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1857 ई. की महान क्रांति (The great revolution of 1857 AD)


1857 ई. की महान क्रांति (The great revolution of 1857 AD)


> 1856 में अंग्रेजों ने पुरानी बंदूक ब्राऊन बैस के स्थान पर नई एनफील्ड राइफल को प्रयोग करने का निर्णय लिया । उसके लिए जो कारतस बनाए गए उन्हें राइफल में भरने से पहले मुँह से खोलना पड़ता था। इन कारतूसों में गाय और सुअर की चर्बी का प्रयोग किया गया था। यह चर्बी वाला कारतूस ही 1857 की क्रांति का प्रमुख कारण बना।
> 29 मार्च, 1857 ई. को मंगल पांडे नामक एक सैनिक ने बैरकपुर में गाय की चर्बी मिले कारतूसों को मुँह से काटने से स्पष्ट मना कर दिया था, फलस्वरूप उसे गिरफ्तार कर 8 अप्रैल, 1857 को फाँसी दे दी गई। मंगल पांडे का संबंध 34वाँ बंगाल नेटिव इन्फैन्ट्री(BNI ) से था।
> 10 मई, 1857 के दिन मेरठ की पैदल टुकड़ी 20N.I से 1857ई. की क्रांति की शुरुआत हुई।
> 1857 ई. में क्रांति के समय भारत का गवर्नर जेनरल लॉर्ड कैनिंग वं इंग्लैड के प्रधानमंत्री पार्मस्टेन (लिबरल) थे ।
नोट : अंग्रेजी भारतीय सेना का निर्माण 1748 ई. में आरंभ हुआ । उस समय मेजर स्ट्रिजर लॉरेंस को अंग्रेजी भारतीय सेना का जनक पुकारा गया।
> 1857 की क्रांति के असफलता के उपरान्त सेना में अंग्रेज सैनिकों और पदाधिकारियों की संख्या में वृद्धि की गयी। बंगाल की सेना में भारतीयों और अंग्रेज सैनिकों का अनुपात 2 : 1 का रखा गया, बम्बई और मद्रास की सेनाओं में यह अनुपात 5:2 का रखा गया।
> 1857 के मामले की जाँच हेतु पील कमीशन को नियुक्त किया गया था।
> बिहार, अबध तथा अन्य उन स्थानों के व्यक्तियों को, जिन्होंने 1857 ई. के क्रांति में भाग लिया था, गैर लड़ाकू घोषित किया गया और सेना में उनकी संख्या कम कर दी गई तथा सिख, गोरखा और पठानों को जिन्होंने 1857 के क्रांति को दबाने में अंग्रेजों की मदद की थी, लड़ाकू जातियाँ घोषित की गयी और उन्हें बड़ी संख्या में सेना में भर्ती किया गया ।
नोट : भारतीय को सेना में ऊँचे से ऊँचा प्राप्त होने वाला पद सूबेदार का था।
> ह्यूरोज ने लक्ष्मीबाई की वीरता से प्रभावित होकर कहा था कि क्रांतिकारियों में वह एक अकेली मरद थी ।
> 1857 ई. की क्रांति के बारे में इतिहासकारों का मत 

1. यह भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम था :- बी. डी. सावरकर
2. यह राष्ट्रीय विद्रोह था :- डिजरायली
3. यह पूर्णतया सिपाही विद्रोह था :- सर जॉन लॉरेन्स एवं सीले
4. यह अंग्रेजों के विरुद्ध हिन्दू एवं मुसलमानों का षड्यंत्र था :- जेम्स आउट्रम, डब्ल्यू. टेलर
5. बर्बरता तथा सभ्यता के बीच युद्ध था:-  टी. आर होम्स
6. यह धर्मान्धों का ईसाइयों के विरुद्ध युद्ध था:-  एल. ई. आर. रीज़

1857 ई. की महान क्रांति के प्रमुख केन्द्र

केन्द्र

भारतीय नायक

विद्रोह की तिथि

ब्रिटिश नायक

(विव्रोह दवाने वाला)

तिथि

(विद्रोह दवाने का)

दिल्ली

बहादुरशाह जफर, बख्त खाँ (सैन्य नेतृत्व)

11, 12 मई, 1857 ई.

निकलसन (मारा गया) एवं हडसन

21 सितम्बर, 1857 ई.

कानपुर

नाना साहब (धुन्थु पंत), तात्या टोपे (सैन्य नेतृत्व)

5 जून, 1857 ई.

कैंपबेल

6 सितम्बर, 1857 ई.

लखनऊ

बेगम हजरत महल

4 जून, 1857

हेनरी लॉरेन्स (मारा गया), कैंपबेल

मार्च, 1858 ई.

झाँसी

रानी लक्ष्मीबाई

जून, 1857 ई.

ह्यूरोज*

3 अप्रैल, 1858 ई.

इलाहाबाद

लियाकत अली

1857 ई.

कर्नल नील

1858 ई.

जगदीशपुर

कुँअर सिंह

अगस्त, 1857

. विलियम टेलर एवं विंसेट आयर

1858 ई.

बरेली

खान बहादुर खाँ

1857 ई.

हडसन

1858 ई.

फैजाबाद

मौलवी अहमद उल्ला

1857 ई.

कर्नल नील

1858 ई.

फतेहपुर

अजीमुल्ल्ला

1857 ई.

जेनरल रेनर्ड

1858 ई.

नोट : तात्या टोपे का वास्तविक नाम रामचन्द्र पांडुरंग था। 18 अप्रैल, 1859 को शिवपुरी में अंग्रेजों द्वारा इन्हें फाँसी पर लटका दिया गया था।


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Sangam era (संगम युग) * ऐतिहासिक युग के प्रारंभ में दक्षिणण भारत का क्रमवद्ध इतिहास हमे जिस साहित्य से ज्ञात होता है उसे संगम साहित्य कहा जाता है। संगम शब्द का अर्थ परिषद् अथवा गोष्टी होता है जिनमें तमिल कवि एवं विद्वान एकत्र होते थे। प्रत्येक कवि अथवा लेखक अपनी रचना ओ को संगम के समक्ष प्रस्तुत करता था तथा इसकी स्वीकृति प्राप्त हो जाने के बाद ही किसी भी रचना का प्रकाशन सभव था। नोट : कवियों और विद्वानों की परिष के लिए ंगम नाम का प्रयोग *सर्वप्रथम सातवीं सदी के प्रारंभ में शैव सन्त (नायनार) तिरूनावुक्क रशु (अष्यार) ने किया। * परम्परा के अनुसार अति प्राचीन समय में पाण्ड्य राजाओं संरक्षण में कुल तीन संगम आयोजित किए गए इनमें संकलित साहित्य को ही संगम साहित्य की संज्ञा प्रदान की गयी। उपलब्ध संगम साहित्य का विभाजन तीन भागों में किया जाता है।  1 पत्युष्पानु  2 इत्युयोकै तथा  3. पादिनेन कीलकन्क्कु। *  तिरुवल्लुवर  कृत कुराल तमिल साहित्य का एक आधारभूत ग्रंथ बताया जाता है। इसके विषय त्रिवर्ग आचारशास्त्र, राजनीति आर्थिक जीवन एवं प्रणय से संबंधित है * इलांगो कृत शिल्पादिकारम् एक उल्कृष्ट रचना है ज

खिलजी वंश (Khilji Dynasty)

  खिलजी वंश : 1290 से 1320 ई.(Khilji Dynasty: 1290 to 1320 AD) > गुलाम वंश के शासन को समाप्त कर 13 जून, 1290 ई. को जलालुद्दीन फिरोज खिलजी ने खिलजी वंश की स्थापना की । > इसने किलोखरी को अपनी राजधानी बनाया। > जलालुद्दीन की हत्या 1296 ई. में उसके भतीजा एवं दामाद अलाउद्दीन कड़ामानिकपुर (इलाहाबाद) में कर दी। > खिलजी ने 22 अक्टू.1296 में अलाउद्दीन दिल्ली का सुल्तान बना। > अलाउद्दीन के बचपन का नाम अली तथा गुरशास्प था। > अलाउद्दीन खिलजी ने सेना को नकद वेतन देने एवं स्थायी सेना की नींव रखी। दिल्ली के शासकों में अलाउद्दीन खिलजी के पास सबसे विशाल स्थायी सेना थी । Note :- अमीर खुसरो का मूल नाम मुहम्मद हसन था। उसका जन्म पटियाली (पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बदायूँ के पास) में 1253 ई. में हुआ था। खुसरो प्रसिद्ध सूफी संत शेख निजामुद्दीन औलिया के शिष्य थे। वह बलबन से लेकर मुहम्मद तुगलक तक दिल्ली सुल्तानों के दरबार में रहे । इन्हें तुतिए हिन्द (भारत का तोता) के नाम से भी जाना जाता है। सितार एवं तबले के आविष्कार का श्रेय अमीर खुसरो को ही दिया जाता है । > अलाउद्दीन ने भूराजस्व की दर को ब

मराठों का उत्कर्ष (Marathas high)

  मराठों का उत्कर्ष (Marathas high) > मराठा साम्राज्य का संस्थापक शिवाजी थे शिवाजी का जन्म 6 अप्रैल, 1627 ई. में शिवनेर दुर्ग (जुन्नार के समीप) में हुआ था > शिवाजी के पिता का नाम शाहजी भोंसले एवं माता का नाम जीजाबाई था। > शाहजी भोंसले की दूसरी पत्नी का नाम तुकाबाई मोहिते था । > शिवाजी के आध्यात्मिक क्षेत्र में शिवाजी के आचरण पर गुरु रामदास का काफी प्रभाव था। > शिवाजी का विवाह साइबाई निम्बालकर से 1640 ई. में हुआ।  > शिवाजी के  गुरु कोंडदेव थे। > शाहजी ने शिवाजी को पूना की जागीर प्रदान कर स्वयं बीजापुर रियासत में नौकरी कर ली। > अपने सैन्य अभियान के अन्तर्गत 1644 ई. में शिवाजी ने सर्वप्रथम बीजापुर के तोरण नामक पहाड़ी किले पर अधिकार किया। > 1656 ई. में शिवाजी ने रायगढ़ को अपनी राजधानी बनाया। > शिवाजी को राजा की उपाधि औरंगजेब ने दी थी > बीजापुर के सुल्तान ने अपने योग्य सेनापति अफजल खों को सितम्बर, 1659 ई. में शिवाजी को पराजित करने के लिए भेजा। > शिवाजी ने 10 नवम्बर, 1659 को अफ़जल खाँ की हत्या कर दी। > शिवाजी ने सूरत को 1664 ई. एवं 1670 ई. में लूटा । &g

History of India, Vedic Civilization ( भारत का इतिहास ,वैदिक सभ्यता)

History of India, Vedic Civilization ( भारत का इतिहास ,वैदिक सभ्यता) *  वैदिककाल  का विभाजन दो भागों 1. ऋग्वेदिक  काल 1500-1000 ई. पू. और 2, उत्तर वैदिककाल-1000-600 ई. पू. में किया गया है। *  आर्य सर्वप्रथम पंजाब एवं अफगानिस्तान में बसे। मैक्समूलर ने आर्यों का मूल निवास-स्थान मध्य एशिया को माना है आर्यों द्वारा निर्मित सभ्यता वैदिक सभ्यता कहलाई। यह एक ग्रामीण सभ्यता थी। आयों की भाषा संस्कृत थी। नोट : आर्य शब्द भाषा-समूह को इंगित करता है। * आयों के प्रशासनिक इकाई आरोही क्रम से इन पाँच भागों में बाँटा था-कुल, ग्राम, विश  जन, राष्ट्र। ग्राम  के मुखिया ग्रामिणी, विशू का प्रधान विशपति एवं जन के शासक राजन कहलाते थे। * राज्याधिकारियों में पुरोहित एवं सेनानी प्रमुख थे। वसिष्ठ रुढ़िवादी एवं विश्वामित्र उदार पुरोहित थे। *  सूत, रथकार व कम्मादी  नामक अधिकारी रत्नी कहे जाते थे। इनकी संख्या राजा सहित करीब 12 हज़ार  हुआ  करती थी। * पुरप - दुर्गपति एवं  स्पर्श- जनता की गतिविधियों को देखने  वाले गुप्तचर होते थे  * वाजपति-गोचर भूमि का अधिकारी होता था।  * उग्र- अपराधियों को पकड़ने का कार्य करता था। नोट

Maurya Empire (मौर्य साम्राज्य)

 Maurya Empire (मौर्य साम्राज्य)  * मौर्य वंश का संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य का जन्म 345 ई. पू. में हुआ था। जस्टिन ने चन्द्रगुप्त मौर्य को सेन्ड्रोकोट्टस कहा है, जिसकी पहचान विलियम जोन्स ने चन्द्रगुप्त मौर्य से की है। * विशाखदत्त कृत मुद्राराक्षस में चन्द्रगुप्त मौर्य के लिए वृषल (आशय-निम्न कुल में उत्पन्न) शब्द का प्रयोग किया गया * घनानंद को हराने में चाणक्य (कौटिल्य/विष्णुगुप्त) ने चन्द्रगुप्त मौर्य की मदद की थी, जो बाद में चन्द्रगुप्त का प्रधानमंत्री बना। इसके द्वारा लिखित पुस्तक अर्थशास्त्र है, जिसका संबंध राजनीति से है। * चन्द्रगुप्त मगध की राजगद्दी पर 322 ईसा पूर्व में बैठा। चन्द्रगुप्त जैनधर्म का अनुयायी था । * चन्द्रगुप्त ने अपना अंतिम समय कर्नाटक के श्रवणबेलगोला नामक स्थान पर बिताया । * चन्द्रगुप्त ने 305 ईसा पूर्व में सेल्यूकस निकेटर को हराया। * सेल्यूकस निकेटर ने अपनी पुत्री कार्नेलिया की शादी चन्द्रगुप्त मौर्य के साथ कर दी और युद्ध की संधि शर्तो के अनुसार चार प्रांत काबुल, कन्यार, हेरात एवं मकरान चन्द्रगुप्त को दिए। * चन्द्रगुप्त मौर्य  ने जैनी गुरु भद्रबाहु से जैनधर्म की दी

Bodh Dharma (बौद्ध धर्म)

बौद्ध धर्म * बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध थे। इन्हें एशिया का ज्योति पुञ्ज (Light of Asia) कहा जाता है। * बुद्ध के जीवन से संबंधित बोद्ध धर्म के प्रतीक:- घटना                         प्रतीक जन्म                                  कमल एवं सांड गृहत्याग                      घोड़ा ज्ञान                                    पीपल (बोधि वृक्ष) निर्वाण                               पद-चिह्न मृत्यु                                    स्तूप *  गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में कपिलवस्तु के लुम्बिनी नामक स्थान पर हुआ था। *  इनके पिता शुद्धोधन शाक्य गण के मुखिया थे । *  इनकी माता मायादेवी की मृत्यु इनके जन्म के सातवें दिन ही हो गई थी। इनका लालन-पालन इनकी सौतेली माँ प्रजापति गौतमी ने किया था। *   इनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था। * गौतम बुद्ध का विवाह 16 वर्ष की अवस्था में यशोधरा के साथ हुआ। इनके पुत्र का नाम राहुल था । * सिद्धार्थ जब कपिलवस्तु की सैर पर निकले तो उन्होंने निम्न चार दृश्यों को क्रमशः देखा- 1. बूढ़ा व्यक्ति,  2. एक बीमार व्यक्ति, 3. शव एवं  4. एक संन्यासी। * सांसारिक समस्याओं से व्य