद्ध करना पड़ा, जिसे हाइडेस्पीज के युद्ध या झेलम (वितस्ता) का युद्ध के नाम से जाना जाता है। * सिकन्दर की सेना ने व्यास नदी के पश्चिमी तट पर पहुँचकर उसे पार करने से इन्कार कर दिया। * सिकन्दर स्थल-मार्ग द्वारा 325 ईसा पूर्व में भारत से लीटा। * सिकन्दर की मृत्यु 323 ईसा पूर्व में बेबीलोन में 33 वर्ष की अवस्था में हो गयी। * सिकन्दर का जल-सेनापति था-निर्याकस। * सिकन्दर का प्रिय घोड़ा बऊकेफला था। इसी के नाम पर इसने झेलम नदी के तट पर बऊकेफला नामक नगर बसाया। भारत का इतिहास  ,  प्राचीन भारत  

Vakataka Dynasty (वाकाटक राजवंश)

Vakataka Dynasty (वाकाटक राजवंश) *  वाकाटक राजवंश की स्थापना 255 ई. के लगभग विन्ध्यशक्ति नामक व्यक्ति ने की थी। इसके पूर्वज सातवाहनों के अधीन बरार (विद्भ) के स्थानीय शासक थे। *  विन्ध्यशक्ति के पश्चात उसका पुत्र प्रवरसेन प्रथम (275-335 ई.) शासक हुआ। वाकाटक वंश का वह अकेला ऐसा शासक था जिसने सम्राट की उपाधि धारण की थी। पुराणों से पता चलता है कि इसने चार अश्वमेध यज्ञ किया था । *  प्रवरसेन के पश्चात वाकाटक साम्राज्य दो शाखाओ में विभक्त हो गया-प्रधान शाखा तथा बासीय (वरसगुल्म) शाखा। दोनों शाखाएँ समानान्तर रूप से शासन किया। *  प्रधान शाखा के प्रमुख राजा-रूद्रसेन प्रथम (335-360ई.), प्रभावती गुप्ता का संरक्षण काल (390-410), प्रवरसेन द्वितीय (41-440 ई.) नरेन्द्र सेन (440-460 ई.), पृथ्वीसेन द्वितीय (460-480 ई.) *  गुप्त शासक चन्द्रगुप्त द्वितीय ने अपनी पुत्री प्रभावती गुप्ता का विवाह वाकाटक नरेश रूद्रसेन द्वितीय से किया वाकाटकों का राज्य गुप्त एवं शक राज्यों के बीच था। राज्यों पर विजय प्राप्त करने के लिए चन्द्रगुप्त-II ने इस संबंध को स्थापित किया था बिवाह के समय बाद रूद्रसेन द्वितीय की मृत्यु हो

खिलजी वंश (Khilji Dynasty)

  खिलजी वंश : 1290 से 1320 ई.(Khilji Dynasty: 1290 to 1320 AD) > गुलाम वंश के शासन को समाप्त कर 13 जून, 1290 ई. को जलालुद्दीन फिरोज खिलजी ने खिलजी वंश की स्थापना की । > इसने किलोखरी को अपनी राजधानी बनाया। > जलालुद्दीन की हत्या 1296 ई. में उसके भतीजा एवं दामाद अलाउद्दीन कड़ामानिकपुर (इलाहाबाद) में कर दी। > खिलजी ने 22 अक्टू.1296 में अलाउद्दीन दिल्ली का सुल्तान बना। > अलाउद्दीन के बचपन का नाम अली तथा गुरशास्प था। > अलाउद्दीन खिलजी ने सेना को नकद वेतन देने एवं स्थायी सेना की नींव रखी। दिल्ली के शासकों में अलाउद्दीन खिलजी के पास सबसे विशाल स्थायी सेना थी । Note :- अमीर खुसरो का मूल नाम मुहम्मद हसन था। उसका जन्म पटियाली (पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बदायूँ के पास) में 1253 ई. में हुआ था। खुसरो प्रसिद्ध सूफी संत शेख निजामुद्दीन औलिया के शिष्य थे। वह बलबन से लेकर मुहम्मद तुगलक तक दिल्ली सुल्तानों के दरबार में रहे । इन्हें तुतिए हिन्द (भारत का तोता) के नाम से भी जाना जाता है। सितार एवं तबले के आविष्कार का श्रेय अमीर खुसरो को ही दिया जाता है । > अलाउद्दीन ने भूराजस्व की दर को ब

Vaishnava Dharma वैष्णव धर्म

वैष्णव धर्म *   वैष्णव धर्म के विषय में प्रारंभिक जानकारी उपनिपदों से मिलती है। इसका विकास भगवत धर्म से हुआ। नारायण के पूजक मूलतः पंचरात्र कहे जाते थे । * वैष्णव धर्म के प्रवर्तक कृष्ण थे, जो वृषण कबीले के थे और जिनका निवास स्थान मथुरा था। * कृष्ण का उल्लेख सर्वप्रथम छांदोग्य उपनिषद् में देवकी पुत्र और अंगिरस के शिष्य के रूप में हुआ है। वासुदेव कृष्ण का सबसे प्रारंभिक  अभिलेखीय उल्लेख बेसनगर स्तम्भ अभिलेख में पाया गया है। * विष्णु  के दस अवतारों का उल्लेख मत्स्यपुराण में मिलता है। दस अवतार इस प्रकार है-मत्य, कू्म, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, बलराम, बुद्ध एवं कल्कि । गुप्तकाल में विष्णु का वराह अवतार सर्वाधिक प्रसिद्ध था। * वैष्णव धर्म में ईश्वर को प्राप्त करने के लिए सर्वाधिक महत्व भक्ति को दिया गया है। नोट : भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र में छः तिलियाँ हैं। प्रमुख सम्प्रदाय, मत एवं आचार्य प्रमुख सम्प्रदाय                     मत                           आचार्य वैष्णव सम्प्रदाय                          विशिष्टाद्वैत              रामानुज ब्राह्मण सम्प्रदाय                      द्